बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को 53 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया। ये सभी उम्मीदवार पहले चरण के चुनाव में मैदान में उतरेंगे। पहले चरण में 58 सीटों पर मतदान होना है।
बीएसपी ने कहा है कि बची हुई 5 सीटों पर वह 1 से 2 दिन में उम्मीदवार उतार देगी। पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान होना है।
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी पार्टी इस बार फिर से सत्ता में आएगी। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी को सिर्फ 19 सीटों पर जीत मिली थी जबकि सपा और कांग्रेस गठबंधन को 47 सीटें मिली थी।
बीजेपी और समाजवादी पार्टी जहां सहयोगी दलों के साथ मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और बीएसपी के पास कोई भी सहयोगी दल नहीं है।
कुछ चुनावी सर्वे इस बात को बताते हैं कि बीएसपी का प्रदर्शन इस बार चुनाव में अच्छा नहीं रहेगा। हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने काफी महीने पहले से ही उत्तर प्रदेश के अंदर प्रबुद्ध समाज के सम्मेलनों के नाम पर दलितों और ब्राह्मणों को फिर से पार्टी से जोड़ने की कोशिश शुरू की थी।
मायावती इसी सोशल इंजीनियरिंग के दम पर उत्तर प्रदेश में अकेले दम पर सरकार बना चुकी हैं। बीते लोकसभा चुनाव में उन्होंने राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था और उन्हें 10 सीटों पर जीत हासिल हुई थी लेकिन चुनाव के बाद उन्होंने गठबंधन तोड़ दिया था।
बीते कुछ महीनों में मायावती के कई पुराने साथियों ने उनका साथ छोड़ा है।