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यूपी चुनाव: छठे चरण में बीजेपी को जीत दिला पाएंगे योगी? 

यूपी चुनाव: छठे चरण में बीजेपी को जीत दिला पाएंगे योगी? 

योगी आदित्यनाथ के विधानसभा चुनाव लड़ने से क्या बीजेपी को गोरखपुर जिले और आसपास की सीटों पर कोई फायदा मिलेगा?

हिंदुस्तान की सियासत की तसवीर तय करने वाले सूबे उत्तर प्रदेश की चुनावी लड़ाई अपने अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। 3 मार्च को छठे और 7 मार्च को सातवें और आखिरी चरण के लिए वोटिंग होगी। छठे चरण में 10 जिलों की 57 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इन जिलों में गोरखपुर, अंबेडकर नगर, बलिया, बलरामपुर, बस्ती, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर शामिल हैं।

ये हैं चुनावी दिग्गज

इस चरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर शहर, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही पत्थरदेवा, बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र त्रिवेदी इटवा, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह बांसी, राज्य मंत्री श्री राम चौहान गोरखपुर खजनी और जयप्रकाश निषाद रुद्रपुर से चुनाव मैदान में हैं। 

इसके अलावा गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से सपा के उम्मीदवार विनय शंकर तिवारी, अंबेडकरनगर की जलालपुर सीट से सपा उम्मीदवार राकेश पांडे भी बड़े चुनावी चेहरों में से एक हैं।

गोरखपुर शहर है हॉट सीट 

योगी आदित्यनाथ के चुनाव मैदान में होने के कारण गोरखपुर शहर निश्चित रूप से सबसे हॉट सीट है। गोरखपुर शहर सीट पर कुल 4.5 लाख मतदाता हैं। इनमें कायस्थ मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। इस सीट पर कायस्थ मतदाता 95,000, ब्राह्मण मतदाता 55,000 और क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या 25,000 है। इसके अलावा इस सीट पर 50,000 मुसलिम, 25,000 यादव और 20,000 दलित मतदाता और अन्य जातियों के मतदाताओं की संख्या 30,000 है।

1989 के बाद से अब तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है। बीते कुछ महीनों में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खासा जोर पूर्वांचल पर रहा था। योगी आदित्यनाथ गोरखपुर की गोरक्षनाथ पीठ के महंत हैं। वह यहां से 5 बार सांसद रहे हैं और हिंदू फायर ब्रांड नेता की छवि की वजह से गोरखपुर व आसपास के इलाकों में उनके समर्थकों की एक बड़ी तादाद है।

योगी आदित्यनाथ का यह पहला विधानसभा चुनाव है। देखना होगा कि उनके विधानसभा चुनाव लड़ने से क्या बीजेपी को गोरखपुर जिले और आसपास की सीटों पर कोई फायदा मिलता है।

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योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सपा ने बीजेपी के पूर्व नेता उपेंद्र दत्त शुक्ला की पत्नी सुभावती शुक्ला को चुनाव मैदान में उतारा है जबकि दलित नेता और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी यहां योगी आदित्यनाथ को चुनौती दे रहे हैं।

मोदी-योगी का सहारा

छठे और सातवें चरण में बीजेपी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़ी उम्मीद है। क्योंकि छठे चरण में गोरखपुर और इसके आसपास के इलाकों में चुनाव हो रहा है जबकि सातवें चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी और इसके आसपास के जिलों में मतदान होना है। इन इलाकों में सपा और बीएसपी भी काफी मजबूत रही है लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां अच्छी सफलता मिली थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 दिन तक वाराणसी में रुकेंगे। प्रधानमंत्री 3 मार्च से लेकर 5 मार्च तक चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री इस दौरान मिर्जापुर, भदोही, जौनपुर और चंदौली में चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे।

पूर्वांचल के इस इलाके में इस बार ओम प्रकाश राजभर की अगुवाई वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी इस बार सपा के साथ है जबकि पिछली बार उसका बीजेपी के साथ गठबंधन था। 

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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी हर चरण के चुनाव की तरह इस इस चरण में भी जमकर पसीना बहाया है। 

उत्तर प्रदेश में अब तक 292 सीटों पर मतदान हो चुका है और 111 सीटों पर होना बाकी है। पश्चिम से शुरू हुआ चुनाव अवध, बुंदेलखंड से होता हुआ पूर्वांचल तक आ पहुंचा है। अब तक के चरणों में बीजेपी और सपा गठबंधन के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिली है। इन दो चरणों में भी इन दोनों के बीच जोरदार सियासी मुकाबला है और जीत हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दिग्गजों ने पूरा जोर लगा दिया है। चुनाव नतीजों की तारीख भी नजदीक आ चुकी है। देखना होगा कि जनता किसके हक में फैसला सुनाती है।

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