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संदेशखाली केस के बीच देह व्यापार रैकेट के आरोप में बंगाल बीजेपी के नेता गिरफ्तार

संदेशखाली केस के बीच देह व्यापार रैकेट के आरोप में बंगाल बीजेपी के नेता गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल में अब बीजेपी नेता पर देह व्यापार का रैकेट चलाने को लेकर बड़ा आरोप लगा है। तो क्या अब बीजेपी और टीएमसी में आरोपों-प्रत्यारोपों का विवाद शुरू होगा? 

पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता सब्यसाची घोष को हावड़ा में देह व्यापार का रैकेट चलाने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया है। आरोप लगाया गया है कि सब्यसाची घोष के होटल में देह व्यापार का धंधा चलाया जा रहा था। टीएमसी ने इस घटना को लेकर बीजेपी पर हमला किया है। हाल के कुछ दिनों से संदेशखाली में कथित यौन उत्पीड़न को लेकर बीजेपी टीएमसी पर हमलावर रही है। लेकिन अब टीएमसी को एक मुद्दा मिल गया है। 

अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में, टीएमसी ने कहा, 'बीजेपी के नेता सब्यसाची घोष को हावड़ा के सांकराइल में अपने होटल में नाबालिग लड़कियों का वेश्यावृत्ति रैकेट चलाते हुए पकड़ा गया। पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया और 6 पीड़ितों को मौके से बचाया। यह बीजेपी है। वे बेटियों को नहीं बचाते हैं, वे दलालों बचाते हैं!'

 - Satya Hindi

यह संदेशखाली को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ पार्टी के जोरदार हमले के बीच आया है, जहां कई महिलाओं ने तृणमूल के ताकतवर नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों पर जमीन हड़पने और यौन शोषण का आरोप लगाया है।

बीजेपी पर हमला तेज करते हुए टीएमसी ने आरोप लगाया कि बंगाल पुलिस ने एक वेश्यावृत्ति रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो हावड़ा में सब्यसाची घोष के होटल में चल रहा था। 

टीएमसी यूथ विंग की नेता सयोनी घोष के एक बयान को पार्टी ने ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा है, 'भाजपा ममता बनर्जी की छवि खराब करने के लिए ओवरटाइम काम कर रही है। उसी भाजपा के हावड़ा किसान मोर्चा के सचिव सब्यसाची घोष को नाबालिग लड़कियों से वेश्यावृत्ति रैकेट चलाने के आरोप में सांकराइल के एक होटल से गिरफ्तार किया गया है।' उन्होंने कहा है, 'दूसरों पर ऊँगली उठाने से पहले अपने गिरेबाँ में तो झांक लेते। आपके जो कार्यकर्ता हैं, उनके कार्य को पहले देखें।'

यह घटनाक्रम तब हुआ जब संदेशखाली मुद्दे पर राज्य सरकार पर और दबाव बनाने की कोशिश कर रहे भाजपा महिला कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को सुबह क्षेत्र का दौरा करने से रोक दिया गया।

सांसद लॉकेट चटर्जी और विधायक अग्निमित्रा पॉल के नेतृत्व वाली भाजपा टीम को पुलिस ने निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए रोक दिया। पॉल ने दावा किया, 'पुलिस ने निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए हमें संदेशखाली में प्रवेश करने से मना कर दिया। राज्य सरकार सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रही है।'

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम भी शुक्रवार को संदेशखाली में पहुँची और वहां मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की मौके पर जांच कर तथ्यों का पता लगाएगी।

संदेशखाली में कई महिलाओं ने टीएमसी से जुड़े कई नेताओं के खिलाफ यौन शोषण और जमीन हड़पने के आरोप लगाए थे। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं ने आरोप लगाया कि स्थानीय जिला परिषद के सदस्य शेख शाहजहां मुख्य दोषी हैं। शेख शाहजहाँ के छिपने के बाद महिलाएँ टीएमसी नेताओं के ख़िलाफ़ आरोप लगाने लगीं। जनवरी में संदेशखली में शाहजहां के घर जा रही प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम पर हमला किया गया था और तब से वह फरार हैं।

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