वैगनर कब बना, अब क्या गतिविधि थी, सब जानिए
खानपान उद्योग में एक सफल व्यवसायी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खासमखास येवेगनी प्रिगोझिन ने 2014 में एक निजी सैन्य कंपनी वैगनर ग्रुप की स्थापना की। हालांकि वैगनर ग्रुप की स्थापना 2014 में हुई थी और इसने इससे पहले यूक्रेनी अभियान में रूस की ओर से हिस्सा लिया था। यह अभियान पुतिन ने डोनबास क्षेत्र पर कब्जे के लिए छेड़ा था। प्रिगोझिन ने अभी पिछले साल तक वैगनर ग्रुप में अपनी भूमिका की पुष्टि करने से इनकार कर दिया था।
वैगनर में भर्ती खोलने की घोषणा
वैगनर सैनिकों ने कई अफ्रीकी देशों और सीरिया में कार्रवाई की है, जहां वे कथित तौर पर 2018 में अमेरिकी सेना के साथ भिड़ गए थे। प्रिगोझिन ने दो महीने पहले जून में पुतिन के खिलाफ विद्रोह किया था। लेकिन पुतिन ने विद्रोह को कुचल दिया तो प्रिगोझिन बेला रूस भाग गया। दो महीने की खामोशी के बाद उसका एक वीडियो सोमवार को नजर आया। प्रिगोझिन ने सोमवार को एक वीडियो जारी किया - जिसे जाहिरा तौर पर अफ्रीका में फिल्माया गया था। क्लिप में, उसने कहा कि वैगनर ग्रुप ने भर्ती फिर से शुरू कर दी है, और पूरे महाद्वीप में "आईएसआईएस, अल-कायदा और अन्य आतंकियों" के खिलाफ "खोज गतिविधियों" का संचालन और खात्मा कर रहा है।
धीरे-धीरे यह साफ हो गया कि वैगनर को पुतिन ने खड़ा किया है और वैगनर का इस्तेमाल यूक्रेन में धड़ल्ले से हो रहा है। दक्षिणी यूक्रेन में रूस से सटे हुए यूक्रेनी भूभाग पर रूस ने वैगनर ग्रुप की मदद से कब्जा किया था। लेकिन धीरे-धीरे वैगनर चीफ प्रिगोझिन और पुतिन में मतभेद होने लगे। अपने सैनिकों के साथ अर्टोमोव्स्क शहर (यूक्रेन में बखमुत के रूप में जाना जाता है) के लिए महीनों तक चली लड़ाई में, प्रिगोझिन ने मीडिया में रोजाना बयान दिए और इस साल की शुरुआत में सार्वजनिक रूप से रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ झगड़ा किया। प्रिगोझिन ने कहना शुरू कर दिया कि रूस के शीर्ष अधिकारी यूक्रेन-रूस संघर्ष को गलत तरीके से प्रचारित कर रहे हैं। रूस अब वैगनर सैनिकों को गोला-बारूद भी नहीं दे रहा है। यानी यूक्रेन में उन्हें अकेला छोड़ दिया गया है।
प्रिगोझिन ने जून में आरोप लगाया था कि रूसी सेना ने वैगनर फील्ड कैंप पर गोलाबारी की, जहां पीएमसी के सैनिक पिछले महीने अर्टोमोव्स्क पर कब्जा करने के बाद आराम कर रहे थे और हथियार बना रहे थे। वैगनर के संस्थापक ने तब घोषणा की कि वह कथित रूप से रूस के भ्रष्ट सैन्य अधिकारियों को हटाने के लिए मास्को में एक मार्च में अपनी सेना का नेतृत्व करेंगे। यानी रूस की सेना के खिलाफ यह एक खुले विद्रोह का ऐलान था। पुतिन ने इस बयान को पसंद नहीं किया और रूसी सेना को इस विद्रोह को सख्ती से कुचल देने को कहा।
पुतिन ने इस विद्रोह को "पीठ में छुरा घोंपना" बताया और व्यवस्था बहाल करने के लिए "निर्णायक कार्रवाई" का वादा किया। हालाँकि, एक दिन से भी कम समय में, बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की मध्यस्थता के बाद प्रिगोझिन का विद्रोह शांत हो गया था। प्रिगोझिन इस बात पर सहमत हुए कि विद्रोह में भाग लेने वाले लोगों को बेलारूस में फिर से तैनात किया जाएगा, जबकि जिन्होंने इनकार कर दिया उन्हें रूसी रक्षा मंत्रालय के नियंत्रण में इकाइयों में शामिल किया जाएगा। लेकिन बेला रूस में शरण लेने के बाद भी प्रिगोझिन पर मौत का खतरा मंडराता रहा।
