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यूपी: कोरोना मरीज़ जानबूझकर संक्रमित करे और मौत हो जाए तो आजीवन कारावास!

यूपी: कोरोना मरीज़ जानबूझकर संक्रमित करे और मौत हो जाए तो आजीवन कारावास!

उत्तर प्रदेश सरकार के ताज़ा अध्यादेश में प्रावधान है कि यदि किसी कोरोना मरीज़ ने 'जानबूझकर' किसी दूसरे व्यक्ति को कोरोना से संक्रमित करे और उसकी मौत हो जाए तो आजीवन कारावास की सज़ा दी जा सकती है।

कोरोना वायरस को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार एक सख़्त उत्तर प्रदेश सार्वजनिक स्वास्थ्य और महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश, 2020 लेकर आई है। इसमें प्रावधान है कि यदि किसी कोरोना मरीज़ ने 'जानबूझकर' किसी दूसरे व्यक्ति को कोरोना से संक्रमित कर प्रताड़ित करे और उसकी मौत हो जाए तो आजीवन कारावास की सज़ा दी जा सकती है। इस अध्यादेश को अब राज्यपाल के पास मंज़ूरी के लिए भेजा जाएगा। 

योगी सरकार द्वारा लाए गए इस अध्यादेश के सेक्शन 24 में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी को 'जानबूझकर' संक्रमित कर प्रताड़ना देता है तो उसे 2 से 5 साल तक कठोर कारावास की सज़ा दी जाएगी। सेक्शन 25 में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर 5 या इससे अधिक व्यक्तियों को संक्रमित कर उत्पीड़ित करता है तो उसे 3 से 10 साल तक जेल हो सकती है। 

अध्यादेश के सेक्शन 26 में कहा गया है कि अगर उस संक्रमण से किसी की मौत होती है तो कम से कम 7 साल की सज़ा और अधिकतम आजीवन कारावास की सज़ा हो सकती है। इस मामले में 3 लाख से 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।

इस प्रस्तावित अध्यादेश में कहा गया है कि संक्रमण की जानकारी छुपाने और सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करने पर एक से तीन साल की सज़ा हो सकती है और 50 हज़ार से लेकर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। 

इसके अलावा इस अध्यादेश में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों के ख़िलाफ़ भी सख़्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अध्यादेश के मुताबिक़, कोरोना वॉरियर्स यानी स्वास्थ्यकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों, राज्य कर्मचारी या सरकार की ओर से कोराना संक्रमण को रोकने के लिए नामित किसी भी व्यक्ति पर हमला होता है तो छह माह से लेकर सात साल तक की जेल हो सकती है। इसके अलावा पाँच लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। बता दें कि केंद्र सरकार के क़ानून में यह सजा केवल स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले तक ही सीमित है। 

कोरोना वॉरियर्स पर थूकने, गंदगी फेंकने, क्वॉरंटीन के दौरान आइसोलेशन के नियमों का उल्लंघन करने या हमले के लिए उकसाने या दुर्व्यवहार करने पर सख़्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसा करने पर 2-5 साल तक की जेल और 50 हज़ार से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

अध्यादेश में छिपे व्यक्ति को तलाशने के लिए पुरस्कार घोषित करने, बस, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर उसका पोस्टर चिपकाने का भी प्रावधान है। क्वॉरंटीन के नियमों का उल्लंघन करने पर 1 से 3 साल की सज़ा और 10 हज़ार से एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा। हॉस्पिटल से भागने वालों को 1 से 2 साल की सज़ा होगी और उन पर 10 हज़ार से एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा। 

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