यूपी से इलेक्ट्रिक वाहन (EV) खरीदने पर रजिस्ट्रेशन चार्ज नहीं लगेगा। यूपी सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य सरकार के एक आला अफसर ने आज मीडिया को बताया कि आमतौर पर एक इलेक्ट्रिक वाहन पर 8 से 10 फीसदी तक का रजिस्ट्रेशन चार्ज होता है, जो अब नहीं लगेगा। जैसे अगर कोई 10 लाख रुपये कीमत का इलेक्ट्रिक वाहन खरीदता है तो उसे अब तक एक लाख रुपये देने होते थे। लेकिन अब यह पूरी रजिस्ट्रेशन फीस माफ हो चुकी है।
यूपी ने अपनी ईवी पॉलिसी अक्टूबर 2022 में घोषित की थी, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस समेत तमाम तरह की छूट देने का प्रस्ताव किया गया था। लेकिन राज्य सरकार ने करीब पांच महीने बाद उस नीति के आधार पर फैसला लेते हुए यह घोषणा की है।
यूपी के प्रमुख सचिव एल वेंकटश्वरलू ने बताया कि यूपी में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने या रजिस्ट्रेशन कराने पर सौ फीसदी टैक्स छूट मिलेगी। पूरा रजिस्ट्रेशन चार्ज माफ रहेगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्यूफैक्चरिंग एंड मोबिलिटी पॉलिसी 2022 अक्टूबर 13, 2025 तक लागू रहेगी।
यूपी में फरवरी 2023 में सबसे अधिक 16,459 ईवी रजिस्ट्रेशन हुए, जो फरवरी 2022 में रजिस्टर्ड 8,594 वाहनों से लगभग दोगुना है, हालांकि जनवरी में हुए 16,793 रजिस्ट्रेशन से थोड़ा कम है।
कौन सबसे आगे
महाराष्ट्र में अब तक देश में सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बिक्री हो चुकी है। कर्नाटक ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, इसके बाद तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश का स्थान रहा। EV प्रमोशन स्कीम के तहत अब तक कुल बिक्री में इन छह राज्यों की हिस्सेदारी 60% से अधिक है।
हालांकि दिल्ली राज्य में पिछले कई वर्षों से इलेक्ट्रिक वाहन पर सौ फीसदी टैक्स छूट मिल रही है। इसीलिए लोग यूपी, हरियाणा के मुकाबले दिल्ली से ईवी खरीद रहे हैं। जबकि दिल्ली के चारों तरफ यूपी और हरियाणा के शहर हैं। जहां पेट्रोल और डीजल वाहन दिल्ली के मुकाबले सस्ता बिकते हैं लेकिन ईवी के मामले में उल्टा है।