वैगनर समूह पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की हत्या की कोशिश और यू्क्रेन में तख्ता पलट का आरोप लगा था। इन आरोपों की कभी पुष्टि नहीं हो पाई। यह पिछले साल अप्रैल 2022 की बात है। जब पश्चिमी मीडिया ने खबर दी थी कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की हत्या के लिए अफ्रीका से 400 से अधिक भाड़े के सैनिकों को भेजा गया है। ऐसे भाड़े के हत्यारों की लोकेशन अफ्रीका रहती है, लेकिन वे लोग दुनिया के किसी भी कोने में आपराधिक गतिविधियों की डील करते रहते हैं। वैगनर समूह के नाम वाले एक निजी मिलिशिया ने कथित तौर पर व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर ज़ेलेंस्की और 23 अन्य सरकारी लोगों को खत्म करने का प्लॉट तैयार किया है। ताकि रूस को यूक्रेन पर कब्जा करने का आसान मौका मिल सके।
टाइम्स मैगजीन ने दुनिया को बताया था कि रूसी राष्ट्रपति के करीबी सहयोगी येवगेनी प्रिगोझिन, जिन्हें पुतिन के किचन कैबिनेट का शख्स भी कहा जाता है, पांच हफ्ते पहले यूक्रेन मिशन के लिए अफ्रीका गए थे। वैगनर ग्रुप को इस मिशन के बदले मोटी राशि देने का वादा किया गया है। कहा जाता है कि बहुत टॉप लेवल के प्रशिक्षित भाड़े के हत्यारे क्रेमलिन की हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं। उनकी हिट लिस्ट में यूक्रेन के प्रधानमंत्री, पूरी कैबिनेट, कीव विटाली क्लिट्स्को के मेयर और उनके भाई आदि भी शामिल हैं।
इसकी सूचना जैसे ही यूक्रेन को मिली, कीव में 36 घंटे का बहुत कड़ा कर्फ्यू घोषित कर दिया गया। इसकी वजह यह बताई गई कि कर्फ्यू की स्थिति में अगर अफ्रीकन समूह के लोग सड़कों पर आते हैं तो उनकी पहचान आसानी से हो जाएगी।
वैगनर समूह की गतिविधियों की जानकारी रखने वाले सूत्र ने टाइम्स को बताया था कि जनवरी 2022 में 2,000 से 4,000 भाड़े के सैनिक वास्तव में यूक्रेन पहुंचे थे। कुछ को दोनेत्स्क विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में भेजा गया था। कुछ लुहान्स्क में और 400 भाड़े के सैनिकों को ज़ेलेंस्की को खत्म करने के लिए बेलारूस से कीव की ओर भेजा गया था।
टाइम्स के मुताबिक संयुक्त सेना कमान के पूर्व कमांडर जनरल सर रिचर्ड बैरन्स ने कहा: वे बहुत प्रभावी हैं क्योंकि उन्हें खोज पाना मुश्किल है। वे खतरनाक हैं, बहुत हिंसक गतिविधियां कर गायब हो सकते हैं। उस समय यह पता लगाना मुश्किल होगा कि उसका जिम्मेदार कौन था। वे चूंकि सीधे तौर पर रूसी सरकार से नहीं जुड़े हैं और इसलिए वे फौरन खंडन करने की स्थिति में भी रहते हैं।
बहरहाल, अब जब वैगनर समूह का संस्थापक येवेगनी प्रिगोझिन प्लेन क्रैश में मारा जा चुका है तो ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि वैगनर ग्रुप क्या अब खत्म हो जाएगा, क्या प्रिगोझिन का कोई उत्तराधिकारी भी है। जिस तरह से प्लेन क्रैश में वैगनर के टॉप कमांडर भी मारे गए हैं, ऐसे में वैगनर समूह के बिखने की पूरी संभावना है।