जेएनयू: आनंद महिंद्रा बोले - अराजक गुंडों को बर्दाश्त नहीं कर सकते
जेएनयू में हुई बर्बरता को लेकर देश भर में राजनीतिक दलों के साथ ही उद्योग घरानों के प्रमुखों ने भी तीख़ी प्रतिक्रिया दी है। रविवार रात को कुछ नक़ाबपोश गुंडे रविवार रात को जेएनयू में घुसे थे और वहां मौजूद छात्र-छात्राओं को बेरहमी से पीटा था। इस मारपीट में जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइषी घोष बुरी तरह घायल हो गयीं। बवाल में 30 लोग घायल हुए हैं और उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है। इनमें शिक्षक भी शामिल हैं।
उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘इस बात का कोई मतलब नहीं है कि आप क्या राजनीति करते हैं और आपकी क्या विचारधारा है। लेकिन अगर आप भारतीय हैं तो आप हथियार रखने वाले, अराजक गुंडों को बर्दाश्त नहीं कर सकते। जिन्होंने जेएनयू पर आक्रमण किया है उनका पता लगाया जाना चाहिए और कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए।’
It doesn't matter what your politics are. It doesn't matter what your ideology is. It doesn't matter what your faith is. If you're an Indian, you cannot tolerate armed, lawless goons. Those who invaded JNU tonight must be traced & hunted down swiftly & given no quarter...
— anand mahindra (@anandmahindra) January 5, 2020
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, ‘जेएनयू में जो हुआ है उसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए। यह पूरी तरह विश्वविद्यालय की संस्कृति और परंपराओं के ख़िलाफ़ है।’
Have seen pictures of what is happening in #JNU. Condemn the violence unequivocally. This is completely against the tradition and culture of the university.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 5, 2020
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर कहा कि जेएनयू से आ रही तसवीरें बेहद डरावनी हैं। उन्होंने लिखा कि जब वह जेएनयू में थीं तो वहां जोरदार बहस होती थी लेकिन कभी हिंसा नहीं हुई। उनकी सरकार चाहती है कि विश्वविद्यालय छात्रों के लिए सुरक्षित स्थान रहे। एस. जयशंकर और निर्मला सीतारमण ख़ुद भी जेएनयू के छात्र रहे हैं।
Horrifying images from JNU — the place I know & remember was one for fierce debates & opinions but never violence. I unequivocally condemn the events of today. This govt, regardless of what has been said the past few weeks, wants universities to be safe spaces for all students.
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) January 5, 2020
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी इस घटना की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जेएनयू में जो कुछ हुआ वह बेहद दुखद है। कैंपस में हुई हिंसा को क़तई स्वीकार नहीं किया जा सकता।’
#JNU has always been a centre of lively & vibrant debate, discussion & co-existence of different viewpoints. What has happened today is extremely sad & tragic. I strongly & unequivocally condemn the violence on campus. This is totally unacceptable.
— Amitabh Kant (@amitabhk87) January 5, 2020
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के विरोध में आईएएस की नौकरी से इस्तीफ़ा देने वाले कन्नन गोपीनाथन ने ट्वीट कर कहा कि सभी को जेएनयू के छात्रों के समर्थन में आगे आना चाहिए।
What is happening in JNU is unacceptable. Let all students stand in solidarity with JNU students in whatever way possible please. One for all, all for one.#Resistance #StudentsMovement
— Kannan Gopinathan (@naukarshah) January 5, 2020
लेखक हर्ष मंदर ने ट्वीट कर कहा, दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर और गृह मंत्री के हाथ ख़ून से सने हुए हैं।
Little faith in @LtGovDelhi when he now condemns violence, & directs @DelhiPolice to act. The mob rampaged JNU, because @DelhiPolice allowed it. Earlier @DelhiPolice had itself rampaged Jamia, attacked students in the library. @LtGovDelhi, @HomeMinister have blood on their hands https://t.co/gaTmoFtPZK
— Harsh Mander (@harsh_mander) January 5, 2020
बीएसपी प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘छात्रों व शिक्षकों के साथ हुई हिंसा बेहद शर्मनाक है। केन्द्र सरकार को इस घटना को अति-गम्भीरता से लेना चाहिये और घटना की न्यायिक जाँच की जानी चाहिए।’
JNU में छात्रों व शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निन्दनीय व शर्मनाक। केन्द्र सरकार को इस घटना को अति-गम्भीरता से लेना चाहिये। साथ ही इस घटना की न्यायिक जाँच हो जाये तो यह बेहतर होगा।
— Mayawati (@Mayawati) January 6, 2020