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वाराणसी हॉट स्पॉटः एक ही स्टाइल के रोड शो में कौन भारी मोदी, अखिलेश या प्रियंका

वाराणसी हॉट स्पॉटः एक ही स्टाइल के रोड शो में कौन भारी मोदी, अखिलेश या प्रियंका

वाराणसी में आज देर रात तक रोड शो चले। सभी में भीड़ उमड़ी। भीड़ देखकर जो अंदाजा लगाएगा, समझिए बनारस में ठगा जाएगा। 

वाराणसी में आज पीएम मोदी से लेकर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, स्मृति ईरानी समेत अनगिनत नेताओं ने वाराणसी को हॉट स्पॉट बना दिया। हर नेता भीड़ बटोर रहा है, वाराणसी के लोकल लोग कन्फ्यूज हैं कि आगे कौन है। लेकिन अगर समझ सकते हैं तो समझिए कि एक हफ्ते के अंतराल में प्रधानमंत्री को आज दूसरा रोड शो करना पड़ा। बेशक इलाके अलग-अलग थे लेकिन था तो वाराणसी ही न। प्रियंका गांधी पता नहीं क्या संभावनाएं तलाश रही हैं कि अपने भाई के साथ दस दिनों में दूसरा चक्कर लगा रही हैं। अखिलेश हालांकि तीन महीने बाद वाराणसी आए लेकिन आना तो पड़ा। वाराणसी के लोग अस्सी घाट से लेकर अपने ड्राइंग रूम में आज रात इस बात पर बहस कर रहे थे कि आखिर भीड़ ज्यादा मोदी के रोड शो में थी या रात 9 बजे निकले अखिलेश के रोड शो में थी। 

पिछली बार की तरह मोदी का वाराणसी का शो ग्रैंड रहा। आज मोदी ने भाजपाई भगवा टोपी भी पहन रखी थी। आमतौर पर इस टोपी को बीजेपी कार्यकर्ता पहनते हैं। प्रधानमंत्री को पहली बार इस टोपी में देखा गया। दरअसल, पार्टी कार्यकर्ताओं को इसके जरिए संदेश भेजा जा है कि पार्टी 'करो-मरो की स्थिति' में है। इसलिए वे घरों से बाहर निकलें। चुनाव संभालें और देखें कि आखिरकार मोदी को भी पार्टी का कार्यकर्ता बनकर प्रचार करना पड़ रहा है। 

मोदी के पिछले रोड शो में 27 फरवरी को जहां भव्यता थी, वहां आज कार्यकर्तांओं जैसा दिखने, कार्यकर्ताओं के नजदीक जाने की कोशिश की गई। आज पार्टी के कार्यकर्ता और आम लोग मोदी के बिल्कुल नजदीक आ गए थे। मोदी को कुछ युवकों के सिर पर हाथ फेरकर आशीर्वाद देते हुए भी देखा गया। अगर भीड़ के पैमाने से इस रोड शो को देखा जाए तो बहुत भव्य था। हालांकि बीजेपी का दावा है कि आज के रोड शो में लाखों लोग थे और ये पिछले वाले से बड़ा था। 

  

वाराणसी जिले में 6 सीटें हैं और इन सभी पर बीजेपी को जिताने की जिम्मेदारी मोदी पर है। मोदी यहां के सांसद हैं। लेकिन 2017 में इस चुनाव जैसी जिम्मेदारी मोदी ने नहीं उठाई थी। यह 2022 है, जब मोदी को वाराणसी में तीन दिनों तक रुकना पड़ा और एक हफ्ते के अंतराल में दो रोड शो करने पड़े हैं। मोदी आज रात वाराणसी में ही रुके हैं। कल उनकी वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्र में जनसभा है। मोदी का वाराणसी पर इतना जबरदस्त फोकस... कुछ संकेत हैं लेकिन वो बहुत स्पष्ट नहीं हैं। कहीं इसका संबंध बीजेपी की वारणसी यूनिट में जबरदस्त गुटबाजी औऱ कार्यकर्ताओं के घर बैठ जाने से तो नहीं है। 

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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर शुक्रवार को।

यह अजब संयोग है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी दो दिन से वाराणसी और आसपास के इलाकों की खाक छान रही हैं। उन्होंने आज सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन किए और वाराणसी में जनसभा को संबोधित किया। शाम को मोदी का रोड शो उन्हीं इलाकों में निकला। यहां तथ्य महत्वपूर्ण है कि स्मृति ईरानी का वाराणसी से कोई संबंध नहीं है। बीजेपी के पूर्वांचल से जुड़े केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी पार्टी को ज्यादा मजबूती देती, लेकिन उनकी जगह स्मृति ईरानी वाराणसी की शोभा बढ़ा रही हैं।

