यूपी बीजेपी प्रभारी ने राज्यपाल से मुलाक़ात की, बंद लिफाफा सौंपा
उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता राधा मोहन सिंह ने रविवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाक़ात की और उन्हें एक बंद लिफाफा सौंपा। इसके साथ ही प्रदेश की राजनीति में अटकलों का जोर तेज़ हो गया है।
हालांकि राधा मोहन सिंह ने इसे औपचारिक मुलाक़ात कहा है, लेकिन बंद लिफाफे में क्या है, यह सवाल लोगों को परेशान कर रहा है। राजनीतिक अटकलें इसलिए तेज़ हो गई हैं कि इसके पहले प्रदेश बीजेपी के साथ केंद्र से भेजे गए पर्यवेक्षकों की दो दिनों तक कई दौर की लंबी बातचीत हुई थी।
अनुमान यह लगाया जा रहा है कि सरकार में किसी तरह का फेरबदल हो सकता है या मंत्रिमंडल में विस्तार हो सकता है।
राज्यपाल से करीब आधे घंटे की मुलाक़ात के बाद बाहर निकलने पर राधा मोहन सिंह ने पत्रकारों से कहा, जबसे मैंने प्रदेश बीजेपी प्रभारी का कार्यभार संभाला है, राज्यपाल से अब तक मिला नहीं था।
लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या किसी पार्टी के प्रदेश प्रभारी या प्रदेश अध्यक्ष के लिए यह आवश्यक है कि वह राज्यपाल से मिले? क्या संविधान में इसकी कोई व्यवस्था है?
योगी की तारीफ
यूपी बीजेपी के प्रभारी ने कहा कि मंत्रिमंडल मे जो भी पद खाली हैं, उचित समय आने पर मुख्यमंत्री पार्टी से सलाह कर उसे भरेंगे।
योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए राधा मोहन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रहे हैं, सभी उनका लोहा मानते हैं, कोरोना काल में उन्होंने बहुत ही अच्छा काम किया है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार के नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री और स्वतंत्र देव सिंह यूपी बीजेपी अध्यक्ष के रूप में काम करते रहेंगे।
समझा जाता है कि उत्तर प्रदेश में जल्द कैबिनेट विस्तार होगा। पूर्व आईएएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद ए. के. शर्मा को महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है।
उत्तर प्रदेश बीजेपी में क्या उठापटक चल रही है और मुख्यमंत्री की क्या स्थिति है, देखें वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का यह वीडियो।