पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक कूड़ा गाड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर मिलने पर सफाई कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। जबकि सफाई निरीक्षक और सुपरवाइजर को इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में जांच भी बैठा दी गई है।
मथुरा वृंदावन नगर निगम में ठेके पर कार्यरत एक सफाई कर्मचारी का वीडियो सामने आया था। सफाई कर्मचारी जिस कूड़ा गाड़ी को ले जा रहा था, उसमें नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की तस्वीर थी।
किसी ने इन तस्वीरों को कूड़े में फेंका था जिन्हें कूड़ा इकट्ठा करने वाले सफाई कर्मचारी बॉबी ने कूड़ा गाड़ी में डाल दिया था और वह इन्हें ले जा रहा था।
बॉबी का कहना है कि उसे यह तस्वीरें कूड़े में मिली हैं। बॉबी का कहना है कि वह पढ़ा लिखा नहीं है और यह तस्वीर किन लोगों की है, नहीं पहचान सका।
जब बॉबी इन दोनों तस्वीरों को नगर निगम की कूड़ा गाड़ी में डालकर ले जा रहा था तो कुछ लोगों ने उसे रोका और इसका वीडियो बना लिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
मथुरा वृंदावन नगर निगम की ओर से अपर नगर आयुक्त ने कहा है कि लोगों के द्वारा टोकने पर सफाई कर्मी को इस बात का पता चला कि कूड़ा गाड़ी में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीर है। इस काम में सफाई कर्मी की लापरवाही दिखाई दी है और इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए सेवाओं को समाप्त कर दिया गया है।
हालांकि नगर निगम ने कहा है कि बॉबी की ओर से इस बारे में दी गई सफाई को सुना गया है। मथुरा नगर निगम के आयुक्त की ओर से बनाई गई कमेटी से 48 घंटे में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। इसके बाद ही इस संबंध में आगे का फैसला लिया जाएगा।
राजस्थान के अलवर से मथुरा वृंदावन घूमने आए तीन लोगों ने कूड़े की गाड़ी से इन तस्वीरों को ले लिया और साफ कर अपने साथ ले गए हैं।
नगर निगम की इस कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निवेदन किया है कि सरकार गरीब सफाई कर्मचारी बॉबी को नौकरी पर बहाल कर दे।
कूड़े में किसने फेंकी तस्वीरें
मथुरा वृंदावन नगर निगम को इस बात की जांच करनी चाहिए कि इन तस्वीरों को कूड़े में किसने फेंका। क्योंकि सरकारी दफ्तरों में अमूमन तौर पर राज्य के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सहित कई महापुरुषों की तस्वीरें लगी होती हैं। कूड़ा गाड़ी के कर्मचारी ने कूड़ा उठाते वक्त इन तस्वीरों को कूड़ा गाड़ी में डाल दिया लेकिन इस मामले में सबसे बड़ी लापरवाही उसकी है, जिसने इन तस्वीरों को कूड़े के ढेर में फेंका था।