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जुमे वाले दिन अल अक्सा मस्जिद में हिंसा, इजरायली पुलिस अंदर घुसी

जुमे वाले दिन अल अक्सा मस्जिद में हिंसा, इजरायली पुलिस अंदर घुसी

यरुशलम की अल अक्सा मस्जिद परिसर में वेस्ट वॉल के पास इजरायली पुलिस और फिलिस्तीनियों में जुमे वाले दिन सुबह हिंसक झड़पें हुई हैंष जिनमें काफी फिलिस्तीनी घायल हुए हैं।

इस्राइली सुरक्षा बलों ने शुक्रवार भोर में यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद परिसर में प्रवेश किया। उस समय वहां हजारों फिलिस्तीनी रमजान के दौरान होने वाली नमाज के लिए जमा हुए थे। इस्राइल ने कहा कि उसकी सेना हिंसा की आशंका में जमा वहां जमा किए गए पत्थरों को हटाने के लिए घुसी हैं। अल अक्सा मस्जिद परिसर में ही यहूदियों पवित्र स्थल है, जिसे वेस्ट वॉल कहा जाता है। यहूदी यहां पूजा के लिए आते हैं। इसी जगह पर हमेशा फिलिस्तीनियों और यहूदियों में बवाल होते रहे हैं। पिछले साल रमजान के दौरान भी यहां हिंसा हुई थी।

सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में कुछ लोगों को पत्थर फेंकते और इस्राइली सुरक्षा बलों द्वारा मस्जिद के चारों ओर आंसू गैस के गोले दागते देखा जा सकता है। और हथगोले फेंके। मस्जिद के अंदर ही नमाजियों को आंसू गैस के धुएं के बीच नमाज पढ़ते दिखाया गया है।

फ़िलिस्तीनी रेड क्रिसेंट इमरजेंसी सर्विस ने कहा कि उसने कई घायल लोगों को अस्पतालों में पहुंचाया। वहां पर पर एक गार्ड की आंख में रबर की गोली मार दी गई। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि कि फिलिस्तीनी और हमास के झंडे लिए दर्जनों नकाबपोश लोगों ने शुक्रवार तड़के परिसर में मार्च किया और पत्थर जमा किए।

उसने ट्वीट किया, सुरक्षा बलों को भीड़ को तितर-बितर करने और आगे की हिंसा को रोकने के लिए पत्थरों और चट्टानों को हटाने के लिए वहां घुसने के लिए मजबूर होना पड़ा। गाजा को नियंत्रित करने वाले इस्लामी समूह हमास ने इजरायली पुलिस की निंदा की और कहा कि इजरायल इस घटना के लिए जिम्मेदार है।

इजरायली सुरक्षा बल ने कहा कि हमने नमाज खत्म होने तक इंतजार किया। लेकिन तभी भीड़ ने वेस्ट वॉल की तरफ पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। जिससे उन्हें कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि उन्होंने मस्जिद में ही प्रवेश नहीं किया।

फिलिस्तीनी अल-अक्सा में पुलिस की किसी भी बड़ी तैनाती को भड़काने वाली कार्रवाई के रूप में देखते हैं। अल अक्सा मस्जिद दुनियाभर के मुसलमानों का तीसरा सबसे महत्वपूर्ण पवित्र स्थल है। यह एक पहाड़ी की चोटी पर बनाया गया है। वहां यहूदियों का भी सबसे पवित्र स्थल है, जिसे टेंपल माउंट कहते हैं। यह दशकों से इजरायल-फिलिस्तीनी हिंसा के लिए एक फ्लैशपॉइंट रहा है। इस इलाके में 22 मार्च के बाद से चार हमलों में कुल 14 लोग मारे गए हैं। बताया गया है कि आज सुबह अल अक्सा मस्जिद की घटना के बाद इजरायली फौजौं ने फिलिस्तीन के अंदर घुसकर धर पकड़ शुरू कर दी है।

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