कांग्रेस हाईकमान ने रावत समेत उत्तराखंड के बड़े नेताओं को दिल्ली बुलाया
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले वरिष्ठ नेता हरीश रावत की नाराज़गी के बाद पार्टी हाईकमान ने राज्य के बड़े नेताओं को दिल्ली बुला लिया है। रावत के द्वारा नाराज़गी का खुलकर इजहार करने के बाद पार्टी हाईकमान को डर है कि उसे इस वजह से विधानसभा चुनाव में नुक़सान हो सकता है।
रावत उत्तराखंड में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष भी हैं और उन्हें राज्य में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है।
रावत के अलावा विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रीतम सिंह, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गणेश गोदियाल, वरिष्ठ नेता यशपाल आर्य को भी दिल्ली बुलाया गया है।
टिकट बंटवारे पर रार
सियासी जानकारों के मुताबिक़, रावत उत्तराखंड में मुख्यमंत्री का चेहरा बनना चाहते हैं और साथ ही वह अपने अधिकतर समर्थकों को टिकट भी दिलवाना चाहते हैं। लेकिन कांग्रेस के बाक़ी नेता सामूहिक नेतृत्व के तौर पर चुनाव में जाने की बात कह रहे हैं। इसके अलावा टिकट वितरण को लेकर भी कांग्रेस के क्षत्रपों में घमासान मचा हुआ है।
कांग्रेस हाईकमान की कोशिश होगी कि वह हरीश रावत को मना ले। क्योंकि रावत 45 साल से कांग्रेस में हैं और सरकार व संगठन में तमाम बड़े पदों पर रह चुके हैं।
हाईकमान चाहेगा कि रावत की नाराज़गी जल्द दूर हो क्योंकि उनके नाराज़ रहने से निश्चित रूप से पार्टी को चुनाव में नुक़सान हो सकता है। देखना होगा कि हाईकमान कैसे अपने पुराने नेता को मना पाता है।
क्या कहा था रावत ने?
रावत ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था कि चुनाव रूपी समुद्र में तैरना है लेकिन संगठन का ढांचा अधिकांश जगहों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर कर खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।
रावत ने अपने ट्वीट के जरिये कांग्रेस हाईकमान पर भी निशाना साधा था। कांग्रेस नेता ने कहा था कि जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे उनके हाथ-पांव बांध रहे हैं।
रावत के ही कहने पर हाईकमान ने गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था लेकिन इसके बाद भी रावत का यह कहना कि संगठन का सहयोग नहीं मिल रहा है, यह गंभीर सवाल खड़े करता है।