हरिद्वार धर्म संसद: एफ़आईआर में दो और संतों के नाम

08:08 pm Dec 26, 2021 | सत्य ब्यूरो

क्या उत्तराखंड के हरिद्वार में हुए धर्म संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने वाले भाषण देने वालों के ख़िलाफ़ वाकई कोई ठोस कार्रवाई होगी? यह सवाल अहम इसलिए है कि पुलिस ने इस मामले में दायर एफ़आईआर में रविवार को दो और नाम जोड़े हैं। 

वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी के बाद दो संत महामंडलेश्वर धर्मदास और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती भी केस दायरे में आ गए हैं। 

लगातार सामने आ रहे वीडियो और साक्ष्यों के आधार पर पुलिस एफआईआर में नाम बढ़ाती जा रही है। हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने दंड संहिता की धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज किया है। 

क्या कहना है उत्तराखंड पुलिस का?

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक ने इसकी पुष्टि करते हुए 'द हिन्दू' से कहा है कि गहन जाँच चल रही है और कई लोगों से पूछताछ की जा रही है, लेकिन अब तक किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है। 

उन्होंने कहा कि दो पहलुओं से जाँच की जा रही है, और कुछ लोगों के नाम एफ़आईआर में शामिल किए जाएं और किसी नई धारा को उसमें जोड़ा जाए। 

जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी का कहना है, "निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती जी और महामंडलेश्वर धर्मदास जी पर भी एफआईआर दर्ज हुए हैं, यह बहुत ही दुखद है।"

उन्होंने इसके आगे कहा,

मुझे लगता है कि षड्यंत्रकारी वामपंथी और कांग्रेसियों के दबाव में सरकार आती जा रही है और सरकार सत्य के लिए लड़ने वालों को परेशान करना चाहती है।


यति नरसिंहानंद गिरी, महामंडलेश्वर, जूना अखाड़ा

मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत

शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि यह शर्मनाक है कि हरिद्वार हमारी तीर्थ नगरी है और उसमें बैठकर हम धर्म रक्षा की बात नहीं कर सकते। 

हरिद्वार के एसपी सिटी शेखर सुयाल ने 'आजतक' से कहा कि धर्म संसद अभद्र भाषण मामले में हमारे आईओ ने अध्ययन करने के बाद दो और नाम प्राथमिकी में बढ़ाए हैं। उन्होंने इसके आगे यह कहा कि पुलिस अफसर ने जानकारी दी कि शुरू में वसीम रिज़वी का नाम एफआईआर में था, बाकी अन्य जाँच का हिस्सा बने और उनका नाम भी केस में जोड़ा गया।

क्या है मामला?

बता दें कि यह कथित धर्म संसद हरिद्वार में 17 से 19 दिसम्बर तक आयोजित की गई थी।

इस धर्म संसद का वीडियो बुधवार को वायरल हुआ था और पूरे देश में इसकी निन्दा की गई थी। तमाम लोगों ने आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी।

इस धर्म संसद में विधायक और नेता भी थे। इस धर्म संसद में ऐसे बाबा लोग भी देखे गए, जिनके फोटो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ सोशल मीडिया पर मौजूद हैं।