कुश्ती यौन उत्पीड़न केस: जाँच पैनल सदस्य पर सूचना लीक करने का आरोप
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के ख़िलाफ़ महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों में क्या अब तक कुछ कार्रवाई हुई? इस बारे में तो अब तक कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन जाँच के लिए जो समिति बनी थी उसको लेकर ही सवाल उठने लगे हैं। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 'यौन उत्पीड़न' के आरोपों की जाँच के लिए एक जांच समिति गठित होने के बावजूद इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है। अब कुश्ती संघ से बृज भूषण को हटाने की मांग करने वाले पहलवानों में से एक विनेश फोगट ने दावा किया है कि जांच समिति का एक सदस्य प्रेस को 'संवेदनशील जानकारी' लीक कर रहा है।
फोगट ने शख्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस मामले में एक ट्वीट कर कहा है कि ओवरसाइट समिति के एक सदस्य ने शिकायत की सामग्री को कथित तौर पर मीडिया में लीक कर दिया है। फोगट ने 'महिलाओं के खिलाफ उस शख्स के रवैये' पर भी सवाल उठाया।
Requirement of action against a member of oversight committee for leaking sensitive information to the press. @ianuragthakur pic.twitter.com/cUPDDUXhaf
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) February 26, 2023
फोगट ने ट्वीट में कहा है, 'यह मेरी हाल की जानकारी में आया है कि ओवरसाइट कमेटी के एक खिलाड़ी सदस्य कल से यौन उत्पीड़न की शिकायत की सामग्री को कथित रूप से लीक कर रहे हैं। एक खिलाड़ी होने के नाते एक साथी खिलाड़ी को देखना बेहद निराशाजनक है कि ओवरसाइट कमेटी के सदस्य के रूप में उन्होंने इतनी गैरजिम्मेदारी से व्यवहार किया है। महिलाओं के प्रति उनका रवैया इस तरह के व्यवहार से स्पष्ट पता चलता है।'
फोगट ने आगे कहा है, 'यह और भी भयावह है कि यह खिलाड़ी डब्ल्यूएफआई के उच्च पदस्थ पदाधिकारियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली दोनों समितियों का सदस्य है। इन सभी ने समिति की कार्यवाही के प्रति बहुत अविश्वास पैदा किया है। मैं निराश महसूस कर रही हूँ। एक निष्पक्ष और न्यायोचित जांच होनी चाहिए, इस दिशा में इस समिति के सदस्य के रणनीतिक प्रयास कमजोर करने के भी हैं। मैं अनुरोध करता हूं कि इस तरह से अपने पद का उपयोग करने के लिए सदस्य के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें तुरंत समिति से हटा दिया जाए।'
फोगट ने कहा है कि चिंता केवल इस जांच की कार्यवाही तक ही सीमित नहीं है बल्कि मुझे यक़ीन है कि पूर्व अध्यक्ष को इस सदस्य का समर्थन मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह सदस्य पहले दिन से महिलाओं के हितों के खिलाफ काम कर रहा है। फोटग ने कहा है कि समिति की कार्यवाही के दौरान उस खिलाड़ी में सहानुभूति की कमी और असंवेदनशीलता चौंकाने वाली थी।
इसके साथ ही रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया बनाम पहलवानों का विवाद ख़त्म होने के कोई संकेत नहीं हैं।
यह मामला जनवरी के मध्य में तब सुर्खियों में आया जब भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया।
विनेश फोगट ने कहा था कि महिला पहलवानों को राष्ट्रीय शिविरों में कोच और डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह द्वारा यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय शिविरों में नियुक्त कोचों में से कुछ, वर्षों से महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं।
विनेश ने दावा किया था कि "कई युवा महिला पहलवानों ने मुझसे राष्ट्रीय शिविरों में यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। मैं कम से कम 20 लड़कियों को जानती हूं जिन्हें राष्ट्रीय शिविर में यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। आज यह कह रही हूं, मुझे नहीं पता कि मैं कल जीवित रहूंगी या नहीं। डब्ल्यूएफआई के लोग काफी ताकतवर हैं।' हालाँकि बृजभूषण ने इन आरोपों को खारिज किया है।
डब्ल्यूएफआई के कोचों और उसके अध्यक्ष पर इन आरोपों के बाद ही कार्रवाई करने के लिए पहलवानों ने प्रदर्शन किया था। केंद्रीय मंत्री ने पहलवानों से बात की थी और जाँच के लिए कमेटी बनाई गई थी। तब पहलवानों ने आरोप लगाया था कि डब्ल्यूएफआई के संचालन और जांच के लिए बनी ओवर साइट कमेटी के गठन में उनसे सलाह तक नहीं ली गई, जबकि खेल मंत्री द्वारा हमें इसका आश्वासन दिया गया था कि जो समिति बनेगी उसमें पहलवानों से सलाह ली जाएगी। खिलाड़ियों की आपत्ति के बाद उस समिति में कुछ बदलाव किया गया था। अब इसी समिति के एक सदस्य पर फिर से आरोप लग रहे हैं।