इतिहास को सीमित करने की कोशिशें हुईं, अब डंके की चोट पर सुधार: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को 125वीं जयंती पर याद करते हुए विरोधियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले इतिहास को सीमित करने की कोशिशें हुई थीं और अब उन ग़लतियों को सुधारा जा रहा है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करते हुए उन्होंने कहा कि अब भूला दिए गए देश के हीरो को याद किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर इंडिया गेट पर बोस की होलोग्राम प्रतिमा के अनावरण के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। फ़िलहाल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा रहेगी, लेकिन बाद में ग्रेनाइट की एक भव्य प्रतिमा बनाई जाएगी। वह प्रतिमा होलोग्राम प्रतिमा की जगह ले लेगी।
At the programme to mark the unveiling of the hologram statue of Netaji Bose. https://t.co/OxRPKqf1Q7
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2022
प्रधानमंत्री ने अलंकरण समारोह में वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए 'सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार' से भी सम्मानित किया। समारोह के दौरान कुल सात पुरस्कार प्रदान किए गए।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'स्वाधीनता संग्राम में लाखों-लाख देशवासियों की तपस्या शामिल थी लेकिन उनके इतिहास को भी सीमित करने की कोशिशें हुईं। लेकिन आज आज़ादी के दशकों बाद देश उन गलतियों को डंके की चोट पर सुधार रहा है, ठीक कर रहा है।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि 'आज़ादी के अमृत महोत्सव का संकल्प है कि भारत अपनी पहचान और प्रेरणाओं को पुनर्जीवित करेगा। य़ह दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद देश की संस्कृति और संस्कारों के साथ ही अनेक महान व्यक्तित्वों के योगदान को मिटाने का काम किया गया।' प्रधानमंत्री का यह बयान उस संदर्भ में लगता है जिसमें वह पिछले कई मौक़ों पर कांग्रेस को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराते रहे हैं।
मोदी के साथ ही बीजेपी के दूसरे कई नेता भी आरोप लगाते रहे हैं कि सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई जैसी महान विभूतियों को कांग्रेस ने वह सम्मान नहीं दिया जो उन्हें मिलना चाहिए था। हालाँकि, इन मामलों के जानकार बीजेपी के इन आरोपों को ग़लत क़रार देते रहे हैं।
ममता के मोदी सरकार पर आरोप
प्रधानमंत्री का यह भाषण तब आया है जब आज ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लेकर किए वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है। ममता ने सवाल किया कि केंद्र ने बोस की मृत्यु से जुड़ी फ़ाइलों को सार्वजनिक क्यों नहीं किया?
तृणमूल कांग्रेस ने मांग की है कि जापान के रेनकोजी मंदिर में संरक्षित राख, जिसे स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की माना जाता है, उसे डीएनए विश्लेषण के लिए भेजा जाए।
ममता बनर्जी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि केंद्र सरकार ने उन फाइलों को लेकर कुछ नहीं किया जबकि पश्चिम बंगाल सरकार ने सभी फाइलों को सार्वजनिक कर दिया। बता दें कि पश्चिम बंगाल में नेताजी बोस के प्रति लोगों का बेहद लगाव है और उनसे लोगों की भावनाएँ जुड़ी हैं।
ममता बनर्जी जिन फाइलों को सार्वजनिक करने की बात कह रही हैं वे दरअसल उनकी मृत्यु से जुड़ी हुई हैं। कुछ लोगों का मानना है कि उनकी मृत्यु 1945 में एक विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी। जबकि 2017 में सूचना के अधिकार के तहत एक प्रश्न के जवाब में केंद्र ने पुष्टि की थी कि सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 18 अगस्त, 1945 को ताइपे में एक विमान दुर्घटना में हुई थी। केंद्र सरकार यह भी दावा करती रही है कि उसने नेताजी से जुड़ी सभी फाइलों को सार्वजनिक कर दिया है। हालाँकि, कुछ रिपोर्टों में आरोप लगाया जाता रहा है कि अभी भी कुछ फाइलों को सार्वजनिक नहीं किया गया है।