यूपी में घमासानः योगी निशाने पर, आशीष और अनुप्रिया पटेल के पीछे कौन?
यूपी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के बयान सारी सीमाएं पार कर गये हैं। बयान मुख्यमंत्री योगी को लक्ष्य बनाकर दिये गये हैं। अपने पति की मुहिम में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी कूद पड़ी हैं। सबसे पहले विधायक पल्लवी पटेल ने आशीष पटेल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये। लेकिन आशीष ने इसे राजनीतिक रुख देते हुए यह संकेत दिया कि अनुप्रिया की बहन पल्लवी मुख्यमंत्री के कहने पर उनके खिलाफ बयान दे रही हैं। आशीष ने इसके बाद कुर्मी मुख्यमंत्री का मुद्दा भी उठा दिया। इस तरह अपना दल और सीएम के बीच अब 36 का आंकड़ा हो गया है।
केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनेलाल) पार्टी की नेता अनुप्रिया पटेल ने यूपी एसटीएफ से अपनी जान को खतरा होने का आरोप लगाने के बाद अपने पति और मंत्री आशीष पटेल का समर्थन किया। आशीष पटेल ने यूपी एसटीएफ पर उनके खिलाफ 'साजिश' रचने का आरोप लगाया था। अपने पति का समर्थन करते हुए, अनुप्रिया पटेल ने चेतावनी दी कि उनकी पार्टी "कार्यकर्ता की गरिमा के सवाल पर" चुप नहीं रहेगी।
यूपी की इस राजनीति पर बढ़ने से पहले यह जान लीजिए कि अपने समय के कद्दावर कुर्मी डॉ सोनेलाल पटेल की विरासत का समीकरण क्या है। सोनेलाल पटेल की बड़ी बेटी अनुप्रिया पटेल केंद्र में मंत्री हैं और सीधे पीएम मोदी और अमित शाह गुट से जुड़ी मानी जाती हैं। उनके पति आशीष पटेल यूपी में कैबिनेट मंत्री हैं। उन्हें अमित शाह के निर्देश पर मंत्री बनाया गया था। सोनेलाल पटेल की छोटी बेटी पल्लवी पटेल सिराथू से समाजवादी पार्टी की विधायक हैं। हालांकि उनकी पार्टी अपना दल कमेरावादी भी है, लेकिन चुनाव उन्होंने सपा से लड़ा था। अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष सोनेलाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल हैं। यानी मां का समर्थन छोटी बेटी पल्लवी के साथ है।
पल्लवी ने सिराथू से केशव प्रसाद मौर्य को हराया था। लेकिन पल्लवी भी सपा से बगावत की राह पर हैं और इस समय उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी लोगों में गिना जाता है। उधर, केशव प्रसाद मौर्य भी योगी के खिलाफ हैं और पिछले दिनों उन्होंने सीएम बनने के लिए खूब हाथ-पैर मारे थे। केशव की योगी से नाराजगी की एक वजह पल्लवी भी हैं।
विधायक पल्लवी पटेल ने बुधवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मिलकर तकनीकी शिक्षा विभाग की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि जांच एसआईटी से कराई जाए। इसी मुद्दे को पल्लवी ने यूपी विधानसभा में भी उठाया था और धरने पर बैठ गई थीं। तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री आशीष पटेल हैं। पल्लवी ने अपने बहनोई पर दलाली का आरोप लगाया था और कहा था कि नियुक्तियों में आरक्षण का पालन नहीं किया जा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने जांच का आश्वासन दिया था।
आशीष पटेल के बयानयोगी के मंत्री आशीष पटेल ने पल्लवी के आरोपों के बाद यूपी एसटीएम के खिलाफ मोर्चा खोला। उन्होंने सूचना विभाग के अधिकारी का नाम भी उन्हें बदनाम करने के लिए लिया। उनके बयान का वीडियो देखिये-
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल बागी रुख दिखा रहे हैं. उन्होंने STF और सूचना विभाग के अधिकारी शिशिर सिंह पर षड़यंत्र करने का आरोप लगाया. ऐसे में जब आशीष पटेल से पूछा गया कि क्या वह मंत्री पद से इस्तीफा देंगे? तो आशीष पटेल ने कहा कि मैं इस्तीफा नहीं दूंगा. चाहें, तो मुझे… pic.twitter.com/9zP8GqbmMn
— UP Tak (@UPTakOfficial) January 2, 2025
आशीष पटेल ने सीधे एसटीएफ को भी चुनौती दी। उनका बयान सुनिये-
आजादी के 75 साल हो गए, लेकिन उत्तरप्रदेश में कुर्मी मुख्यमंत्री नहीं बना..उत्तरप्रदेश का कुर्मी आर्थिक रूप से संपन्न है लेकिन राजनीतिक रूप से नहीं..
