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संभलः क्या छिपाना चाहती है योगी सरकार, अब कांग्रेस टीम को जाने से रोका, विवाद

संभलः क्या छिपाना चाहती है योगी सरकार, अब कांग्रेस टीम को जाने से रोका, विवाद

तनावग्रस्त संभल की सच्चाई छिपाने के लिए यूपी की भाजपा सरकार ने विपक्षी दलों को संभल जाने से रोक दिया है। हालांकि सोमवार को वहां न्यायिक आयोग की टीम हिंसा की जांच करने पहुंची है। लेकिन कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को सोमवार को वहां जाने से रोक दिया। सपा के नेताओं को भी रविवार को इसी तरह रोका गया था।

उत्तर प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को पुलिस पर उन्हें संभल जाने से रोकने का आरोप लगाया। पुलिस के रोके जाने पर कांग्रेस ने संभल मार्च स्थगित कर दिया। अब उसने वहां 10 दिसंबर के बाद वहां जाने की घोषणा की है। 

कांग्रेस ने संभल हिंसा को बड़ा मुद्दा बना दिया है। कांग्रेस के दो नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर धार्मिक स्थलों के सर्वे पर रोक लगाने की मांग की है। कांग्रेस संसद के दोनों सदनों में संभल हिंसा का मुद्दा पांच दिनों से उठाने की कोशिश कर रही है, लेकिन मोदी सरकार उठाने नहीं दे रही है। यूपी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने संभल जाने की कोशिश की लेकिन उसे रोक दिया गया। इससे पहले रविवार को सपा के नेताओं को भी संभल जाने से रोका गया था। विपक्ष का आरोप है कि योगी आदित्यनाथ सरकार संभल में पुलिस के अत्याचार और उसकी एकतरफा कार्रवाई को छिपाना चाहती है।

संभल में 24 नवंबर को एक शाही मस्जिद के अदालत के आदेश पर किए गए सर्वेक्षण के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया। सर्वे टीम के साथ गए लोगों ने मौके पर साम्प्रदायिक नारे लगाए गए और मस्जिद में घुसकर नमाजियों को भगाने की कोशिश की। इसी दौरान हिंसा हुई और पुलिस गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी। वीडियो फुटेज होने के बावजूद पुलिस गोलीबारी से मना कर रही है और कहना है कि मुस्लिमों के दो गुट आपस में लड़ गए थे। उन्होंने एक दूसरे पर गोली चलाई। पुलिस का यह सफेद झूठ तमाम गवाह और वीडियो झुठला रहे हैं।

कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने लखनऊ में अपने आवास के बाहर पुलिस तैनाती का दावा किया। उन्होंने इसे "पूर्ण अराजकता" कहा। इसी तरह प्रदेस अध्यक्ष अजय राय को रोका गया तो वो धरने पर बैठ गए। कांग्रेस ने अपने नेताओं को संभल भेजने की घोषणा पहले ही कर रखी थी।

अराधना मिश्रा ने कहा- “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक प्रतिनिधिमंडल जो जांच करने के लिए संभल जा रहा था, उसे रोका जा रहा है। मेरे आवास पर पुलिस तैनात कर दी गई है। यह पूरी तरह अराजकता है। लोग इस मुद्दे के बारे में जानना चाहते हैं। क्या यह कानून और व्यवस्था है जब किसी व्यक्ति को अपने निवास से बाहर जाने की अनुमति नहीं है?”

इस बीच, उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय को एक पुलिस नोटिस मिला, जिसमें उनसे संभल न जाने को कहा गया है। नोटिस में लिखा है, "संभल जिले में शांति और सांप्रदायिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, आपको जनहित में सहयोग करना चाहिए और प्रस्तावित कार्यक्रम को स्थगित करना चाहिए ताकि जिला मजिस्ट्रेट द्वारा धारा 163 बीएनएसएस लगाने के पारित आदेश का उल्लंघन न हो।"

नोटिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, राय ने कहा कि वह "शांतिपूर्वक" जाएंगे। उन्होंने कहा, ''उन्होंने मुझसे कहा है कि मेरी यात्रा से अराजकता फैल जाएगी। निश्चित रूप से, हम भी चाहते हैं कि अराजकता नहीं बल्कि शांति बनी रहे। वहां पुलिस और सरकार ने जो अत्याचार और अन्याय किया, मैं चाहता हूं कि यह बात मेरे नेतृत्व को पता चले। उन्होंने मुझे नोटिस दिया लेकिन मैं शांति से वहां जाऊंगा।

रविवार को, कांग्रेस की सहयोगी समाजवादी पार्टी (सपा) के एक प्रतिनिधिमंडल को हिंसा प्रभावित जिले का दौरा करने से रोक दिया गया, जिससे सपा प्रमुख अखिलेश यादव नाराज हो गए। यादव ने कहा, भाजपा सरकार समाज में शांति नहीं चाहती।

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