कोरोना पर मदद : यूपी सरकार सभी दिहाड़ी, निमार्ण मजदूरों को देगी मासिक 1,000 रुपए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद अहम फ़ैसला लेते हुए एलान किया है कि सभी दिहाड़ी मजदूरों और निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को मासिक 1,000 रुपए की मदद दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश में 15 लाख दिहाड़ी मजदूर हैं। इसके अलावा 20.37 लाख लोग भवन निर्माण से जुड़े काम में लगे हुए हैं। कोरोना संकट से निपटने के लिए इन मजदूरों को यह मदद दी जाएगी। यह मदद इसलिए दी जाएगी कि कामकाज बंद होने की स्थिति में वे इस पैसे से खाने-पीने की चीजें खरीद सकें।
महामारी की इस घड़ी में सरकार आपके साथ खड़ी है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 21, 2020
प्रदेश में श्रम विभाग के अंतर्गत 20.37 लाख निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं, जिनमें 5.97 लाख श्रमिकों के बैंक खातों का डेटा विभाग के पास उपलब्ध है। ऐसे श्रमिकों के खातों में प्रतिमाह ₹1,000 की धनराशि भेजी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा है कि किसी चीज की किल्लत नहीं होने दी जाएगी, सभी चीजों का पर्याप्त भंडारण किया हुआ है। इसलिए लोग किसी चीज की ग़ैरजरूरी भंडारण करें। उन्होंने दुकानदारों से कहा कि वे किसी चीज की कीमत एमआरपी यानी अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक न लें। उन्होंने कहा कि लोग बेवजह न घबराएं।
सरकार ने यह भी कहा है कि ज़रूरतमंद लोगों को एक महीने का राशन मुफ़्त दिया जाएगा। जो परिवार कहीं पंजीकृत नहीं हैं और जिन्हें किसी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, उन्हें भी महीने में 1,000 रुपए की मदद दी जाएगी।
लगभग 1.65 करोड़ जरूरतमंदों को एक माह निःशुल्क राशन, माह अप्रैल में उपलब्ध कराया जाएगा। जो परिवार किसी सरकारी योजना से आच्छादित नहीं है, यदि उनके भरण-पोषण की व्यवस्था नहीं है, तो हम समुचित प्रावधानों के तहत उन्हें भी ₹1000 प्रतिमाह की सहायता उपलब्ध कराएंगे।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 21, 2020
मुख्यमंत्री ने कहा है कि 'प्रदेश सरकार की विभिन्न पेंशन योजनाओं के लाभार्थियों को दो माह की अग्रिम पेंशन दिए जाने का निर्णय लिया गया है। यह राशि अप्रैल माह में दी जाएगी। मनरेगा के अंतर्गत पूर्ण हो चुके कार्य के संदर्भ में लगभग 556 करोड़ रुपए की धनराशि के भुगतान की कार्यवाही मार्च, 2020 में ही कराई जाएगी।'
योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि 'निजी क्षेत्र के संस्थानों एवं नियोक्ताओं को इस हेतु प्रेरित किया जाए कि जहां तक सम्भव हो कर्मचारियों को घर से कार्य करने की अनुमति दी जाए। इस व्यवस्था को सरकारी विभागों एवं संस्थानों में भी आवश्यकतानुसार लागू कराया जाए।'
किसे मिलेगा फ़ायदा
उत्तर प्रदेश सरकार की इस घोषणा का फ़ायदा उन्हें ही मिलेगा, जिनके नाम सरकार के पास पंजीकृत हैं और जिनका बैंक खाता खुला हुआ है।
लेकिन सच यह है कि दिहाड़ी मजदूरों की कुल आबादी का बहुत छोटा हिस्सा ही पंजीकृत है। बाकी लोग पूरी तरह असंगठित हैं। न तो वे कहीं पंजीकृत हैं, न उनका कोई संगठन है और न ही उनके पास बैंक खाता है।
ये लोग मोटे तौर पर खेतों में काम करते हैं, लोगों के घरों में छोटे-मोटे काम करते हैं, होटलों-दुकानों में छोटा मोटा काम करते हैं। मोटे तौर पर ये निरक्षर हैं या अधिक से अधिक प्राइमरी पास होते हैं। ऐसे लोगों की तादाद लाखों में है।
दूसरी बात यह है कि पंजीकरण में बहुत समय लगेगा, कोरोना फैला तो तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। सरकार ने पंजीकरण के लिए किसी ख़ास प्रक्रिया का एलान नहीं किया है। वह यदि पहले से काम कर रहे विभागों से ही यह काम कराती है तो समय लगना स्वाभाविक है।
बैंक खाते तो और कम लोगों के पास हैं। जो पंजीकृत हैं, उनमें से भी बहुत कम लोगों के पास बैंक खाते होंगे। इस बड़े समुदाय को पैसा कैसे मिलेगा, यह बड़ा सवाल है।