ज्ञानवापी मस्जिद में पुलिस का प्रवेश, एएसआई का सर्वे शुरू
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में आज 24 जुलाई को पुलिस ने प्रवेश किया और उसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने मस्जिद का "वैज्ञानिक सर्वेक्षण" शुरू कर दिया है। एएसआई को 4 अगस्त तक जिला अदालत में रिपोर्ट जमा करनी है। मस्जिद प्रबंधन समिति ने निरीक्षण की अनुमति देने वाले वाराणसी जिला अदालत के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
#WATCH | Varanasi, UP: Police team enters Gyanvapi mosque complex, ASI survey begins pic.twitter.com/kAY9CwN0Eq
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 24, 2023
यह सर्वे मस्जिद में सील किए गए "वज़ूखाना" को छोड़कर सभी जगह होगा। पिछले सर्वे में वज़ूखाना में हिंदू संगठन ने 'शिवलिंग' होने का दावा किया था। यह सर्वे 2022 में हुआ था।
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने मीडिया से आज सोमवार को कहा कि "यह हमारे करोड़ों हिंदुओं के लिए एक बहुत ही गौरवशाली क्षण है...सर्वे ही इस ज्ञानवापी मुद्दे का एकमात्र संभावित समाधान है।"
#WATCH | "This is a very glorious moment for us for the Hindu community & crores of Hindus...survey is the only possible solution to this Gyanvapi issue": Sohan Lal Arya, petitioner in the Gyanvapi mosque case https://t.co/QgylqUpCC0 pic.twitter.com/BlgWbSsVZO
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 24, 2023
हमें एएसआई का नोटिस नहीं मिलाः कमेटी
ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वेक्षण पर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के सचिव अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा- "हमें एएसआई सर्वेक्षण के संबंध में कोई नोटिस नहीं मिला। हम कैसे हिस्सा ले सकते हैं जब आज उसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है? हमने सर्वेक्षण को एक दिन के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया था।"VIDEO | "We didn't receive any notice regarding the ASI survey. How can we participate when there is Supreme Court hearing in the same case today? We had requested postponement of the survey by a day," says Abdul Batin Nomani, secretary of Anjuman Intezamia Masjid Committee, on… pic.twitter.com/xPbqm1QVVJ
— Press Trust of India (@PTI_News) July 24, 2023
ज्ञानवापी मस्जिद में यह सर्वे शुक्रवार को वाराणसी जिला अदालत के आदेश के बाद किया जा रहा है। यह आदेश चार महिला उपासकों की याचिका के आधार पर पारित किया गया था, जिनका दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद एक प्राचीन हिंदू मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी और पूरे तथ्य सामने लाने के लिए एक वैज्ञानिक अध्ययन की आवश्यकता है।
“
आदेश पारित करते हुए अदालत ने कहा कि "सही तथ्य" सामने आने के लिए वैज्ञानिक जांच "आवश्यक" है।
इन्हीं याचिकाकर्ताओं ने ज्ञानवापी मामले में 2021 याचिका दायर की थी, जिसमें मस्जिद के अंदर "श्रृंगार गौरी" मंदिर तक साल भर पूजा की मांग की गई थी।
ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने दावा किया कि अदालत का फैसला मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उन्होंने कहा, "एएसआई सर्वेक्षण के लिए हमारा आवेदन स्वीकार कर लिया गया है। यह मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।"
इस साल मई में, सुप्रीम कोर्ट ने "शिवलिंग" के कार्बन डेटिंग सहित "वैज्ञानिक सर्वेक्षण" को स्थगित कर दिया था, जिसके बारे में कहा गया था कि यह पिछले साल किए गए एक वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश कुछ दिनों बाद आया है जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई को उस मस्जिद का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था जिसके बारे में हिंदू याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि यह एक "शिवलिंग" है। ज्ञानवापी मस्जिद की कमेटी ने कहा था कि "वज़ूखाना" में शिवलिंग नहीं बल्कि एक फव्वारा है, जहां लोग नमाज अदा करने से पहले वज़ू करते हैं।
पिछले साल सितंबर में, वाराणसी जिला जज ने मस्जिद समिति की उस चुनौती को खारिज कर दिया था जिसमें तर्क दिया गया था कि महिलाओं की याचिका की कोई कानूनी वैधता नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र में स्थित, ज्ञानवापी मस्जिद उन कई मस्जिदों में से एक है, जिनके बारे में दक्षिणपंथियों का मानना है कि इन्हें हिंदू मंदिरों को तोड़कर बनाया गया था।
यह अयोध्या और मथुरा के अलावा तीन मंदिर-मस्जिद विवादों में से एक है, जिसे भाजपा ने 1980 और 1990 के दशक में उठाया था।