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इमर्जेंसी: मोदी की भूमिका को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया, गुजराती पत्रकार ने कहा

इमर्जेंसी: मोदी की भूमिका को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया, गुजराती पत्रकार ने कहा

मशहूर गुजराती आलोचक और पत्रकार प्रकाश शाह ने कहा है कि इमर्जेंसी के दौरान मोदी की कोई ख़ास भूमिका नहीं थी, वह छोट-मोटा काम ही किया करते थे। पर उनकी भूमिका को बढ़-चढ़ा कर पेश किया गया। 

नरेंद्र मोदी इमर्जेंसी के दौरान छोटा-मोटा काम ही किया करते थे, उनकी बहुत बड़ी भूमिका नहीं थी। इमर्जेसी के दौरान उनकी भूमिका को बहुत ही बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया है। जयप्रकाश नारायण के नज़दीकी रहे और इमर्जेंसी के दौरान गुजरात में सरकार के विरोध में बड़े नाम के तौर पर उभरे प्रकाश एन शाह ने यह कहा है। प्रकाश शाह मशहूर गुजराती आलोचक और पत्रकार रहे हैं। उन्होंने गुजराती भाषा में छपे 160 पेज के लंबे इंटरव्यू में यह कहा है।

मोदी से मुलाक़ात

प्रकाश शाह इमर्जेंसी के दौरान दो बार जेल गए। उन्होंने उन दिनों को याद करते हुए कहा कि वह नरेंद्र मोदी नाम के किसी शख़्स से मिले तो ज़रूर थे। 

प्रकाश शाह ने कहा, 'मेरे पिता अमेरिका जाने वाले थे और उनकी इच्छा थी कि वह जाने से पहले कुछ समय मेरे साथ बिताएँ, लिहाज़ा मुझे परोल पर रिहा किया गया था। मैं पहली बार मोदी से मिला जब वे वह मुझसे मिलने आए थे।'

प्रकाश शाह का यह लंबा इंटरव्यू सार्थक प्रकाशन ने छापा है और उर्वशी कोठारी ने यह इंटरव्यू लिया था। मोदी को इमर्जेंसी कै दौरान 13 मार्च 1976 को गिरफ़्तार किया गया था और वह लंबे समय तक जेल में रहे थे, इमर्जेसी हटने के बाद ही वह छूटे थे। 

मोदी कुछ छोटा-मोटा काम ही किया करते थे, जो उन्हें कहा जाता था। उनकी भूमिका बस उतनी ही थी। मैं यदि उस समय के अपनी उम्र से 10 साल छोटा रहा होता तो शायद मैं भी वही करता। पर यह तय है कि मोदी की भूमिका वह तो नहीं ही थी जिसका दावा उन्होंने बाद में वेबसाइट पर किया था। उन्होंने इसे बहुत ही ज़्यादा बढ़ा चढ़ा कर पेश करने की कोशिश की थी।


प्रकाश एन शाह, गुजराती आलोचक, पत्रकार

'मोदी बेहद महत्वाकांक्षी'

प्रकाश शाह को अंत में 22 जनवरी 1977 को जेल से रिहा कर दिया गया। वह कहते हैं कि वह कई मौक़ों पर मोदी से मिले, पर ऐसा कुछ ख़ास कारण नहीं है, जिससे वह उन्हें याद कर सकें। वह कहते हैं, 'बाद में बातचीत के दौरान मुझे मित्रों ने बताया कि मोदी बेहद महात्वाकांक्षी व्यक्ति हैं और कामयाबी हासिल करने के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं।' 

प्रकाश शाह ने यह भी कहा कि इमर्जेंसी के बाद भी मोदी उनके लगातार संपर्क में रहे और उन्हें दुआ-सलाम भेजते रहे। मोदी के मुख्य मंत्र बनने के बाद भी प्रकाश शाह से उनकी एक बार मुलाक़ात हुई थी। विश्व गुजराती समाज ने गाँधीवादी चुन्नीभाई वैद्य को उन्हें सम्मानित करने के लिए बुलाया था।

प्रकाश शाह ने कहा आगे कहा, 'मोदी कुछ दिन पहले ही मुख्य मंत्री बने थे। उन्होंने मुझे प्रकाश कह कर बुलाया। वह मुझे पहले प्रकाश भाई कहा करते थे। उसके बाद मोदी पूरे भाषण में बताते रहे कि किस तरह उन्होंने चुन्नीभाई के गाँव के पास काफ़ी समय बिताया था।'

प्रकाश शाह ने यह भी कहा कि एक बार एक टेलीविज़न कार्यक्रम में कुछ बोल रहे थे तो मोदी ने अंगुली उठा कर कहा वे इस प्रकाश एंड कंपनी को एक्सपोज़ कर देंगे। 

प्रकाश शाह का यह इंटरव्यू गुजराती में छपा, जिसे अंग्रेजी पत्रिका 'काउंटरव्यू' ने भी प्रकाशित किया है। 

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