अखिलेश यादव ने यूपी उपचुनाव में मतदाताओं को रिवॉल्वर से धमकाए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने एक वीडियो क्लिप साझा कर दावा किया है कि मतदाताओं को धमकाया जा रहा है। मुजफ्फरनगर पुलिस ने हालांकि अखिलेश यादव द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया और कहा कि मीरापुर इलाके में पुलिस की कार्रवाई दो समूहों के बीच विवाद के जवाब में की गई थी।
पुलिस की यह सफ़ाई तब आई है जब समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के मीरापुर स्थित काकरौली पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर यानी एसएचओ को निलंबित करने की मांग की। उन्होंने उन पर बल और रिवॉल्वर के दम पर मतदाताओं को धमकाने और राज्य में उपचुनाव में उन्हें मतदान करने से रोकने का आरोप लगाया।
कथित घटना का वीडियो साझा करते हुए अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से मतदान प्रक्रिया में बाधा डालने के लिए पुलिसकर्मी को तुरंत निलंबित करने का आग्रह किया।
समाजवादी पार्टी प्रमुख द्वारा साझा किए गए कथित वीडियो में सुरक्षा गार्ड और हेलमेट पहने हुए एक पुलिस अधिकारी मीरापुर में कुछ महिला मतदाताओं पर अपनी सर्विस गन तानता हुआ दिखाई दे रहा है।
वीडियो में हाथ में कागज लिए एक महिला रिवॉल्वर ताने पुलिसकर्मी से कहती हुई सुनाई दे रही है, 'तुम्हारे पास गोली चलाने का आदेश नहीं है।' पुलिसकर्मी हाथ में रिवॉल्वर लिए, चिल्लाते हुए उसके पास जाता है और कहता है, 'हमारे पास आदेश हैं'। महिला अपनी बात पर अड़ी रहती है और कहती है, 'यह सही नहीं है।' वीडियो से यह साफ़ नहीं है कि पुलिस ने एक गली में ऐसा क्यों किया। पुलिस अधिकारी के साथ कई अन्य पुलिस अधिकारी भी थे, जिन्होंने उन्हें अपने घर लौटने के लिए मजबूर किया।
पुलिस ने बताया कि दो समूहों के बीच विवाद की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस पर पथराव किया गया।पुलिस के बयान में कहा गया है, 'यूपी उपचुनाव के दौरान मीरापुर में दो समूहों के बीच विवाद की सूचना मिलने के बाद काकरौली थाने से पुलिस की एक टीम भेजी गई। मौके पर पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने पुलिस टीम पर पथराव किया। पुलिस ने उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया।'
इसमें कहा गया है, 'मौके पर मौजूद काकरौली थाने के एसएचओ राजीव शर्मा ने क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की। इस दौरान किसी को भी धमकाया नहीं गया। पुलिस पर पथराव करने वाले सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'
बता दें कि उत्तर प्रदेश के कुंदरकी, करहल, कटेहरी, गाजियाबाद, सीसामऊ, मीरापुर, माझवां, खैर, फूलपुर में उपचुनाव हो रहे हैं। उपचुनाव के दौरान कई जगहों पर वोट डालने से रोके जाने का आरोप लगाया गया है। कुछ जगहों पर आईडी कार्ड को फाड़े जाने की शिकायतें मिली हैं। कुछ जगहों पर बुर्के में वोट डालने जाने वालों की जाँच की मांग की गई। इस बीच कई जगहों पर पुलिस द्वारा आईडी कार्ड की जाँच किए जाने की शिकायत आई है और इस पर हंगामा मचा है। कई जगह पथराव की ख़बरें भी आईं।
इससे पहले चुनाव आयोग ने कई पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था, क्योंकि समाजवादी पार्टी ने उन पर उपचुनाव में मतदाताओं की जांच करने और उन्हें वोट डालने से रोकने के लिए चुनाव दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।
उत्तर प्रदेश में विपक्षी दल ने दावा किया कि कुछ स्थानों पर पुलिसकर्मी लोगों के पहचान-पत्रों की जांच कर रहे थे और उन्हें मतदान करने से रोक रहे थे।