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अमेरिकी पत्रकार को दिल्ली एयरपोर्ट से क्यों 'डिपोर्ट' किया गया?

अमेरिकी पत्रकार को दिल्ली एयरपोर्ट से क्यों 'डिपोर्ट' किया गया?

अमेरिकी पत्रकार अंगद सिंह को आख़िर दिल्ली एयरपोर्ट से क्यों डिपोर्ट कर दिया गया? जानिए, उनके परिवार ने क्या आरोप लगाए हैं।

अमेरिकी नागरिक और पत्रकार अंगद सिंह को बुधवार रात दिल्ली हवाई अड्डे से कथित तौर पर निर्वासित कर दिया गया। पंजाब में उनके परिवार के सदस्यों ने गुरुवार को यह दावा किया। परिवार के सदस्यों ने कहा है कि डिपोर्ट करने के लिए अधिकारियों द्वारा कोई कारण नहीं बताया गया।

उनके परिवार के अनुसार एक अमेरिकी समाचार और मनोरंजन कंपनी से जुड़े अंगद सिंह बुधवार रात 8.30 बजे दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरे और उन्हें तीन घंटे के भीतर अमेरिका भेज दिया गया। उन्होंने दावा किया कि वह अपने परिवार से मिलने के लिए भारत आए थे। अंगद की मां गुरमीत कौर ने इस संदर्भ में फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी है।

पेशे से लेखक गुरमीत कौर ने फेसबुक पोस्ट में कहा, 'आज मेरा बेटा, एक अमेरिकी नागरिक, हमसे पंजाब में मिलने के लिए 18 घंटे की यात्रा करके दिल्ली आया था। लेकिन उन्हें निर्वासित कर दिया गया। उन्हें वापस न्यूयॉर्क जाने वाली अगली फ्लाइट में बिठाया गया। उन्होंने कोई कारण नहीं बताया। लेकिन हम जानते हैं कि यह उनकी पुरस्कार विजेता पत्रकारिता है जो उन्हें डराती है। ये वो स्टोरीज हैं जो उन्होंने कीं और जो वह करने में सक्षम हैं।'

उन्होंने कहा है कि सच बोलने की कीमत होती है, हमें यह भुगतना होगा। सिंह की मां ने यह भी कहा कि उनके नाना उनसे मिलने के लिए बेताब थे। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण, हमारा परिवार लंबे समय तक एक साथ नहीं रह सका। इस मामले में एयरपोर्ट अधिकारियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने अख़बार के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया है।

अंगद सिंह अमेरिका स्थित एक समाचार और मनोरंजन कंपनी वाइस न्यूज के साथ एक डॉक्यूमेंट्री प्रोड्यूसर हैं। उन्होंने हाल ही में शाहीन बाग विरोध पर एक डॉक्यूमेंट्री और भारत में कोरोना की दूसरी लहर पर भी एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। द क्विंट की रिपोर्ट के अनुसार, सिंह के परिवार के सदस्यों में से एक ने कहा है कि शाहीन बाग विरोध के उनके कवरेज के कारण वह रडार पर थे और जब उन्होंने दलितों और मानव तस्करी से संबंधित मुद्दों पर काम करने के लिए आवेदन किया तो उन्हें पत्रकार वीजा से भी वंचित कर दिया गया था।

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