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बीजेपी यूपी में गाय को बनाएगी चुनावी मुद्दा?

बीजेपी यूपी में गाय को बनाएगी चुनावी मुद्दा?

क्या बीजेपी यूपी विधानसभा चुनाव में गाय को एक बार फिर चुनावी मुद्दा बनाएगी? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से तो यही संकेत मिलता है। 

क्या बीजेपी एक बार फिर गाय को चुनावी मुद्दा बनाएगी और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में इस मुद्दे पर हिन्दुओं की भावनाओं को उभार कर उन्हें वोटों में तब्दील करने की कोशिश करेगी? अयोध्या के बाद काशी-मथुरा का मुद्दा तो बीजेपी के लोग उठा ही रहे हैं, इसमें गाय भी जोड़ देने से हिन्दुत्व का एजेंडा पूरा हो जाएगा। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वाराणसी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 

हमारे यहाँ गाय की बात करना, गोबर धन की बात करना, कुछ लोगों ने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं जैसे हम गुनाह कर रहे हैं। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय माता है, पूजनीय है।


नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

आजीविका

उन्होंने इसके आगे कहा, "गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के आठ करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।"

प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही करखियांव में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण फूड पार्क में 'बनास डेरी संयंत्र' का शिलान्यास किया। करीब 30 एकड़ क्षेत्र में यह डेरी 475 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जाएगी और इसमें पाँच लाख लीटर प्रतिदिन दूध तैयार किया जाएगा। 

दुग्ध उत्पादकों को पैसे

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने बनास डेरी से जुड़े 1,70,000 से अधिक दुग्ध उत्पादकों को करीब 35 करोड़ रुपए का बोनस डिजिटल माध्यम से उनके बैंक खातों में ट्रांसफ़र किया।

यानी प्रधानमंत्री का पूरा कार्यक्रम गाय के इर्द-गिर्द ही घूमता रहा। 

निशाने पर सपा

मोदी ने इसके साथ ही नाम लिए बगैर ही समाजवादी पार्टी और उसके नेता अखिलेश यादव को निशाने पर लिया और यह साबित करने की कोशिश की कि अखिलेश के लिए गाय की बात करना गुनाह है, उनके लिए नहीं। 

नरेंद्र मोदी यह साबित करना चाहते हैं कि समाजवादी पार्टी गाय का मजाक उड़ाती है जबकि बीजेपी गाय को माता के समान मानती है।

गायों के लिए

मोदी ने गाय की यह बात ऐसे समय कही है जब उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही गायों के लिए एंबुलेंस सेवा शुरू करने जा रही है। यह सेवा उन गायों के लिए होगी जो बीमार हैं।

राज्य के डेरी विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बीते महीने इसका एलान करते हुए कहा था कि इस काम के लिए 515 एंबुलेंस बनकर तैयार हो चुकी हैं। 

मंत्री ने मथुरा में पत्रकारों को बताया कि बीमार गायों के बारे में जानकारी देने के लिए आपातकालीन नंबर 112 जारी किया गया है। 

मंत्री ने कहा, “एंबुलेंस में एक पशु चिकित्सक और दो सहयोगी भी रहेंगे और किसी बीमार गाय के बारे में सूचना मिलने के 15 से 20 मिनट के अंदर एंबुलेंस मौक़े पर पहुँच जाएगी।” 

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गाय कॉल सेंटर

इसके लिए लखनऊ में एक कॉल सेंटर भी बनाया जा रहा है। चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब सरकार की ओर से गोशालाओं के लिए पैसा दिया गया और यह योगी सरकार ने किया। 

याद दिला दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 2019 में आवारा गायों की देखभाल के लिए आश्रय स्थल बनाने, उनके चारे-पानी के लिए शराब की बिक्री पर 0.5 फ़ीसदी अतिरिक्त 'सेस' लगाया था। इसके अलावा गायों के लिए आश्रयस्थल बनाने और उनकी देखभाल के लिए नगर निगमों को पैसे दिए गए थे। प्रदेश सरकार ने गाँवों, स्थानीय निकायों में गौशालाएँ बनाने के लिए भी फंड जारी किया था। 

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मध्य प्रदेश

इसी तरह बीजेपी शासित राज्य मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कहा है कि 'गाय, गाय के गोबर और गोमूत्र के बल पर कोई व्यक्ति अपनी आर्थिक हालत सुधार सकता है और देश की अर्थव्यवस्था को भी ठीक किया जा  सकता है।'

अंतरिम बजट 2019

इसके अलावा केंद्र सरकार ने 2019 के अंतरिम बजट में गायों के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की थी। अंतरिम बजट पेश करते  हुए तत्कालीन कार्यकारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कई बड़े वादे किए थे।

उन्होंने गायों के लिए अलग आयोग बनाने और कामधेनु योजना की घोषणा की थी। बजट भाषण में गोयल ने कहा था, 'गौमाता के सम्मान में और गौमाता के लिए यह सरकार कभी पीछे नहीं हटेगी। जो ज़रूरत होगी, वह काम करेगी।'  

बीजेपी की इस गाय राजनीति का ही असर है कि वैकल्पिक राजनीति की बात करने वाले अरविंद केजरीवाल को भी गायों के लिए योजनाओं का एलान करना पड़ा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2019 में गायों के लिए ‘पीजी हॉस्टल’ बनाने का एलान किया था।

छुट्टा गाएँ

लेकिन इस गाय राजनीति का एक दिलचस्प पहलू यह है कि उत्तर प्रदेश में हज़ारों की तादाद में आवारा गाएँ छुट्टा घूम रही हैं, जिन्हें उनके पालकों ने बूढ़ी और दूध देने में अक्षम हो जाने पर निकाल दिया और खुला छोड़ दिया है। ये गाएँ खेतों में खड़ी फसल चट कर जाती हैं और खेत का मालिक कुछ नहीं कर सकता। 

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इन आवारा गायों के खाने पीने की कोई व्यवस्था राज्य सरकार ने नहीं किया सिवाय कुछ गोशालाएं खोलने और कुछ गोशालाओं को कुछ पैसे देने के। लेकिन प्रदेश में जितनी आवारा गाएँ हैं, उन्हें गोशाला में रखना बेहद मुश्किल भरा काम है। लिहाजा, वे घूम रही हैं, खेत चर रही हैं और खेत मालिक असहाय होकर देख रहा है। इस पर प्रधानमंत्री कहते हैं कि गाय माता है। 

हिन्दुत्व की राजनीति

उत्तर प्रदेश में काशी का मुद्दा बनाया जा रहा है, काशी कॉरिडोर का उद्घाटन कर और उस मौके पर औरंगजेब व शिवाजी का मुद्दा उठा कर प्रधानमंत्री ने यह संकेत दे दिया है।

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जिस तरह मथुरा में भव्य निर्माण की तैयारी का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, उससे साफ है कि मथुरा की ईदगाह मसजिद को एक मुद्दा बनाया जाएगा। विश्व हिन्दू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस पर आन्दोलन खड़ा करने का संकेत दे चुके हैं। 

इसके साथ गाय का मुद्दा जुड़ जाने से बीजेपी के गाय और मंदिर का एजेंडा पूरा हो जाएगा। हिन्दुत्व के मुद्दे पर पूरे विपक्ष को पहले ही रक्षात्मक मुद्रा में ला देने और उन्हें उनके ही स्टैंड से पीछ धकेल देने में कामयाब बीजेपी एक बार फिर गाय को सामने लाकर विपक्ष को घेरने की रणनीति पर चल रही है।

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