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संभल में 'रामपुर' जैसे हालात, मुस्लिम मतदाताओं पर लाठी चार्ज, मतदान से रोका

संभल में 'रामपुर' जैसे हालात, मुस्लिम मतदाताओं पर लाठी चार्ज, मतदान से रोका

यूपी के संभल में मंगलवार 7 मई को मतदान हो रहा है। लेकिन यहां मुस्लिम मतदाताओं के लिए रामपुर उपचुनाव जैसे हालात बना दिए गए हैं। जहां पुलिस ने भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए मुस्लिम मतदाताओं को वोट डालने से रोक दिया था। संभल से जो वीडियो और फोटो प्राप्त हो रहे हैं, उसमें भी रामपुर जैसी कहानी दोहराई गई है। सपा प्रत्याशी और उनके पिता के साथ पुलिस की बदसलूकी की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। एक स्कूल के अंदर लाठीचार्ज करके मतदाताओं को भगा दिया गया है। जानिए संभल के हालात, जहां चुनाव अब निष्पक्ष नहीं रहा।

उत्तर प्रदेश के संभल लोकसभा सीट पर 7 मई को वोटिंग हो रही है लेकिन पुलिस मुस्लिम मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया जा रहा है। समाजवादी पार्टी का आरोप है कि कई जगह मतदान केंद्रों पर लाठी चार्ज कर पुलिस ने मुस्लिम मतदाताओं को वोट डालने से रोका। हालांकि संभल पुलिस ने इस आरोप को गलत बताया। लेकिन संभल से आ रहे वीडियो और फोटो फर्जी नहीं हैं। वेरीफाइड एक्स हैंडल के जरिए सामने आए ये वीडियो गलत नहीं हैं। संभल सपा का गढ़ है और निधन से पहले शफीकुर्रहमान बर्क यहां के सांसद थे। वे यहां से अनगिनत बार जीत चुके हैं। इस बार सपा ने उनके परिवार के जियाउर्रहमान बर्क को खड़ा किया है। जियार्ररहमान खुद विधायक भी हैं।

चौधरी सराय इलाके में सपा के पूर्व जिला अध्यक्ष फिरोज खां को पुलिस ने अपनी हिरासत में लेने की कोशिश की। एक अन्य जगह पुलिस ने सपा प्रत्याशी और उनके पिता को रोकने की कोशिश की तो उन्होंने जमकर विरोध किया। आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की। पुलिस के बीच में घिरे सपा प्रत्याशी जियाउर्रहमान बर्क के पिता को जूझते देखा जा सकता है। अंग्रेजी के पत्रकार ने मौके का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है।

समाजवादी पार्टी ने संभल में बड़े पैमाने पर पुलिस की हरकत की सूचना वीडियो के साथ केंद्रीय चुनाव आयोग को दी है। चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक संभल में मौजूद हैं लेकिन वे मौके पर दिखाई नहीं दे रहे हैं। वे अपनी आवभगत कराने में व्यस्त हैं। सपा का आरोप है कि संभल लोकसभा के अंतर्गत आने वाले कुंदरकी, बिलारी, चंदौसी, संभल एवं असमोली समेत सभी विधानसभा क्षेत्रों में पुलिस द्वारा मतदाताओं को पीटा एवं धमकाया जा रहा है। अनावश्यक रूप से वोटर पर्ची की चेकिंग करके मतदाताओं को परेशान करके मतदान को प्रभावित किया जा रहा है। सपा ने भी वीडियो शेयर किया है।

संभल में मंगलवार को जब सुबह मतदान शुरू हुआ तो पहले अनगिनत मतदान केंद्रों पर ईवीएम खराब होने की शिकायत आई। संभल के सौ से अधिक बूथों पर ईवीएम खराब होने से करीब दो घंटे तक मतदान प्रभावित हुआ। सपा प्रत्याशी जियाउर्रहमान बर्क ने आरोप लगाया कि "पुलिस ने बीएलओ के बस्ते छीने, ताकि वोट परसेंट न बढ़े। मुस्लिम वोटरों से बूथों पर पुलिस अभद्रता कर रही है।" सपा प्रत्याशी के अलावा आम लोग भी ऐसा ही आरोप लगा रहे हैं।

एक्स पर सरल पटेल ने काफी दहलाने वाला वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो का पहला हिस्सा ऊपर है और दूसरा हिस्सा ये है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वोट डालने जा रहे है इस बुजुर्ग को पुलिस ने इतना पीटा को वो बेहोश हो गए। फिर उनके परिवार के लोग मौके पर आए और बेहोशी की हालत में उन्हें ले गए।

अखिलेश यादव का बयान

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने संभल के घटनाक्रम पर कहा- ''पुलिस और प्रशासन का व्यवहार ठीक नहीं है। इस चरण में बीजेपी का सफाया हो जाएगा। संभल में पुलिस लोगों को पीट रही है और हमें मैनपुरी से भी जानकारी मिल रही है। सपा के कार्यकर्ताओं, नेताओं को बंद किया जा रहा है। मंत्री, उनके सहयोगी और परिवार के सदस्य खुलेआम घूम रहे हैं, इसलिए मैं लोगों से अपील करना चाहता हूं कि वे बाहर आएं और मतदान करें और इस लोकतंत्र को बचाएं।"

संभल के पत्रकार नरेंद्र कुमार ने वहां का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है- संभल में करीब 9 लाख मुस्लिम और पौने 2 लाख यादव है. कुल वोटरों की संख्या करीब 19 लाख है. सुबह 9 बजे तक 14.7% वोट पड़े अब वोटरों को आईडी छीनकर भगाया जा रहा है. बुजुर्ग वोटरों को पुलिस पीट रही है और सपा प्रत्याशी को पुलिस ने धक्के मारकर भगा दिया। संभल को रामपुर बनाया जा रहा है।

 - Satya Hindi

सपा के एक ट्वीट में आरोप लगाया गया है कि संभल लोकसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 88, 143 पर पुलिस मतदाताओं पर बीजेपी के पक्ष में वोट करने का दबाव बना रही है। चुनावआयोग को संज्ञान लेना चाहिए और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करना चाहिए। 

कई मतदाताओं ने मौके पर आईडी प्रूफ फाड़े जाने के भी आरोप लगाते हुए राजनीतिक दलों को सबूत सौंपे हैं।

बहरहाल, संभल पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है। संभल पुलिस ने एक्स पर लिखा है- मतदान केंद्र में घुसी भीड़ को नियंत्रित तथा व्यवस्थित करने के लिए बाहर निकाला गया था ताकि व्यवस्थित तरीके से कतार में लगा कर वोटिंग कराई जा सके, कोई मार पीट नहीं की गई है।

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