यूपी चुनाव में बीजेपी-कांग्रेस के बीच स्मार्ट फोन और स्कूटी वॉर

01:38 pm Dec 20, 2021 | सत्य ब्यूरो

उत्तर प्रदेश में बीजेपी मतदाताओं को रिझाने के लिए अब स्मार्ट फोन और टैब बांटने की तैयारी कर रही है। हालांकि ये स्मार्ट फोन और टैब सरकार की ओर से बांटे जाएंगे। लेकिन बीजेपी अपने बैनर से इसका जोरशोर से प्रचार करने में जुट गई है। 25 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर इस संबंध में बड़ा आयोजन होने जा रहा है।

पार्टी ने राज्य के 1 करोड़ लोगों को स्मार्ट फोन और टैब बांटने का लक्ष्य रखा है।

दूसरी कांग्रेस भी स्कूटी और मोबाइल बांटने जा रही है।

हालांकि यूपी सरकार स्मार्ट फोन और टैब ज्यादातर युवक-युवतियों और छात्र-छात्राओं को बांटेगी। इनमें कॉलेज और विश्वविद्यालय के भी छात्र-छात्राएं हैं। इसके अलावा भी युवा लाभार्थियों का चयन किया गया है।

यूपी में करीब ढाई महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उसी के मद्देनजर तमाम राजनीतिक दल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए घोषणाएं और तमाम तरह के आयोजन कर रहे हैं।

जल्द ही आचार संहिता लागू होने के बाद इस तरह की घोषणाएं और आयोजन पर रोक लगाई जाएगी, इसलिए इन दिनों इसे लेकर होड़ मची हुई है।

यूपी में भाजपा की सरकार है तो सरकारी घोषणाओं का लाभ पार्टी उठाना चाहती है।

4700 करोड़ का खर्च

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले चरण करीब 2.5 लाख स्मार्ट और टैबलेट बांटने की घोषणा की थी। इसके तहत 4700 करोड़ का टेंडर जारी किया गया था।

इस घोषणा को अमली जामा 25 दिसम्बर को पूर्वी पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर लखनऊ के इकाना स्टेडियम (गोमती नगर) में पहनाया जाएगा।

25 दिसम्बर को योगी करीब 60,000 मोबाइल और 40,000 टैब बांटेंगे।

करीब 27 लाख छात्र-छात्राओं का डेटा डीजी शक्ति पोर्टल पर अपलोड हो चुका है। इसके अलावा अन्य लोग भी उस पर अभी भी पंजीकरण करा रहे हैं।

इन कंपनियों के होंगे स्मार्ट फोन

जितने लोग अंतिम समय तक वहां पंजीकरण कराएंगे, सरकार ने सभी को स्मार्ट फोन और टैब देगी।

यूपी सरकार के टेंडर में लावा, सैमसंग और एसर समेत कई कंपनियों ने हिस्सा लिया था। लेकिन यही तीन कंपनियां ही टेंडर की शर्तें पूरी कर सकीं।

इस टेंडर में सबसे ज्यादा शेयर लावा को मिला है। यानी ज्यादातर लोगों को लावा के ही मोबाइल और टैब मिलेंगे।

कुछ चुनाव से पहले, कुछ बाद

भाजपा के सूत्रों का कहना है कि योगी सरकार की योजना के तहत करीब एक लाख लोगों को पहले ही चरण में स्मार्ट फोन और टैब दे दिए जाएंगे। लेकिन योजना का अगला चरण पार्टी की फिर से सत्ता में वापसी के बाद शुरू होगा।

करीब एक करोड़ लोगों को स्मार्ट फोन और टैब देने का वादा किया गया है।

इस सूचना से यह जाहिर है कि 25 दिसम्बर के आयोजन से सरकार एक उम्मीद जगा देगी और उन उम्मीदों के बाकी हिस्सों को तभी पूरा किया जाएगा जब भाजपा सत्ता में दोबारा लौटेगी। इस तरह मतदाताओं के वोट पाने का इससे कारगर फॉर्म्युला और क्या होगा।

भाजपा का संकल्प पत्र

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी विधानसभा के लिए अपना जो संकल्प पत्र जारी किया था, उसमें छात्र-छात्राओं को लैपटॉप बांटने का वादा था।

योगी सरकार उस वादे के मुताबिक लैपटॉप नहीं बांट पाई। उसे डर था कि लैपटॉप बांटने पर इसका श्रेय पूर्व सीएम अखिलेश यादव को चला जाएगा। क्योंकि अखिलेश ने पिछले कार्यकाल में लैपटॉप बांटे थे।

कांग्रेस भी पीछे नहीं

पैसों के अभाव के बावजूद कांग्रेस भी कुछ इसी तरह के फॉर्म्युले पर काम कर रही है।

कांग्रेस अपनी सभी महिला प्रत्याशियों को स्कूटी देने जा रही है। महिला प्रत्याशी इसी स्कूटी से प्रचार करेंगी।

कांग्रेस ने फिलहाल 125 स्कूटी महिला प्रत्याशियों को खरीदने के लिए दी हैं।

कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने हाल ही में 40 फीसदी महिलाओं को कांग्रेस टिकट देने की घोषणा की थी।

उस समय महिला प्रत्याशियों को स्कूटी और स्मार्टफोन देने की घोषणा की थी।

हालांकि पार्टी ने अभी स्मार्ट फोन के टेंडर जारी नहीं किए हैं। लेकिन इस योजना पर पार्टी में बातचीत चल रही है।

कांग्रेस की कुछ संभावित महिला प्रत्याशियों ने स्कूटी के साथ अपने-अपने फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं। ऐसा ही फोटो लखनऊ की कांग्रेस नेता रफत फातिमा के फेसबुक एकाउंट पर नजर आया है।

सपा भी इसी रास्ते पर

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने  करीब डेढ़ महीना पहले आजमगढ़ में एक आयोजन में कुछ छात्र-छात्राओं को मुफ्त लैपटॉप बांटे थे। अखिलेश ने कहा था कि शीघ्र ही पार्टी और स्थानों पर भी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप बांटेगी।

इस मौके पर उन्होंने भाजपा को उसका 2017 का संकल्प याद दिलाया था। उन्होंने मांग की थी कि भाजपा राज्य के हर छात्र-छात्रा को मुफ्त लैपटॉप देने का वादा करे। भाजपा लैपटॉप की बजाय स्मार्ट फोन और टैब की योजना लेकर आ गई।

बहरहाल, यह वक्त बताएगा कि स्मार्टफोन, टैब, स्कूटी और लैपटॉप बांटने का कितना असर मतदाताओं पर पड़ता है।

मतदाता कितने समझदार हैं, इसका भी पता चलेगा। क्योंकि पांच साल के इंतजार के बाद जब ऐसी चीजें मुफ्त में मतदाताओं को मिलती हैं, इसकी असलियत चुनाव नतीजों बाद सामने आ जाती है।