सत्य हिन्दी कुछ पत्रकारों की अपनी कोशिश है। जब मुख्यधारा का मीडिया देख कर न देखे, सुन कर न सुने, गोद में हो, लोभ में हो या किसी डर में, तब सत्य के लिए कौन बोलेगा? हमने सोचा, आवाज़ कहीं से उठनी चाहिए। सिलसिला कहीं से शुरू होना चाहिए। ताकि आप कर सकें सही फ़ैसला।
क्योंकि आपको जानना चाहिए सच!
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