+
वरुण गाँधी ने किसानों पर किताब लिखी, उनके लिए लड़ेंगे

वरुण गाँधी ने किसानों पर किताब लिखी, उनके लिए लड़ेंगे

बीजेपी सांसद वरुण गाँधी दिसंबर में एक किताब प्रकाशित करने जा रहे हैं, जिसका नाम 'ए रूरल मैनिफेस्टो' है। किताब में किसानों की परेशानियों के बारे में बताया गया है।

बीजेपी सांसद वरुण गाँधी ने अपनी क़िताब ‘ए रूरल मैनिफ़ेस्टो’ पूरी कर ली है। पिछले कुछ समय से सक्रिय राजनीति से दूर रहे वरुण इस किताब को दिसंबर में लॉन्च करेंगे। वरुण की यह क़िताब किसानों के संघर्ष और गाँवों की समस्याओँ के बारे में बताती है। किताब बताती है कि खेती करना बहुत कठिन हो गया है और किसानों की आत्महत्या की घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। वरुण ने दो साल में यह किताब पूरी की है।

कैसे मज़बूत हों हमारे गाँव

एक अंग्रेज़ी अख़बार को दिए गए एक इंटरव्यू में वरुण कहते हैं कि जब वे पहली बार एमपी बने, तभी से किसानों की परेशानियों को जानने की कोशिश कर रहे हैं। उनके अनुसार मैंने इस बात को जानने की कोशिश की कि किसानों के आत्महत्या करने के पीछे क्या कारण हैं। वे आगे कहते हैं, 'मैंने सोचा कि गाँवों की आर्थिक स्थिति को कैसे मज़बूत किया जा सकता है और इसने ही मुझे कfताब लिखने का आइडिया दिया।' बीजेपी सांसद के अनुसार, शायद लोकसभा चुनाव के बाद वे पानी, श्रम सुरक्षा जैसे मुद्दों पर काम कर रहे लोगों के साथ जुड़ेंगे जो पूरी तरह ग़ैर-राजनीतिक होंगे लेकिन बेहतर काम करने के लिए दबाव बनाएँगे।

खेती करना हुआ मुश्किल

वरुण कहते हैं कि किसानों की ख़राब माली हालत बड़ा मुद्दा है। उनके अनुसार, आज के समय में किसान अपने बच्चों को खेती के काम में नहीं लगाना चाहते और इसके लिए आर्थिक कारण ज़िम्मेदार हैं। वे चिंता जताते हुए कहते हैं कि खेती की बढ़ती लागत के कारण खेती करना लगभग असंभव हो गया है। सांसद कहते हैं कि सिंचाई की ख़राब सुविधाएँ, किसानों को क़ानूनी सहायता न मिलना और इससे होने वाली बेहद कम आय के कारण किसान आत्महत्या करने को मज़बूर हैं।वरुण के अनुसार, हमें ख़राब आर्थिक हालात का सामना कर रहे किसानों के लिए बेहतर नीतियाँ बनाने की ज़रूरत है। वे कहते हैं, राजनीतिक दलों को इस पर भी ध्यान देना चाहिए कि जमीन के पानी के ग़लत इस्तेमाल के कारण गाँवों को बहुत नुक़सान हुआ है।

 - Satya Hindi

एकजुट होकर वोट करें किसान

यूपी के सुल्तानपुर से सांसद वरुण के अनुसार किसान कभी एकजुट होकर वोट नहीं करते। वे कभी पटेल, कभी मराठा या कभी धर्म के नाम पर वोट करते हैं। बीजेपी सांसद को उम्मीद है कि जब किसानों और उनकी समस्याओं के बारे में बड़े स्तर पर चर्चा होगी तो वे किसान बनकर ही वोट देंगे।

नए सिरे से बनें नीतियाँ

बीजेपी सांसद के अनुसार, भारत में वित्तीय मामलों के जानकार कुछ लोग ऋण माफ़ करने का विरोध करते हैं। वे कहते हैं कि ऐसा करने से आर्थिक बोझ बढ़ेगा। वरुण सवाल उठाते हैं कि इस देश में उद्योगों को सालों से लोन दिया जा रहा है तब आर्थिक बोझ क्यों नहीं बढ़ा। वे ज़ोर देकर कहते हैं कि अगर आप लगातार बढ़ रहे एनपीए को देखें तो यह किसानों के कारण नहीं हुआ है। उनके अनुसार, हमें किसानों के बारे में अपनी नीतियों को नए सिरे से बनाने की ज़रूरत है।वरुण की किताब ऐसे समय में आनो वाली है जब मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव प्रचार में किसान बड़ा मुद्दा हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वादा किया है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वह 10 दिन में किसानों का कर्ज़ माफ़ कर देगी। इन राज्यों में बीजेपी की सरकार है, इसलिए किसानों की कर्ज़माफ़ी के मुद्दे पर वह दबाव में है।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें