विपक्ष के जोरदार हमले के बाद वक्फ बिल संसदीय समिति को भेजा गया, सरकार झुकी
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया। लेकिन इंडिया गठबंधन की पार्टियों और अपने सहयोगी दलों के रुख को देखते हुए मोदी सरकार को वक्फ संशोधन विधेयक को संसदीय समिति को भेजना पड़ा। विपक्ष ने विधेयक को 'विभाजनकारी', 'मुस्लिम विरोधी' और 'असंवैधानिक' करार दिया। समझा जाता है कि चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के रुख को देखते हुए मोदी सरकार को झुकना पड़ा। हालांकि बिहार की जेडीयू ने इस बिल पर सरकार का समर्थन किया था। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने भी इस बिल को 'अस्वीकार्य' करार दिया था, वहीं कांग्रेस, सपा, आरजेडी ने कहा था कि वह वक्फ अधिनियम में किसी भी बदलाव का विरोध करेंगे। विधेयक पारित होने पर, सरकार को वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने में एक बड़ा अधिकार मिल जाता।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का समर्थन करते हुए जेडीयू सांसद और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने कहा था- "यह मुसलमानों के खिलाफ कैसे है? यह कानून में पारदर्शिता लाने के लिए लाया जा रहा है...विपक्ष इसकी तुलना मंदिरों से कर रहा है। वे मुख्य मुद्दे से भटक रहे हैं...केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस) को बताना चाहिए कि हजारों सिख कैसे मारे गए...किस टैक्सी ड्राइवर ने इंदिरा गांधी की हत्या की...अब, वे अल्पसंख्यकों के बारे में बात कर रहे हैं...।''
अखिलेश अमित शाह में बहस
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिल का विरोध करते हुए कहा- "ये बिल जो पेश किया जा रहा है वो बहुत सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है...अध्यक्ष महोदय, मैंने लॉबी में सुना है कि आपके कुछ अधिकार भी छीने जा रहे हैं और हमें आपके लिए लड़ना होगा। ...मैं इस बिल का विरोध करता हूं।"#WATCH | Samajwadi Party MP Akhilesh Yadav speaks in Lok Sabha on Waqf (Amendment) Bill, 2024
— ANI (@ANI) August 8, 2024
"Yeh bill jo introduce ho raha hai woh bahut sochi samjhi rajneeti ke tehat ho raha hai...Speaker sir, I heard in the lobby that some of your rights are also going to be taken away and… pic.twitter.com/sy7PRW6I04
इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीच में हस्तक्षेप किया। अमित शाह ने कहा- "अखिलेश जी, क्या इस तरह की गोलमोल बात आप नहीं कर सकते..आप स्पीकर के अधिकार के संरक्षक नहीं हो ।"
ओवैसी का जोरदार तर्क
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में कहा- "यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह विधेयक भेदभावपूर्ण और मनमाना दोनों है...इस विधेयक को लाकर आप (केंद्र सरकार) देश को तोड़ने का काम कर रही है, जोड़ने का नहीं। यह बिल इस बात का सबूत है कि आप मुसलमानों के दुश्मन हैं.''
#WATCH | On Waqf (Amendment) Bill, 2024, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says, "This bill violates the principles of Articles 14, 15 and 25 of the Constitution. This bill is both discriminatory and arbitrary...By bringing this bill, you (the Central govt) are doing the work of… pic.twitter.com/kehmLjV3Gv
— ANI (@ANI) August 8, 2024
विधेयक का विरोध करते हुए, लोकसभा में एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा- "मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि या तो इस विधेयक को पूरी तरह से वापस ले लिया जाए या इसे स्थायी समिति को भेज दिया जाए...कृपया परामर्श के बिना एजेंडा को आगे न बढ़ाएं।...।"
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर लोकसभा में आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा- "आप वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद को पूरी तरह से कमजोर कर रहे हैं... आप व्यवस्था को खत्म कर रहे हैं। यह संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है। मैं सावधान करता हूं।"
डीमके का खुलकर विरोधः डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा- "यह अनुच्छेद 30 का सीधा उल्लंघन है जो अल्पसंख्यकों को उनके संस्थानों का प्रबंधन करने से संबंधित है। यह विधेयक एक विशेष धार्मिक समूह को टारगेट करता है...।"
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा में बिल का विरोध करते हुए कहा- "यह बिल संविधान पर मौलिक हमला है...इस बिल के जरिए वे यह प्रावधान डाल रहे हैं कि गैर-मुस्लिम भी वक्फ गवर्निंग काउंसिल के सदस्य होंगे। यह धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है...अगला बिल आप ईसाईयों के लिए लाएंगे, फिर जैनों के लिए... भारत के लोग अब इस तरह की विभाजनकारी राजनीति को स्वीकार नहीं करेंगे...।''
#WATCH | Waqf (Amendment) Bill, 2024 moved in Lok Sabha
— ANI (@ANI) August 8, 2024
Congress MP KC Venugopal says, "...We are Hindus but at the same time, we respect the faith of other religions. This bill is specialized for the Maharashtra, Haryana elections. You do not understand that last time the… pic.twitter.com/cTrybNbRWo
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा- ''...हम हिंदू हैं लेकिन साथ ही हम दूसरे धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। यह बिल महाराष्ट्र, हरियाणा चुनावों के लिए विशेष है। आप यह नहीं समझ रहे हैं कि पिछली बार भारत के लोगों ने स्पष्ट रूप से आपको सबक सिखाया है। यह संघीय व्यवस्था पर हमला है...।"
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने सांसदों को शांत करते हुए कहा- ''इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा...किसी का अधिकार लेने की बात तो छोड़िए, उन्हें अधिकार देने के लिए यह विधेयक लाया गया है, जिन्हें ये कभी नहीं मिले...।"
मंत्री रिजिजू ने दावा किया कि- ''...आज लाया जा रहा यह विधेयक सच्चर समिति की रिपोर्ट पर आधारित है जो आपने (कांग्रेस) बनाई थी। .."