बंगाल में दो बहनों को बुरी तरह पीटा, ज़मीन पर घसीटा, तृणमूल नेता पर आरोप
पश्चिम बंगाल के पश्चिम दिनाजपुर ज़िले में दो महिलाओं के साथ बर्बरता करने, उन्हें बुरी तरह पीटने और उनके शरीर में रस्सी बाँध कर उन्हें घसीटने की ख़बर आई है। इस वारदात के पीछे सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के लोग बताए जाते हैं।
एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पश्चिम दिनाजपुर के फाटा नगर गाँव में एक महिला के पैरों को रस्सी से बाँध कर उसे सड़क पर घसीटता हुआ दिखाया जाता है। वहाँ एक भीड़ जमा है जो यह सब कर रही है। उस भीड़ की अगुआई कथित तौर पर पंचायत सदस्य और तृणमूल कांग्रेस के नेता अमल सरकार ने की।
इस वीडियो में दिखता है कि मैरून रंग का कपड़ा पहनी महिला को ज़मीन पर गिरा कर पीटा जा रहा है। उसका नाम स्मृतिकोना दास बताया गया है। उसे बचाने के लिए उसकी बड़ी बहन सोमा दास वहाँ गईं तो उन्हें भी ज़मीन पर गिरा कर पीटा गया। बाद में उन्हें भी ज़मीन पर घसीटा गया। तृणमूल कांग्रेस के ज़िला प्रमुख अर्पिता घोष ने अमल सरकार को निलंबित कर दिया है।
This is how women gets treated in @MamataOfficial 's Bengal. Where are those Human rights activists & feminists hiding now @narendramodi @me_locket @smritiirani @MinistryWCD @VijayaRahatkar @BJP4Bengal pic.twitter.com/hfmncI1BAC
— Keya Ghosh (@keyakahe) February 2, 2020
मामला क्या है
बताया जाता है कि इसके पीछे वजह ज़मीन है। गाँव में सड़क बनाई जा रही थी और इन महिलाओं की ज़मीन उसके रास्ते आ रही थी। पहले वे महिलाएं राज़ी हो गईं। पहले वह सड़क 12 फ़ीट की बननी थी, पर बाद में तय हुआ कि वह 24 फ़ीट की बनेगी। इससे उन महिलाओं की ज़मीन का बड़ा हिस्सा जा रहा था। इस पर उन्होंने विरोध किया।पर पंचायत वाले अड़े थे कि रास्ता तो वहीं से गुजरेगा और वह ज़मीन देनी ही होगी। इसी पर विरोध हो रहा था। यह विरोध आगे बढ़ा तो उन महिलाओं को गिरा कर मारा गया और ज़मीन पर घसीटा गया। दोनों महिलाओं को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, उन्हें अस्पताल से छोड़ा जा चुका है।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। उसमें अमल सरकार का नाम भी है और कहा गया है कि उन्होंने लोगों को मार पीट के लिए उकसाया। रविवार की रात तक किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया था।
राजनीतिक हिंसा
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा की वारदात पहले भी हुई है। कुछ दिन पहले राज्य के मुर्शिदाबाद ज़िले के जालंगी में गोली मार कर दो लोगों की हत्या कर दी गई थी। स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता तहीरुद्दीन पर हत्या का आरोप लगाया गया था। जिन लोगों की हत्या हुई, उनके नाम मक़बूल शेख और अनिरुद्ध बिस्वास थे।इसके पहले भी तृणमूल कांग्रेस और भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट के बीच संघर्ष हुआ था। उसके पहले कांग्रेस और सीपीएम के बीच भी ख़ूनी संघर्ष हुए थे।