अखिलेश ने देर रात किया रोड शो

पूर्वी उत्तर प्रदेश को कवर करने वाले पत्रकार पीयूष राय ने मोदी और अखिलेश के रोड शो की फोटो शेयर करते हुए लिखा है कि दोनों में इतनी भीड़ को देखते हुए, कुछ भी भविष्यवाणी करना मुश्किल है। यह हकीकत है कि अखिलेश ने किस रणनीति के तहत रात में रोड शो किया, कोई नहीं जानता। मोदी का रोड शो दिन के उजाले में था। लेकिन रात में अखिलेश के रोड शो में भीड़ देखकर लग रहा था कि लोग अपने घरों में सोने जाने के लिए तैयार नहीं हैं। 

वाराणसी में जो महत्वपूर्ण बात रात में दिखाई दी, वो कि तमाम व्यापारी और बुनकर संगठन अपने बैनर-पोस्टर के साथ रोड शो में थे। व्यापारियों ने अपनी मौजूदगी से बाकायदा अपने बैनरों के जरिए मौजूद होने का एहसास कराया। अखिलेश के रोड शो में बीएचयू के छात्र-छात्राएं, ओबीसी संगठन के लोग भी शामिल थे। वे अपने बैनर पोस्टरों से यह सब बता रहे थे।  

स्थानीय पत्रकार कुलभूषण तिवारी का कहना है कि मोदी या प्रियंका या अखिलेश के रोड शो की भीड़ पर मत जाइए। ऐसे कार्यक्रमों में पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ ज्यादा रहती है। पार्टी बड़ी है तो आसपास जिलों के कार्यकर्ता भी बुला लिए जाते हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव में मोदी को चुनौती देने वाली अरविन्द केजरीवाल के रोड शो की याद दिलाई। जिसमें भीड़ ही भीड़ थी और उस दिन बहुत सारे चुनावी पंडितों ने घोषित कर दिया था कि केजरीवाल ने मोदी को चुनौती दे दी है, लेकिन जब नतीजा आया तो हर-हर मोदी था। 

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शुक्रवार की देर रात वाराणसी में अखिलेश यादव का रोड शो

पत्रकार तिवारी का कहना है कि इस बार ओबीसी मतदाताओं का मिजाज नहीं मिल रहा। वो थोड़ा अलग तरह से बात कर रहे हैं। वो पहले जब बीजेपी और मोदी को लेकर जैसी प्रतिक्रिया देते थे, उसमें इस बार बदलाव आया है। लेकिन अभी 7 मार्च का इंतजार करना पड़ेगा।

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वाराणसी में प्रियंका गांधी का रोड शो

प्रियंका -राहुल ने भी भीड़ खींची

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के रोड शो में भी आज खासी भीड़ थी लेकिन वो पीएम मोदी जैसा भव्य नहीं था। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि बीजेपी केंद्र से लेकर यूपी तक सत्ता में है। उसके पास साधनों की कमी नहीं है। प्रियंका के रोड शो में आई भीड़ में आम लोग भी शामिल थे। इस मौके पर राहुल गांधी ने पिंडारा में एक जनसभा को भी संबोधित किया। राहुल की जनसभा में भारी भीड़ जुटी। भाई-बहन की जोड़ी विश्वनाथ मंदिर में पूजा करने पहुंची। ये पूजा उन्होंने उसी अंदाज में की, जैसे मोदी ने की थी। इसी मंदिर में आज सुबह स्मृति ईरानी भी आई थीं, वे माथे पर तिलक और भभूत लगवाकर बाहर आईं। 

जनता को संकेत साफ है। किसी का कट्टर हिन्दुत्व तो किसी का साफ्ट हिन्दुत्व सामने है, चुनना उसका काम है। लेकिन वो इन सारे प्रपंचों के चलते गुमराह होती नजर आ रही है। हालांकि वाराणसी जिले की सभी 6 सीटों का इतिहास यह रहा है कि वो बहुत स्पष्ट जनमत देती है।

वाराणसी में 7 मार्च को मतदान है। चुनाव प्रचार कल शाम बंद हो जाएगा। 10 मार्च को आने वाला नतीजा वाराणसी में आज रात जुटी भीड़ का रहस्य भी खोल देगा। जो पार्टी भीड़ के बावजूद हारेगी, समझिए उसको बनारस ने ठग लिया है। भीड़ देखकर अंदाजा मत लगाइए। 

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