अमेठी में राहुल ने फिर बताया हिंदू और हिंदुत्ववादी का अंतर, उमड़े कार्यकर्ता

05:16 pm Dec 18, 2021 | सत्य ब्यूरो

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को अमेठी में पदयात्रा की। यह पदयात्रा रामलीला मैदान, जगदीशपुर से हारीमऊ तक गई और इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खासा जोश दिखाई दिया। 

राहुल ने यहां भी हिंदू और हिंदुत्ववादी का अंतर बताया और कहा कि हिंदू सारा जीवन सच्चाई के लिए लड़ता है जबकि हिंदुत्ववादी झूठ की राजनीति करता है। उन्होंने कहा कि आज देश में एक ओर हिंदू खड़े हैं जबकि दूसरी ओर हिंदुत्ववादी। वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने कहा कि वे अपने घर आए हैं। 

अमेठी जिले से गांधी परिवार का पुराना नाता रहा है। राहुल अमेठी से कई बार सांसद रहे हैं लेकिन बीते लोकसभा चुनाव में उन्हें शिकस्त मिली थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अमेठी की पड़ोसी सीट रायबरेली सीट से सांसद हैं। 

जबकि प्रियंका गांधी ने महिलाओं से किए पुराने वादे दोहराए और कहा कि कांग्रेस सत्ता में आई तो किसानों का पूरा कर्जा माफ होगा, सबका बिजली बिल हाफ होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बताए कि सात साल में उसने क्या काम किया है और बीजेपी नेता सिर्फ जातिवाद की और सांप्रदायिक बातें क्यों करते हैं। 

इस पदयात्रा के जरिये कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार अभियान का औपचारिक रूप से एलान कर दिया। कांग्रेस इस माह के अंत तक अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है।

महिला मतदाताओं पर फ़ोकस

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी का फ़ोकस महिलाओं पर है। प्रियंका गांधी आगामी विधानसभा चुनावों में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने के अलावा सरकार बनने पर 12वीं पास लड़कियों को स्मार्ट फोन जबकि स्नातक छात्राओं को इलेक्ट्रॉनिक स्कूटी देने सहित कई वादे कर चुकी हैं। 

उत्तर प्रदेश में आक्रामक ढंग से योगी सरकार को घेर रही कांग्रेस ने राज्य भर में प्रतिज्ञा यात्राएं निकाली थीं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस यात्रा को बाराबंकी से हरी झंडी दिखाई थी। प्रतिज्ञा यात्रा बुंदेलखंड से लेकर मध्य उत्तर प्रदेश और अवध से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक के इलाक़ों में गई थी। 

अकेले उतर रही कांग्रेस

पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर है। पार्टी उत्तर प्रदेश में लंबे वक़्त तक सत्ता में रही है लेकिन बीते तीस साल से वह बाहर है। इस चुनाव में प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के लिए काफी जोर लगाया है लेकिन कांग्रेस के पास कोई मजबूत सहयोगी नहीं है और वह अकेले ही चुनाव मैदान में उतर रही है। देखना होगा कि कांग्रेस राज्य में कैसा प्रदर्शन करती है।