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विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक सेंटर में बेहोश, अस्पताल में भर्ती

विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक सेंटर में बेहोश, अस्पताल में भर्ती

पेरिस ओलंपिक सेंटर में विनेश फोगाट बुधवार को बेहोश हो गईं। यह घटनाक्रम उनके मेडल चूकने के बाद सामने आया। हालांकि कहा जा रहा है कि डीहाइ़्रेशन की वजह से विनेश बीमार हुईं। लेकिन यह साफ है कि फाइनल मुकाबले के लिए वजन कराए जाने के बाद यह घटना हुई है। 

भारत की नामी महिला पहलवान विनेश फोगाट को लेकर बुधवार को दूसरी खबर उनके बीमार होकर बेहोश को लेकर आई है। पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 50 किग्रा फाइनल में अयोग्य घोषित होने के बाद विनेश बेहोश हो गईं। उन्हें फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया। खबर है कि 29 वर्षीय एथलीट डीहाइड्रेशन की वजह से बेहोश हुईं। भारत में उनके परिवार के पास इस बारे में पुख्ता सूचना नहीं है।

ओलंपिक में मुकाबले के दूसरे दिन बुधवार 7 अगस्त को जब फोगट का वजन किया गया तो उनका वजन 100- 150 ग्राम अधिक पाया गया। उन्हें फौरन ओलंपिक स्वर्ण पदक मुकाबले के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। विनेश को अब कोई भी ओलंपिक पदक नहीं मिलेगा।

विनेश के बारे में बुधवार सुबह जो पहली खबर आई थी, उसमें कहा गया था कि विनेश फोगाट फाइनल में पहुंचने के बाद पूरी रात सोई नहीं और अतिरिक्त 2 किलो वजन कम करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही थीं। पूरी रात उन्होंने साइकिलिंग की, वेट लिफ्टिंग की लेकिन वजन फिर भी कम नहीं हुआ। उसके बाद वो निराश होती गईं और अंत में बेहोश हो गईं। हालांकि भारतीय ओलंपिक कमेटी के अधिकारी यही कह रहे हैं कि डीहाइड्रेशन के कारण ऐसा हुआ है। लेकिन सवाल यही है कि भारतीय ओलंपिक दल के साथ गए डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ वहां किसलिए गया था। क्या वो एक खिलाड़ी का उस समय भी ख्याल नहीं रख सके जब वो फाइनल में पहुंच चुकी थी।

सारे मामले में कुछ न कुछ अजीबोगरीब बात है। विनेश फिलहाल ओलंपिक विलेज के पॉलीक्लिनिक में आराम कर रही हैं, जहां उनकी हालत स्थिर है। अफसोस की बात है कि भारतीय दल के पास फैसले के खिलाफ अपील करने का कोई विकल्प नहीं है। यानी अगर उनकी सेहत ठीक रहती तो अपील हो सकती थी। यहां पर फिर सवाल खड़ा होता है कि भारतीय टीम के साथ गए डॉक्टर क्या कर रहे थे।

ताज्जुब तो यह है कि विनेश के मामले में उच्चस्तर से भी दखल हुआ। इसके बावजूद भारतीय ओलंपिक कमेटी के वहां गए लोग जागे नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईओए अध्यक्ष पी.टी. से संपर्क किया। उषा को विनेश की दुर्भाग्यपूर्ण हार के बाद स्थिति के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी जुटाने और भारत के लिए किसी भी संभावित विकल्प का पता लगाने के लिए कहा गया। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने पीटी उषा से विनेश की अयोग्यता के संबंध में कड़ा विरोध दर्ज कराने का भी आग्रह किया। लेकिन भारतीय ओलंपिक दल किसी भी तरह की कोशिश करता नजर नहीं आया।

किसान नेता राकेश टिकैत इस पूरे मामले में साजिश देख रहे हैं। राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया पर लिखा हैः यह एक बेहद दुखद खबर है की देश की बेटी को कोई अखाड़े के मैदान में नहीं हरा पाया लेकिन साजिश के अखाड़े में हरा दिया गया है। देश का एक मेडल आज राजनीति का शिकार हो गया। यह देश इस दिन को कभी नहीं भूल सकता।

इस मामले में एक सवाल यह भी पूछा जा रहा है कि विनेश फोगाट जब मंगलवार को फाइनल में पहुंच गई और एक मेडल पक्का हो गया तो पीएम मोदी ने न तो फोन किया और न ही कोई ट्वीट किया। लेकिन बुधवार को तकनीकी आधार पर मुकाबले से बाहर होते ही पीएम मोदी का ट्वीट आ गया। इसे क्या समझा जाए। उन्होंने ओलंपिक में उपलब्धि हासिल करने वाले हर खिलाड़ी को फोन किया। जबकि विनेश फोगाट की उपलब्धि तो बहुत बड़ी थी, लेकिन मंगलवार को नेता विपक्ष के अलावा भाजपा के किसी भी नेता तक का हौसला बढ़ाने वाला ट्वीट नहीं दिखाई दिया।

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