यूपी पुलिस ने फ़ोन चोरी के आरोपी को थाने में बेरहमी से पीटा, वीडियो वायरल
उत्तर प्रदेश की पुलिस पर लोगों को बेरहमी से पीटने के आरोप लगते रहे हैं। कई बार ऐसे वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें खाकी वर्दी पहने पुलिसकर्मी लोगों को पीटते हुए देखे जा सकते हैं। ऐसा ही एक और वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें थाने के भीतर एक लड़के को पीटा जा रहा है। यह वीडियो देवरिया जिले का है। यह वीडियो सोशल मीडिया में तेज़ी से वायरल हो रहा है। नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ यूपी में हुई हिंसा के बाद कार्रवाई के नाम पर भी यूपी पुलिस के लोगों के घर में घुसकर पीटने के वीडियो वायरल हुए हैं।
मोबाइल चोरी की घटना में सुमित गोस्वामी नाम के एक स्थानीय युवक को पुलिसकर्मी पकड़कर थाने लाते हैं। इसके बाद चार पुलिसवाले उसे बुरी तरह पीटते हैं। वीडियो में दिख रहा है कि तीन पुलिसवालों ने उसके हाथ-पाँव पकड़े हुए हैं और ज़मीन पर गिराया हुआ है जबकि चौथा पुलिसवाला उसे चमड़े की बेल्ट से पीटता है। इस दौरान वह युवक चिल्लाता है और छोड़ने की गुहार लगाता है। युवक स्थानीय माहेन गाँव का रहने वाला है।
वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि यह पिटाई थाने के अंदर हो रही है। बेल्ट से पीट रहा पुलिसकर्मी इस दौरान युवक के मुंह पर अपना पाँव रखता है और फिर से उसे पीटने लगता है। पुलिसकर्मी उससे कहते हैं कि वह मोबाइल चोरी के बारे में बताये। इसके बाद वह उसे खड़ा होने को कहते हैं और फिर पीटते हैं। युवक एक पुलिसकर्मी के पाँव छूता है और रहम करने की अपील करता है।
This is UP Police in Deoria district of Uttar Pradesh. Cops inflict third degree torture on a youth who was held on suspicion of mobile theft in the area. UP ranks among one of the highest in cases of custodial deaths and torture. @Uppolice pic.twitter.com/7JZ0B4NQfL
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) January 10, 2020
वीडियो सामने आने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी श्रीपति मिश्रा ने कहा है कि इस मामले में सर्किल अफ़सर को जाँच के आदेश दे दिये गये हैं। पीटने वाले तीन सिपाहियों चंद्रमूलेश्वर सिंह, लाल बिहारी और जितेंद्र यादव को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसी को भी पीटा जाना ग़लत है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इस तरह के कई मामले सामने आते हैं और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ़ निलंबन ही होता है। किसी भी सभ्य समाज में इस बात को स्वीकार नहीं किया जा सकता कि अपराध कबूलवाने के नाम पर पुलिस किसी को भी बेरहमी से पीटना शुरू कर दे। सोशल मीडिया के दौर में तो यह बात सामने आ रही है लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि पुलिस ने पहले भी कई बार ऐसा किया होगा। यूपी सरकार और पुलिस के आला अधिकारियों को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जिससे आगे से कोई भी पुलिसकर्मी ऐसा न कर सके।