उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज चुनावी रैली में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी पर यह कहकर निशाना साधा कि 'ये दो लड़कों की जोड़ी है'। उन्होंने इसके साथ ही 2017 और 2014 के चुनावों में भी 'दो लड़कों की जोड़ी' से तुलना करते हुए कहा कि उन चुनावों के जैसा ही इस जोड़ी का हस्र होगा।
इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में संलिप्तता का आरोप भी लगाया। योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'ये जो दो लड़कों की जोड़ी आई है ना, ये दो लड़कों की जोड़ी 2014 में भी बनी थी, 2017 में भी बनी थी।'
2014 के आम चुनावों और 2017 के यूपी चुनावों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2017 में राज्य के लोगों ने जोड़ी से कहा था कि वे योग्य नहीं हैं। अखिलेश यादव और चौधरी ने 2017 के राज्य के चुनावों में एक साथ चुनाव लड़ा था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी रैली में कहा, '2013 में जब मुजफ्फरनगर दंगा हुआ था तो दो जाट पुरुष - सचिन और गौरव - मारे गए थे। दोनों में से एक जो लखनऊ से है वह सत्ता में था... वह हत्या के लिए ज़िम्मेदार था। उसने दंगाइयों को राज्य की राजधानी बुलाया और उन्हें सम्मानित किया।'
उन्होंने आगे कहा, 'जो मामले दर्ज करवा रहे थे, उनको वे सलाखों के पीछे भेज रहे थे। दिल्ली का आदमी (राहुल गांधी) भी बचाव कर रहा था... उन्होंने कहा कि उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।'
योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'अब दोनों फिर से वापस आ गए हैं - केवल पैकेजिंग नई है।'
योगी के इस भाषण से पहले आज ही अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा है कि चुनाव आयोग को इस बात का संज्ञान लेना चाहिए कि एक मुख्यमंत्री की भाषा ऐसी नहीं हो सकती। अखिलेश की यह आपत्ति योगी आदित्यनाथ के उस बयान को लेकर है जिसमें उन्होंने कहा था कि जो गर्मी अभी कैराना और कुछ क्षेत्रों में दिखाई दे रही है वह 10 मार्च के बाद शांत हो जाएगी। उन्होंने कहा था कि वह मई और जून में भी शिमला बना देते हैं।
अभी कुछ दिन पहले ही योगी ने ट्वीट किया था, "वे 'जिन्ना' के उपासक हैं, हम 'सरदार पटेल' के पुजारी हैं। उनको पाकिस्तान प्यारा है, हम मां भारती पर जान न्योछावर करते हैं।" योगी के इस बयान से एक दिन पहले ही केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भाजपा जिन्ना नहीं, गन्ने के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी।