उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है। कॉल टोल फ्री नंबर 112 पर की गई है। फोन करने वाले कथित नाम रिहान के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और यूपी आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) को सतर्क कर दिया गया है।
फोन करने वाले ने कॉल के अलावा यूपी पुलिस के सोशल मीडिया डेस्क पर भी मैसेज किया है। फोन करने वाले की डीपी पर अल्लाह शब्द वाली एक तस्वीर थी।
यूपी पुलिस ने बताया कि कॉल करने वाले ने कहा था- योगी सीएम को मार दूंगा। बता दें 112 इमरजेंसी नंबर पुलिस को फोन करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी किया गया टोल-फ्री नंबर है।
कितने असुरक्षित हैं योगी
हर महीने कहीं न कहीं से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी आ जाती है। हाल ही में जब गैंगस्टर और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की पुलिस सुरक्षा में हत्या कर दी गई तो यूपी पुलिस ने फौरन घोषित कर दिया की योगी की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। उसकी समीक्षा की जा रही है।
जिस तरह हर महीने योगी को मारने की धमकी मिलती है, उसी तरह हर छह महीने में योगी की सुरक्षा बढ़ाने की खबर भी आती है। योगी 2017 में यूपी के मुख्यमंत्री बने। अप्रैल 2017 में यूपी पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने पहली बार उनकी सुरक्षा को लेकर लंबी चौड़ी कवायद की। योगी को फौरन जेड प्लस सुरक्षा मिली। उन्हें एनएसजी के 35 कमांडो दिए गए। जिसमें से 7 कमांडो हर समय योगी के साथ मोबाइल रहते हैं यानी योगी आदित्यनाथ कहीं भी जाते हैं, 7 कमांडो उनके साथ रहते हैं। योगी ने कभी बंदर को अपना सुरक्षा प्रहरी बताया था, क्योंकि बहुत पहले वो अपने साथ एक पालतू बंदर रखते थे। लेकिन आज योगी कमांडो से घिरे रहते हैं। अप्रैल 2017 में ही योगी की सुरक्षा में एक यूनिट क्यूआरटी (त्वरित प्रतिक्रिया टीम) भी तैनात की गई थी। जेड प्लस, 7 मोबाइल कमांडो, क्यूआरटी यूनिट के बाद सीआईएसएफ की भी एक यूनिट को योगी की सुरक्षा में लगाया गया। हालांकि सीआईएसएफ बिल्डिंग और दफ्तरों की सुरक्षा में लगाई जाती है, नेता की सुरक्षा में नहीं। लेकिन व्यवस्था को अत्यंत चुस्त बनाने के लिए सीआईएसएफ भी तैनात की गई।
कहां गए 2017 वाले आतंकी
योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद कतिपय अंग्रेजी अखबारों और मीडिया के एक बड़े वर्ग ने खबर जारी की थी कि लंदन में योगी की हत्या की साजिश रची जा रही है। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षित आतंकवादी यूपी में योगी को मारने के लिए प्रवेश कर चुके हैं। फिलहाल वो स्लीपर सेल की मदद से अंडरग्राउंड हैं। इसके बाद पूरे यूपी में हर जिले के डीएम और एसपी को इस सिलसिले में खास निर्देश जारी किए गए। सीएम बनने के बाद 2017 में योगी की जान के खतरे को लेकर जारी इस एलर्ट की अंतिम स्थिति क्या रही, कोई नहीं जानता, यूपी में जो प्रशिक्षित आतंकी घुसे थे, कोई नहीं जानता, लंदन में जो लोग योगी की हत्या की योजना बना रहे थे, उनके बारे में फिर कोई खबर नहीं आई।
लेकिन अब योगी की जान को फिर खतरा है। इस बार कॉल करने वाले का नाम भी आ गया है। रिहान कब ट्रेस होगा, कोई नहीं जानता। हालांकि यूपी एटीएस को पूरी जानकारी इस सिलसिले में दी गई है। लेकिन अतीक-अशरफ के मर्डर के बाद योगी की सुरक्षा बढ़ाने की जो बात कही गई थी, उसके बाद भी धमकी देने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। वे बार-बार धमकी का फोन कर रहे हैं।
अभी 18 अप्रैल को झारखंड के किसी अमन राजा ने फेसबुक पोस्ट के जरिए योगी को मारने की धमकी दी थी। यूपी पुलिस ने केस दर्ज किया और यूपी के डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर मामले की जानकारी दी थी।
ऐसा भी हुआ था
2020 में जब कोरोना चरम पर था और यूपी में गंगा में शव तैरते दिखे थे तो उस दौरान किसी ने योगी को मारने वाला वाट्सऐप मैसेज भेजा था। यूपी पुलिस ने बाद में अमरपाल यादव नामक शख्स को इस वाट्सऐप मैसेज भेजने के लिए गिरफ्तार किया। अमरपाल यादव ट्रक ड्राइवर था। लेकिन वो इस बात से अनजान था कि उसके मोबाइल से इस तरह का आपत्तिजनक मैसेज योगी आदित्यनाथ के लिए भेजा गया। लाइव लॉ की रिपोर्ट बताती है कि 27 जनवरी 2021 को यूपी के इस बहुचर्चित वाट्सऐप मैसेज प्रकरण में आरोपी अमरपाल यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। अमरपाल ने कोर्ट में कहा था कि वो तो मुख्यमंत्री की इज्जत करता है। उसके फोन का गलत इस्तेमाल किया गया है। यूपी पुलिस, एटीएस और अन्य जांच एजेंसियां आज तक पता नहीं लगा सकी हैं कि उस चर्चित वाट्सऐप मैसेज कांड के पीछे कौन था।
बहरहाल, बुलडोजर बाबा के रूप में मशहूर हुए योगी की जान की खतरा बढ़ रहा है तो उनकी सुरक्षा और बढ़ाई जानी चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्रालय को उनकी सुरक्षा का फिर से रिव्यू करना चाहिए।