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यूएस में हिन्दू संगठन विवादों में, चर्च तबाह करने को चंदा मांगा

यूएस में हिन्दू संगठन विवादों में, चर्च तबाह करने को चंदा मांगा

अमेरिका में एक हिन्दू संगठन ने भारत में चर्च को तबाह करने, ईसाई और मुसलमानों को फिर से हिन्दू बनाने के लिए डोनेशन मांगा तो वहां के ईसाई और अन्य भारतीयों ने प्रदर्शन किया। हिन्दू संगठन के खिलाफ जांच की मांग की। जानिए पूरा घटनाक्रमः

अमेरिका में एक हिन्दू संगठन की गतिविधि को लेकर जबरदस्त विरोध हो रहा है। ग्लोबल हिन्दू हेरिटेज फाउंडेशन ने अमेरिका में एक अभियान चलाकर भारत में चर्च को तबाह करने के लिए चंदा मांगा था। अमेरिका के ईसाई संगठनों ने उस हिन्दू संगठन के खिलाफ जांच की मांग की है। हालांकि उस हिन्दू संगठन की गतिविधियों का विरोध अमेरिका में रह रहे भारतीय लोगों ने भी किया है। विरोध करने वालों ने कहा है कि हिन्दू संगठन हमारे देश भारत को बदनाम करने के लिए ऐसी हरकतें कर रहे हैं।

टेक्सस में ईसाई और इंटरफेथ नेताओं ने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों से मांग की है कि वे एक कथित स्थानीय एनजीओ ग्लोबल हिन्दू हेरिटेज फाउंडेशन के खिलाफ हर तरह की जांच कराएं जो अमेरिका में नफरत फैलाने और भारत में ईसाई और मुसलमानों को सबक सिखाने के लिए अमेरिका में फंड जमा कर रहा है। उस हिन्दू संगठन का खुद कहना है कि वह भारत में चर्चों को ध्वस्त करने के लिए धन जुटा रहा है।

फेडरेशन ऑफ इंडियन अमेरिकन क्रिश्चियन ऑर्गनाइजेशन इन नॉर्थ अमेरिका (FIACONA) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि ग्लोबल हिंदू हेरिटेज फाउंडेशन (GHHF) चर्चों को तबाह करने और भारत में ईसाइयों और मुसलमानों को जबरन हिन्दुत्व में धर्मांतरित करने के लिए धन जुटा रहा है।  

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फियाकोना पदाधिकारियों की टेक्सस में प्रेस कॉन्फ्रेंस

फियाकोना ने 13 दिसंबर को यूएस सेंसर टेड क्रूज़ और जॉन कॉर्निन, टेक्सस सरकार को संबोधित करते हुए एक पत्र भी लिखा है। पत्र में आरोप लगाया गया कि हिन्दू फाउंडेशन यूएस में ऑपरेटिंग बेस बनाकर भारत में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दे रहा है।

पत्र में कहा गया है कि अमेरिका में 2006 में स्थापित ग्लोबल हिन्दू हेरिटेज फाउंडेशन हिंदुत्व या अतिवादी हिंदू वर्चस्ववाद की विचारधारा की वकालत करता है। यह संगठन भारतीय ईसाइयों और मुसलमानों को छोड़कर भारत को पूरी तरह से हिंदुओं का देश मानता है। 

इस पत्र पर फ्रिस्को (टेक्सस) में चर्च ऑफ द वे और डीएफडब्ल्यू में चिंतित भारतीय अमेरिकी ईसाइयों ने भी हस्ताक्षर किए हैं। इसमें यह भी आरोप लगाया है कि इस हिन्दू संगठन और इसी तरह के समूहों ने भारत में प्रार्थना स्थलों को तोड़ने, रविवार की पूजा करने वालों को परेशान करना, महिलाओं से छेड़छाड़ करना और चर्च की इमारतों में तोड़ फोड़ करने जैसी गतिविधियों में शामिल हैं। 

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अमेरिकी हिन्दू संगठन का विवादित निमंत्रण पत्र

ईसाई संगठनों ने पत्र के साथ ग्लोबल हिन्दू हेरिटेज फाउंडेशन का एक निमंत्रण पत्र भी सबूत के तौर पर लगाया और मीडिया को जारी किया है। इस निमंत्रण पत्र में 27 नवंबर के भव्य रात्रिभोज का जिक्र किया गया है। इसमें एजेंडा बताया गया है कि भारत में चर्चों को तबाह करना है। भारतीय ईसाइयों और मुसलमानों को फिर से हिन्दू धर्म में लाना है। इसके लिए कुछ डॉलर का डोनेशन मांगा गया है। इसमें किसी डॉ. प्रकाशराव वेलागापुडी का जिक्र है, जो फाउंडेशन के अध्यक्ष भी हैं।  

