यूपी की पुरानी तसवीर से अर्णब की पिटाई का दावा क्यों?
एक तरफ़ गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, क़ानून मंत्री, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री सहित बीजेपी के तमाम बड़े नेता अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे हैं तो दूसरी तरफ़ सोशल मीडिया पर दो तसवीरें शेयर कर उनकी पिटाई का दावा किया जा रहा है। दोनों मामलों में ही उद्धव ठाकरे सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
अर्णब गोस्वामी की जब से गिरफ़्तारी की ख़बर आई है तब से ही उन तसवीरों को शेयर किया जा रहा है। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि मुंबई पुलिस ने अर्णब की बेरहमी से पिटाई की। कई लोग तो इसी के साथ उद्धव ठाकरे सरकार पर गंभीर सवाल उठाते हुए सरकार को बर्खास्त करने तक की माँग कर रहे हैं। आख़िर यह तसवीर सोशल मीडिया पर क्यों साझा की जा रही है और इसको साझा करने वाले लोग कौन हैं
जितेंद्र पालरिया नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा, 'विश्वास नहीं होता कि वह रिपब्लिक टीवी के अर्णब गोस्वामी हैं।
अगर यह वास्तविक है... महाराष्ट्र सरकार ने अपने कयामत का दिन बुला लिया है।
मैं बहुत परेशान हूँ।'
Can't believe he is #ArnabGoswami @republic If it's real.....Maharashtra Govt has asked for the dooms day.
— 🎤Jitendra Palariya 💯 FB (@jitendrasojat) November 5, 2020
I m terribly Perturbed.#महाराष्ट्र_सरकार_बरखास्त_करो @PMOIndia @HMOIndia @narendramodi @AmitShah pic.twitter.com/N7wAUgRqdr
ऐसा ही ट्वीट बीजेपी के प्रवक्ता गौरव गोयल ने भी किया है। बीजेपी प्रवक्ता के इस दावे को लोगों ने ही ग़लत साबित करते हुए इसी साल जनवरी की एक ख़बर का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया जिसमें वही तसवीर है जिसको अर्णब गोस्वामी की पिटाई का दावा किया जा रहा है।
The picture is from UP. @MumbaiPolice must take action against @goelgauravbjp for defaming Maha Govt and Maharashtra Police. pic.twitter.com/OJxtESdlAK
— Abhijeet Dipke (@abhijeet_dipke) November 4, 2020
जिस तसवीर को अर्णब गोस्वामी की पिटाई का बताया जा रहा है उसको फ़ैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट 'ऑल्ट न्यूज़' ने भी फ़ेक बताया है।
वेबसाइट ने लिखा है कि यह तसवीर अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी से जुड़ी हुई नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर 10 जनवरी 2020 की न्यूज़-18 की एक रिपोर्ट बेहद आसानी से मिल जाती है। रिपोर्ट में यही तसवीर दिखती है जो कि वायरल हो रही है।
क़रीब 10 महीने पुरानी वह तसवीर उत्तर प्रदेश के देवरिया ज़िले से जुड़ी है। तब एक पुलिस स्टेशन में तीन पुलिसकर्मियों ने एक व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई की थी। न्यूज़-18 की ख़बर के अनुसार, जनवरी 2020 में हुई उस घटना के वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिसकर्मियों को सस्पेन्ड कर दिया गया था। उस मामले में उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर भी दर्ज की गई थी। वह मामला एक मोबाइल फ़ोन के चोरी होने का था। जिसके ख़िलाफ़ शिकायत की गई थी पुलिस ने उसकी थाने में लाकर बेरहमी से पिटाई की थी।
उस घटना का वीडियो यू-ट्यूब चैनल पर भी अपलोड किया गया था।
इस पूरे मामले को देखने पर साफ़ हो जाता है कि जो तसवीर वायरल हो रही है और जिसे अर्णब गोस्वामी की पिटाई होना बताया जा रहा है वह दरअसल, पुरानी तसवीर है। उसका अर्णब गोस्वामी से कुछ भी लेनादेना नहीं है।
हालाँकि इस सबसे अलग जब बुधवार सुबह पुलिस अर्णब गोस्वामी को गिरफ़्तार करने के लिए उनके घर पहुँची थी और गिरफ़्तारी की कोशिश की जा रही थी तब रिपब्लिक टीवी चैनल ने हाथापाई का आरोप लगाया था। जब पुलिस अर्णब को पुलिस गाड़ी में गिरफ़्तार कर ले जा रही थी तब अर्णब ने पुलिस द्वारा अपने ऊपर हमला किये जाने का आरोप लगाया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर यही आरोप लगाया जाने लगा। जब कोर्ट में अर्णब को पेश किया गया तो अर्णब गोस्वामी ने अदालत में 'चोट के निशान' दिखाते हुए कहा, 'पुलिसकर्मियों ने मुझे चारों ओर से घेरा, मुझे धक्का दिया। मैं यहाँ बिना जूते के हूँ… मेरे साथ मारपीट की गई है।’ इस दौरान, उनके आसपास मुंबई पुलिसकर्मी मौजूद थे, जो उन्हें थाने लेकर जा रहे थे। इस तर्क पर अदालत ने उनका एक बार फिर से मेडिकल कराया तथा जाँच रिपोर्ट में कुछ नहीं आने पर उनकी दलील को खारिज कर दिया।