— Dharmendr singh patel (@dharmendrpatel_) January 2, 2025
अपना दल की थोड़ी सी ताकत बढ़ी ..तो मंत्री आशीष पटेल जी को लगातार धमकियां मिल रही है.. pic.twitter.com/Vr3qFPgAZD
कुर्मी सीएम क्यों नहीं
योगी के मंत्री आशीष पटेल ने कुर्मी मुख्यमंत्री का मुद्दा भी उठा दिया। दरअसल, इस मुद्दे को उठाने से भाजपा की भावी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि यूपी में ओबीसी मतदाताओं पर भाजपा की नजर हमेशा रहती है। कुर्मी मतदाताओं की पार्टी अपना दल मानी जाती है। 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कुर्मी मुख्यमंत्री का पांसा फेंककर आशीष ने भाजपा को भी संकेत दे दिये हैं। अपना दल के नेताओं का कहना है कि आजादी के 75 साल हो गए, लेकिन उत्तरप्रदेश में कुर्मी मुख्यमंत्री नहीं बना...उत्तरप्रदेश का कुर्मी आर्थिक रूप से संपन्न है लेकिन राजनीतिक रूप से नहीं.. अपना दल की थोड़ी सी ताकत बढ़ी ..तो मंत्री आशीष पटेल को लगातार धमकियां मिल रही है...। उन्होंने अपने समर्थकों के बीच लड़ने की कसम खाई है।योगी की तरफ संकेतआशीष पटेल ने इंडियन एक्सप्रेस को एक इंटरव्यू दिया है। जिसमें इस तरफ इशारा किया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस कथित साजिश के बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की? आशीष पटेल ने कहा- मैंने पूरे मामले को उचित मंच पर रखा है। इसके बावजूद ऐसी साजिशें बदस्तूर जारी हैं। मुझे भ्रष्ट बताने के लिए हर दिन अखबारों में नकारात्मक खबरें छप रही हैं। फिर उनसे पूछा गया कि उनकी पत्नी और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा की, आशीष ने कहा- पार्टी अध्यक्ष ने इस मामले को हर उचित मंच पर रखा है। मसला यह है कि सूचना विभाग साजिश कर रहा है और इसमें शामिल है एसटीएफ। एसटीएफ का काम अपराधियों को खत्म करना है लेकिन वह मंत्रियों की गरिमा को खत्म करने में लगी रहती है।
आशीष पटेल ने पल्लवी का नाम लेते हुए कहा- पल्लवी पटेल ने सदन स्थगित होने के बाद भी विधानसभा में (हालिया सत्र के दौरान) अकेले अपना धरना जारी रखा। बाद में शाम 7 बजे एसटीएफ ने दो बाहरी लोगों को विधानसभा भेजा और दोनों उसके साथ हो लिए। दोनों की एंट्री कैसे हुई? यूपी एसटीएफ का नाम बदलकर षड्यंत्रकारी बल रखा जाना चाहिए। उनसे जब कहा गया कि आप कह रहे हैं कि आपके (आशीष) और आपकी पार्टी के ख़िलाफ़ साजिश में एसटीएफ शामिल है? तो उनका जवाब था- हज़ार फीसदी और अगर मुझे कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदारी एसटीएफ और उसके कर्मियों की होगी।
अपना दल और एनडीए के संबंधों पर आशीष पटेल ने कहा- 2014 में यूपी में सरकार एनडीए की नहीं थी। पीएम हमारे नेता हैं और जब तक वह हमारे नेता हैं तब तक हम एनडीए में रहेंगे...विवाद एनडीए के साथ नहीं है। विवाद यूपी सरकार में कुछ साजिशकर्ताओं से है जो 'धरना मास्टर' (पल्लवी) जैसे लोगों का इस्तेमाल करते हैं और लोगों की छवि खराब करते हैं। मैं मांग करता हूं कि पल्लवी पटेल और उनके पति दोनों की कॉल डिटेल सार्वजनिक की जाए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि सरकार में कौन उनके संपर्क में था।
योगी तरफ इशारा करते हुए आशीष ने कहा- क्या वह (पल्लवी) इतने बड़े कद की नेता हैं कि वित्त मंत्री (सुरेश खन्ना) उनसे धरना खत्म करने के लिए मौके पर कहने जाएं और वह (पल्लवी) तुरंत धरना खत्म कर दें? क्या इससे यह साबित नहीं होता कि धरना प्रायोजित था? यानी आशीष पटेल ने एक तरह से मुख्यमंत्री की तरफ इशारा किया कि उनके निर्देश पर पल्लवी आरोप लगा रही है।