शर्मनाक! महिला से एंबुलेंस में छेड़छाड़, ऑक्सीजन हटा बीमार पति को उतारा, मौत
क्या अब उत्तर प्रदेश में एंबुलेंस भी महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है? उत्तर प्रदेश से एक बेहद ही शर्मनाक घटना सामने आई है। महिला अपने बीमार पति को एंबुलेंस से ले जा रही थी कि उसके साथ छेड़छाड़ हुई। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट हुई और उसकी पति को ऑक्सीजन निकालकर बाहर फेंक दिया गया। बाद में पति की मौत हो गई। महिला का अब आरोप है कि शिकायत दर्ज करने में भी आनाकानी की गई।
यह मामला उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले की है। यह घटना 30 अगस्त को हुई। इस घटना को लेकर अब जो जानकारी सामने आई है उसको लेकर समाजवादी पार्ट ने राज्य में अपराध के आँकड़ों के हवाले से योगी सरकार पर हमला किया है। इसने कहा है कि महिला अपराध में नंबर-1 बीजेपी सरकार में एक और विचलित कर देने वाली वारदात!
पीड़ित महिला ने आरोप लगाया है कि एंबुलेंस में मौजूद लोगों ने उसके साथ छेड़छाड़ की। एक रिपोर्ट के अनुसार महिला अपने पति को कुछ दिनों से बीमार होने की वजह से पास के बस्ती मेडिकल कॉलेज ले गई थी। अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी हालत बिगड़ने पर उसे दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया। निजी अस्पताल का शुल्क चुकाने में असमर्थ महिला अपने पति को इलाज के लिए वापस घर ले गई।
रिपोर्ट के अनुसार एंबुलेंस में ड्राइवर ने धोखे से यह कहकर महिला को आगे बिठा लिया कि उसके आगे बैठने से पुलिस से परेशानी नहीं होगी। इस तरह ड्राइवर ने अपने साथ आगे बैठने के लिए मजबूर किया और अपने साथी के साथ मिलकर उसका यौन उत्पीड़न किया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार जब उसने विरोध करने और चिल्लाने की कोशिश की तो उन्होंने उसके पति की ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी और उसे उसके साथ एंबुलेंस से बाहर फेंक दिया।
महिला ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस चालक ने उसके गहने भी चुरा लिए। ऑक्सीजन सप्लाई कटने के बाद उसके पति की स्थिति गंभीर हो गई और उसकी तबीयत बिगड़ गई। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता ने फोन पर अपने भाई को आपबीती सुनाई तो उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया, जहां बाद में उसकी मौत हो गई।
पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने एंबुलेंस चालक और उसके सहयोगी को गिरफ्तार करने का कोई प्रयास नहीं किया। उसने इस मामले में लखनऊ के गाजीपुर थाने में लिखित शिकायत दी है।
रिपोर्ट के अनुसार अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक लखनऊ उत्तर जितेंद्र दुबे ने बताया कि सिद्धार्थनगर जिले की एक महिला ने लखनऊ के गाजीपुर थाने में एंबुलेंस कर्मियों द्वारा कथित मारपीट की शिकायत दी है। उन्होंने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी ने एक ख़बर के स्क्रीनशॉट को साझा करते हुए कहा है कि 'महिला अपराध में नंबर 1 बीजेपी सरकार में एक और विचलित कर देने वाली वारदात! सिद्धार्थनगर में चलती एंबुलेंस में चालक व उसके साथी ने बीमार पति और भाई के सामने महिला से दुष्कर्म का किया प्रयास, असफल होने पर ऑक्सीजन मास्क निकाल बीमार पति को एंबुलेंस से बाहर फेंका, हुई मौत।'
यूपी में अपराध
बता दें कि कई ऐसी रिपोर्टें आती रही हैं जिसमें यूपी में अपराध देश में सबसे ज़्यादा दर्ज किए गए हैं। हाल ही एक नई रिपोर्ट में रेप या गैंगरेप के बाद हत्या के मामलों पर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। इसके तहत 2017 और 2022 के बीच 1551 मामले दर्ज किए गए। इस तरह देश में छह साल के दौरान हर सप्ताह रेप के बाद हत्या के 5 मामले रोज घटित हुए। छह वर्षों के आंकड़ों से पता चलता है कि यूपी ने सबसे अधिक मामले 280 दर्ज किए। इसके बाद मध्य प्रदेश 207, असम 205, महाराष्ट्र 155 और कर्नाटक ने 79 मामले दर्ज किए।
इस साल की शुरुआत में भी राष्ट्रीय महिला आयोग की तरफ़ से जारी आंकड़ों के मुताबिक 2023 में पूरे साल में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 28,811 शिकायतें मिलीं। इनमें 50 प्रतिशत से अधिक मामले यूपी से रिपोर्ट किए गए।