लेन-देन के मामले में इस शख़्स से बचें
हो सकता है, वे सारे लोग जिनका नाम अमित कुमार है, मुझसे नाराज़ हो जाएँ। लेकिन मैं हर अमित कुमार की बात नहीं कर रहा। मैं एक ऐसे अमित कुमार की बात कर रहा हूँ जो अपने आप को गढ़वाल रेजिमेंट का बताता है और ये साबित करने के लिये वो कुछ काग़ज़ात भी दिखाता है। मुझे नहीं मालूम कि ये शख्स कौन है। जो परिचय दे रहा है वो असली है या नक़ली लेकिन इतना ज़रूर जानता हूँ कि ये कोई बहुरूपिया है और वो लोगों को ठगता है। मैं भी उसका शिकार होते होते बचा।
ये शख्स जो काग़ज़ात दिखाता है वो असली हैं या फोटोशॉप किए गए हैं नहीं मालूम। लेकिन अमित कुमार के आईडी डॉक्यूमेंट जैसे आधार, सेना आईडी कार्ड, कैंटीन कार्ड आदि डिजिटल ठगी करने वालों के पास कैसे आए, यह जाँच का विषय है। लेकिन यह तय है कि ये दस्तावेज़ ठगों के पास हैं और ठग इनका इस्तेमाल करके अलग-अलग तरीक़े से ठगी कर रहे हैं।
कभी ये फ़ेसबुक या OLX पर सामान बेचने का बहाना करते हैं कि मेरा ट्रांसफ़र हो गया है और ये फलाँ-फलाँ सामान सस्ते में बेच रहा हूँ। आपका भरोसा जीतने के लिए वे अमित कुमार की आईडी डाक्यूमेंट्स का सहारा लेते हैं। जब आप उन्हें देखकर उनके झाँसे में आ जाते हैं और भुगतान कर देते हैं तो वे फ़ोन उठाना बंद कर देते हैं। ट्विटर पर इसकी शिकायत भी की जा चुकी है (देखें चित्र)।
इसी तरह वे घर किराए पर देने वालों को भी ठगते हैं। कहते हैं कि मैं सेना में हूँ, ट्रांसफ़र हो गया है, तुरंत जाना है और फ़ैमिली के लिए फ़्लैट किराए पर लेना है। साथ में अमित कुमार नाम से सारे काग़ज़ात भी शेयर करते हैं ताकि आपको विश्वास हो जाए कि सही व्यक्ति है।
इसके बाद वे वॉट्सऐप पर फ़्लैट के फ़ोटो भेजने को कहते हैं ताकि पत्नी को दिखाया जा सके। पत्नी का अप्रूवल भी तुरंत ही आ जाता है और फिर वे आपको अडवांस देने के लिए पेटीएम नंबर माँगते हैं।
सारा खेल इसके बाद शुरू होता है। जैसे ही आप पेटीएम या कोई और UPI अड्रेस देते हैं, आपके पास एक QR कोड आता है और कहा जाता है कि इसे स्कैन करें ताकि पैसा आपके अकाउंट में भेजा जा सके। लेकिन जैसे ही आप उस QR कोड को स्कैन करेंगे, पैसा आने के बदले आपके खाते से चला जाएगा।
कहने का अर्थ यह कि अमित कुमार या किसी सैनिक की आईडी के आधार पर कोई यदि आपसे डील करना चाहे तो सावधान हो जाएँ। बहुत संभावना है कि वह कोई छलिया है। अगर आप तय नहीं कर पा रहे हों तो उससे कहें कि वह NEFT से पैसे दे। यदि बंदा जेन्युइन होगा तो NEFT से पैसे चुकाने में उसे कोई समस्या नहीं होगी। यदि वह पेटीएम या गूगल पे पर अड़ा रहे तो तय जानिए कि वह फ़्रॉड है।
हमेशा याद रखें - किसी से पैसे लेने के लिए आपको कभी कोई QR कोड स्कैन या ओटीपी/पिन डालने की ज़रूरत नहीं होती। यह केवल पैसे देने के लिए करना होता है।
किसी अपरिचित व्यक्ति से आए sms या वॉट्सऐप पर आए किसी लिंक पर भी क्लिक या टैप न करें।