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'मर्ज़ी' की कहानी: रेप के आरोप पर ‘सहमति’ और ‘ज़बरदस्ती’ का सस्पेंस

'मर्ज़ी' की कहानी: रेप के आरोप पर ‘सहमति’ और ‘ज़बरदस्ती’ का सस्पेंस

'मर्ज़ी' सीरीज़ में दिखाया गया है कि एक लड़की के साथ रेप होता है, लड़की लड़के पर रेप का इल्ज़ाम लगाती है और लड़के का कहना है कि यह सहमति से हुआ है।

सीरीज़- मर्ज़ी

डायरेक्टर- अनिल सीनियर

स्टार कास्ट- राजीव खंडेलवाल, आहाना कामरा, विवेक मुशरन, पवलीन गुजराल, शिवानी टंकसले, राजीव सिद्धार्थ

स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म- वूट सेलेक्ट

शैली- ड्रामा-थ्रिलर

रेटिंग- 3.5/5

वूट सेलेक्ट ऐप पर सीरीज़ 'असुर' के बाद एक और सीरीज़ रिलीज हुई है जिसका नाम है 'मर्ज़ी'। इसका डायरेक्शन अनिल सीनियर ने किया है और इसकी कहानी राधिका आनंद ने लिखी है। इस सीरीज़ में दिखाया गया है कि एक लड़की के साथ रेप होता है, लड़की लड़के पर रेप का इल्ज़ाम लगाती है और लड़के का कहना है कि यह सहमति से हुआ है। इसी के ईर्द-गिर्द घूमती है सीरीज़ मर्ज़ी की कहानी। सीधे तौर पर कहें तो मर्ज़ी और ज़बरदस्ती के बीच की सच्चाई को सामने लाने की इसमें लड़ाई दिखाई गई है। इस सीरीज़ में राजीव खंडेलवाल, आहाना कामरा, शिवानी टंकसले लीड रोल में हैं। तो आइए जानते हैं इसकी कहानी-

मर्ज़ी सीरीज़ में क्या है खास

मर्ज़ी सीरीज़ की शुरुआत होती है डॉ. अनुराग सारस्वत (राजीव खंडेलवाल) से जो अपने बेटे को स्कूल छोड़ने जाते हैं और वहीं उनकी मुलाक़ात समीरा (आहाना कामरा) से होती है, जो पेशे से टीचर हैं। ये दोनों पहले से ही एक-दूसरे को जानते हैं और एक डिनर डेट पर जाने का प्लान बनाते हैं। डिनर के बाद अनुराग समीरा के साथ उसके घर जाता है और वहीं दोनों शराब पीते हैं। उसके बाद अगले दिन समीरा जब उठती है तो उन्हें कुछ अच्छा महसूस नहीं होता और कुछ याद भी नहीं रहता। जब कुछ-कुछ याद आता है तो वह कहती हैं कि अनुराग ने उनका रेप किया है। यह बात समीरा अपनी बड़ी बहन ईशा (शिवानी टंकसले) को बताती है। इसके बाद समीरा पुलिस में शिकायत करती है। पुलिस अफ़सर सुबोध (विवेक मुशरन) और रश्मि (पवलीन गुजराल) समीरा से पूछताछ करते हैं तो समीरा को कुछ ख़ास याद नहीं रहता और इस वजह से पुलिस को अनुराग को गिरफ्तार करने की कोई वजह नहीं मिलती। अंत में इसकी कहानी एक सस्पेंस-ड्रामा का मोड़ ले लेती है। तो इसके बाद क्या होता है क्या अनुराग ऐसे ही आज़ाद रहकर कई और लड़कियों के साथ रेप करता रहेगा समीरा को इंसाफ मिलेगा या नहीं या उसके लगाए हुए सभी इल्जा़म झूठे मिलेंगे ये सब जानने के लिए आप वूट ऐप पर इसे देख सकते हैं।

इस सीरीज़ की ख़ास बातें

इस सीरीज़ में यह दिखाने पर ज़ोर दिया गया है कि ना का मतलब ना होता है जो कि साल 2016 में आई फ़िल्म पिंक में भी बताया गया था। साथ ही इस सीरीज़ में इस पर भी ग़ौर किया गया है कि बिना सहमति के आप किसी भी महिला के साथ कुछ नहीं कर सकते हैं और अगर आप ऐसा करते हैं तो उसे ज़बरदस्ती ही समझा जायेगा। इसी ना और मर्ज़ी या सहमति के बीच इस सीरीज़ की कहानी को बुना गया है।

कलाकारों की अदाकारी

राजीव खंडेलवाल ने अपनी शानदार एक्टिंग की है और कई जगह उन्होंने सिर्फ़ अपने चेहरे के भावों के दम पर ही सीन को पूरा किया है। आहाना कामरा ने भी अपने रोल को अंत तक बखूबी निभाया और अच्छी एक्टिंग की है। इसके अलावा शिवानी टंकसले, पवलीन गुजराल, विवेक मुशरान ने भी काफ़ी सधी हुई एक्टिंग की है। बाक़ी सभी स्टार कास्ट ने भी अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है।

डायरेक्शन

अनिल सीरियल ने बेहतरीन कहानी में अपने डायरेक्शन से जान डाल दी है। उन्होंने अच्छे डायरेक्शन के साथ ही किरदारों के लिए सही स्टार कास्ट का चुनाव किया है। कहीं पर भी ऐसा नहीं लगता है कि ये एक्टर या एक्ट्रेस इस किरदार के लिए अच्छा नहीं है।

क्यों देखें सीरीज़

लॉकडाउन के दौरान आप घर पर किसी न किसी वक्त़ बोर हो ही रहे होंगे तो यह सस्पेंस-थ्रिलर से भरी सीरीज़ देखकर अपना मन बहला लीजिए। मर्ज़ी की कहानी और इसकी स्टारकास्ट दोनों ही आपको पसंद आयेंगे। साथ ही कहानी के अंत में अच्छा सस्पेंस भी है।

क्यों न देखें सीरीज़

अगर आप सस्पेंस-थ्रिलर के शौकीन नहीं हैं तो सीरीज़ मर्ज़ी आपको पसंद नहीं आएगी। इस सीरीज़ को देखने के लिए आपके अंदर धैर्य होना भी ज़रूरी है क्योंकि इसकी कहानी बीच में थोड़ी लंबी लगने लगती है, जो कि आपको थोड़ा निराश कर सकती है।

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