पत्र में कहा गया है, हमें (ईसाई संगठनों) यह बेहद परेशान करने वाला और खतरनाक लगता है कि ग्लोबल हिन्दू हेरिटेज फाउंडेशन भारतीय ईसाइयों को इतना बड़ा नुकसान पहुंचाने के अपने लक्ष्य को स्पष्ट रूप से प्रचारित करने के लिए अमेरिकी मिट्टी और टेक्सस की जमीन का इस्तेमाल कर रहा है।

इस संबंध में टेक्सस के मीडिया ने हिन्दू फाउंडेशन से टिप्पणी के लिए कहा, लेकिन उसने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की।

इस बीच फ्रिस्को सिटी हॉल के बाहर एक बड़े क्रिसमस ट्री के सामने, कई पादरियों और अन्य ईसाई नेताओं ने स्थानीय भारतीय ईसाई समुदाय के सदस्यों के साथ प्रदर्शन किया। उन्होंने सांसदों से अपील की कि वे हिन्दू फाउंडेशन की गतिविधियों पर करीब से नज़र रखें और जांच कराएं।

प्रदर्शनकारियों में इंटरनेशनल हाउस ऑफ प्रेयर मिनिस्ट्रीज के पादरी ब्रायन नेरेन भी थे। जिन्हें दिल्ली हवाईअड्डे पर सीमा शुल्क विवाद के बाद 2019 में सात महीने के लिए भारत में हिरासत में रखा गया था। लेकिन मई 2020 में नेरेन को छोड़ दिया गया। भारत ने उनके खिलाफ सभी आरोप हटा लिए और उनका पासपोर्ट वापस कर दिया। नरेन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, भारत में ईसाइयों के उत्पीड़न के बारे में विस्तार से बताया।

एम्मॉस वे के बिशप जस्टिन मेयेर ने चेतावनी दी कि यहां फंड जुटाने का मुद्दा केवल भारतीय ईसाइयों के बारे में नहीं है, बल्कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून को चुनौती भी है। बिशप ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से, भारत शांतिप्रिय और बहुलतावादी देश है। लेकिन आज कई समूह कट्टरपंथी बन गए हैं और यहां अमेरिका में नफरत का निर्यात कर रहे हैं। अगर हम अपने घर में जो हो रहा है, उसके लिए अभी अपनी आँखें नहीं खोलते हैं, तो नतीजे भयानक होंगे। एक पादरी ने कहा कि अगर हमारे पास सभी के लिए धार्मिक स्वतंत्रता नहीं है, तो हमारे पास किसी के लिए भी धार्मिक स्वतंत्रता नहीं है।  

हिन्दू राष्ट्रवाद के मुद्दे पर रिसर्च करने वाले पत्रकार पीटर फ्रेडरिक ने कहा कि भारत में ईसाई खतरे में हैं। वे हिंदू संगठनों के नरसंहार का सामना कर सकते हैं। फ्रेडरिक ने ग्लोबल हिन्दू हेरिटेज फाउंडेशन की जांच और इस पर रोक की मांग करते हुए कहा कि इस एनजीओ का जहर और नफरती एजेंडा फैलाने का एक लंबा ट्रैक रिकॉर्ड है।"  

फ्रिस्को के मेयर जेफ चेनी ने हिन्दू संगठन पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ग्लोबल हिन्दू हेरिटेज फाउंडेशन के बारे में उठाई जा रही चिंताएं फ्रिस्को के प्रशासन के स्तर से ऊपर हैं। यानी उनका कहने का आशय यह था कि यह मामला स्थानीय स्तर पर डील करने का नहीं है।  

पिछले साल, ओपन डोर्स यूएसए संस्था ने भारत को ईसाई उत्पीड़न के लिए 10वें सबसे खतरनाक देश के रूप में जगह दी थी। अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने चेतावनी दे चुका है कि हाल के वर्षों में भारत में धार्मिक आजादी की स्थिति में "भारी गिरावट" आई है। क्योंकि "राष्ट्रीय और विभिन्न राज्य सरकारों" ने "धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ व्यापक उत्पीड़न और हिंसा" को बढ़ावा दिया है।

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