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रायबरेली में जीत के लिए कांग्रेस बता रही 100 वर्ष पुराना जुड़ाव 

रायबरेली में जीत के लिए कांग्रेस बता रही 100 वर्ष पुराना जुड़ाव 

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि राहुल गांधी पहली बार रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके लिए कांग्रेस इस क्षेत्र और यहां के लोगों से नेहरू-गांधी परिवार के 100 वर्षों के संबंधों के ईर्द-गिर्द अपना चुनावी अभियान बना रही है। 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके यहां से चुनाव लड़ने के कारण यह सीट देश भर में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। अब यहां से जीतना कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न भी बन चुकी है। 

ऐसे में कांग्रेस यहां जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकती नजर आ रही है। प्रियंका गांधी यहां लगातार चुनाव प्रचार कर रही हैं। उनके नेतृत्व में ही यहां चुनाव-प्रचार चल रहा है। कांग्रेस यहां से जीत के लिए इस क्षेत्र से अपने 100 वर्ष पुराने जुड़ाव को बता कर इमोशनल कार्ड खेलती नजर आ रही है। 

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि राहुल गांधी पहली बार रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इसके लिए कांग्रेस इस क्षेत्र और यहां के लोगों से नेहरू-गांधी परिवार के 100 वर्षों के संबंधों के ईर्द-गिर्द अपना चुनावी अभियान बना रही है। वह मतदाताओं को यह बताने की कोशिश कर रही है कि राहुल गांधी चुनाव के बाद भी उनके साथ रहेंगे। 

इसके लिए पार्टी की दो स्तरीय रणनीति बनाई गई है। इसमें पहली सेवा के 100 साल और दूसरी रायबरेली के राहुल, है।  इसे जल्द ही प्रचार सामाग्री और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये लॉन्च किया जायेगा। 

यहां प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव प्रचार का नेतृत्व कर रही हैं। वह इससे पहले अपनी मां सोनिया गांधी के लिए इस सीट पर प्रचार अभियान का नेतृत्व करती रही हैं। वह यहां खुद मौजूद रहकर चुनावी रणनीति बना रही हैं और कांग्रेस के पक्ष में माहौल तैयार कर रही हैं। 

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि पिछले दो दिनों में रायबरेली के बछरावां और रायबरेली सदर विधानसभा क्षेत्रों में 25 से अधिक नुक्कड़ बैठकों को वह संबोधित कर चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने बार-बार 7 जनवरी, 1921 के मुंशीगंज नरसंहार का जिक्र किया है ताकि दिखाया जा सके कि नेहरू-गांधी परिवार की चार पीढ़ियां कैसे मोतीलाल नेहरू से लेकर जवाहरलाल नेहरू तक इस  निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ खड़ी रही हैं। 

इस रिपोर्ट के मुताबिक एक कांग्रेस नेता ने बताया कि रायबरेली के साथ नेहरू-गांधी परिवार का संबंध एक सदी पुराना है। यह संबंध मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरू के दिनों से शुरू हुआ था, जो 1921 में पुलिस द्वारा नरसंहार के दौरान किसानों के साथ खड़े थे।  

यह असहयोग आंदोलन का समय था। जब प्रदर्शनकारी किसानों को गोली मार दी गई थी और बाद में जवाहरलाल नेहरू को भी किसानों का समर्थन करने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया था।

चार पीढ़ियों के बाद भी हम जुड़े हुए हैं

प्रियंका ने यह घटना इन चुनावों के लिए रायबरेली में पार्टी कार्यकर्ताओं की पहली बैठक के दौरान बताई। उन्होंने  बुधवार को बछरावां में कहा कि हमने आपकी पुकार सुनी, आपकी पुकार सुन कर मोतीलाल और जवाहरलाल भी आये थे। आपने देखा कि चार पीढ़ियों के बाद भी हम आपसे जुड़े हुए हैं। 

इस जुड़ाव को और मजबूती से बताने के लिए प्रियंका ने गुरुवार को मुंशीगंज के शहीद स्मारक से अपना चुनावी अभियान शुरू किया, जो कि अंग्रेजी राज में हत्याओं का प्रतीक है। पार्टी इस घटना का इस्तेमाल यह बताने के लिए भी कर रही है कि कैसे पासी समुदाय का एक किसान नेता अंग्रेजों के खिलाफ खड़ा हुआ था। 

1952 में भारत के पहले चुनाव के बाद से, कांग्रेस ने बीते 72 वर्ष में से 66 वर्षों तक रायबरेली लोकसभा सीट पर कब्जा बरकरार रखा है। 

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में एक अन्य कांग्रेस नेता ने कहा कि यह अभियान बताता है कि कैसे कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी रही है, न कि अमीरों के साथ क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि एक तालुकदार द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों पर गोली चलाने के बाद ही पुलिस गोलीबारी शुरू हुई थी।

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