अब पंजाब ने कहा- सिर्फ़ 5 दिन की वैक्सीन शेष
वैक्सीन की कमी को लेकर शिकायत करने वाले मुख्यमंत्रियों में कैप्टन अमरिंदर सिंह भी शामिल हो गए हैं। अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कहा है कि पंजाब में सिर्फ़ 5 दिन की सप्लाई बची है। इससे पहले महाराष्ट्र, राजस्थान, झारखंड, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा इस तरह की शिकायत कर चुके हैं।
अमरिंदर सिंह ने यह बात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से एक वीडियो बातचीत के दौरान कही। अमरिंदर सिंह ने केंद्र से अपील की कि वह जल्द ही कोरोना की अगली खेप को राज्य में भेज दे। मुख्यमंत्री ने कहा, “पंजाब सरकार के पास 5.7 लाख डोज बची हुई हैं। हम राज्य में 85,000 से 90,000 लोगों को हर दिन टीका लगा रहे हैं और अगर राज्य सरकार 2 लाख लोगों को हर दिन टीका लगाती है तो फिर यह स्टॉक तीन दिन ही चलेगा।”
अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन दोनों को चिट्ठी लिखी है।
24 घंटों में रिकॉर्ड 1,45,384 मामले
कोरोना संक्रमण की रफ़्तार रुकने का नाम नहीं ले रही है। बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 1,45,384 नए मामले सामने आए हैं और 794 लोगों की मौत हुई है। बीते दिन संक्रमण के 1,31,968 मामले आए थे और 780 लोगों की मौत हुई थी। चिंताजनक तसवीर यह है कि दूसरी लहर में संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। साथ ही एक्टिव मामलों की संख्या 10 लाख से ज़्यादा हो चुकी है।
भारत में अब तक कुल 1,32,05,0926 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं जबकि 1,68,436 लोगों की मौत हो चुकी है।
देश भर के संक्रमण के कुल मामलों के 83 फ़ीसदी मामले दस राज्यों से सामने आए हैं। इनमें महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान शामिल हैं।
गहलोत ने लिखी केंद्र को चिट्ठी
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी शुक्रवार को वैक्सीन की कमी की शिकायत की है और केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है। गहलोत ने कहा है कि कोरोना के टीकाकरण को जारी रखने के लिए वैक्सीन की फिर से आपूर्ति की जाए। चिट्ठी में लिखा है कि राज्य में जो स्टॉक बचा है, वह अगले 2 दिन में ही ख़त्म हो जाएगा और केंद्र कम से कम 30 लाख डोज राज्य को भेजे।
मुंबई में 71 टीकाकरण केंद्र बंद
एक ओर देश में कोरोना संक्रमण के मामले रफ़्तार पकड़ते जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच घमासान चल रहा है। महाराष्ट्र जो इस वायरस के संक्रमण से सबसे ज़्यादा प्रभावित है, वहां के सबसे बड़े शहर मुंबई में वैक्सीन की कमी के कारण कोरोना टीकाकरण के 71 केंद्रों को बंद करना पड़ा है।बंद हो चुके कोरोना के 71 टीकाकरण केंद्रों में से एक बीकेसी का केंद्र भी शामिल है। इस केंद्र के बंद होने पर स्थानीय लोग यहां पहुंचे और प्रदर्शन किया।
पूरी मुंबई में कोरोना टीकाकरण के 120 केंद्र हैं और इनमें से 71 केंद्रों के बंद होने से लोगों का ग़ुस्सा फूटना लाजिमी है। मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर का कहना है कि मुंबई के कई केंद्रों में वैक्सीन ख़त्म हो चुकी है और टीकाकरण का काम रुक चुका है।
महाराष्ट्र सरकार लगातार केंद्र के सामने यह मुद्दा उठा रही है कि राज्य में कई जगहों पर वैक्सीन की कमी के कारण कोरोना के टीकाकरण केंद्रों को बंद करना पड़ा है। इनमें मुंबई के अलावा, सतारा, सांगली और पनवेल के इलाक़े शामिल हैं। महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि गुजरात को महाराष्ट्र के बराबर वैक्सीन क्यों दी जा रही हैं जबकि आबादी और कोरोना संक्रमण के मामले यहां महाराष्ट्र से बेहद कम हैं।
महाराष्ट्र सरकार और विपक्ष के तमाम आरोपों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा है कि कोरोना की ज़िम्मेदारी से बचने और वास्तविक स्थिति से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की बातें कही जा रही हैं।