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‘मुठभेड़’ में मारे जाने के पहले विकास दुबे ने पुलिस को दिया था यह ‘कबूलनामा’

‘मुठभेड़’ में मारे जाने के पहले विकास दुबे ने पुलिस को दिया था यह ‘कबूलनामा’

मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में गैंगस्टर विकास दुबे ने चौंकाने वाला ‘कबूलनामा’ दिया। 

उत्तर प्रदेश का मोस्ट वांटेंड अपराधी और गैंगस्टर विकास दुबे अंततः ‘पुलिस मुठभेड़’ में मारा गया। आठ पुलिस वालों की हत्या और अनेक गंभीर अपराधों के मास्टरमाइंड विकास से यूपी पुलिस तो कोई पूछताछ नहीं कर सकी, लेकिन मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में विकास का ‘कबूलनामा’ कम चौंकाने वाला नहीं है।

बता दें, कानपुर के बिकरू गाँव में पिछले सप्ताह विकास और उसके साथियों ने पुलिस दल पर हमला बोला था। उसे पकड़ने पहुँची पुलिस पर घात लगाकर किये गये हमले में आठ पुलिस वाले शहीद हो गये थे, कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इनमें कुछ की हालत अभी भी चिंताजनक है।

गुरुवार सुबह विकास को एक नाटकीय घटनाक्रम में मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए जाते हुए गिरफ़्तार कर लिया गया था। 

यूपी पुलिस को सौंपने के पहले मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास से पूछताछ की थी। करीब आठ घंटे की पूछताछ में विकास ने कई चौंकाने वाली जानकारियाँ मध्य प्रदेश पुलिस को दी थीं। मध्य प्रदेश पुलिस ने तो विकास के ‘कबूलनामे’ को लेकर आधिकारिक तौर पर मीडिया को कुछ नहीं बताया है।

पर ‘सत्य हिन्दी’ को सूत्रों के हवाले से विकास के ‘कबूलनामे’ का ब्यौरा मिला है, वह ब्यौरा कुछ इस तरह से बताया गया है: -

  • पुलिस के लोग लगातार मेरे संपर्क में थे।
  • एनकाउंटर किए जाने का डर था।
  • हथियारों के साथ अपने साथियों को बुलाया था। 
  • मैंने 30 लोगों का खाना बनवाया था। 
  • मुठभेड़ के डर से पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। 
  • हमारी तैयारी पुलिस वालों को जलाने की भी थी। 
  • सारे सबूत मिटाने के लिए तेल भी खरीद कर लाया गया था।
  • और पुलिस बल ना आता तो मारे गए पुलिसकर्मियों को जला देते।
  • घटना के बाद मैंने सभी साथियों को अलग-अलग भागने को कहा था। 
  • मुझे गोली चलाने को मजबूर किया गया था।
  • अपने किये पर मुझे बेहद अफसोस है।
  • मैं महाकाल मंदिर परिसर में बैठकर बहुत रोया हूँ। 

बता दें कि पहले ख़बर यह आई थी विकास ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। फिर मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास को पकड़ने का दावा किया था। गुरुवार देर शाम विकास को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया गया था। सड़क मार्ग से विकास को यूपी ले जाया गया था। कानपुर पहुँचने के ठीक पहले विकास ने भागने और पुलिस पर हमला बोलने का प्रयास किया, जिसके बाद जवाबी हमले में पुलिस ने उसे मार गिराया।

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