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उन्नाव हादसा: एफ़आईआर में बीजेपी के मंत्री के दामाद का भी नाम

उन्नाव हादसा: एफ़आईआर में बीजेपी के मंत्री के दामाद का भी नाम

उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुई ट्रक दुर्घटना में दर्ज हुई एफ़आईआर में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के अलावा एक और बीजेपी नेता का नाम शामिल है।

उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुई ट्रक दुर्घटना में दर्ज हुई एफ़आईआर में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के अलावा एक और बीजेपी नेता का नाम शामिल है। पीड़िता के चाचा की ओर से दर्ज कराई गई एफ़आईआर में विधायक, उसके भाई और 8 अन्य लोगों का नाम शामिल है। सड़क दुर्घटना के बाद से ही पीड़िता के परिजनों ने कई बार कहा है कि यह घटना विधायक के इशारे पर हुई है और विधायक के गुर्गे कई बार उनके परिवार को केस को वापस लेने की धमकी दे चुके हैं।

इस दूसरे बीजेपी नेता का नाम एफ़आईआर में 7 वें नंबर पर है और इनका नाम अरुण सिंह है। अरुण सिंह उन्नाव बीजेपी की ब्लॉक इकाई के अध्यक्ष हैं। अरुण सिंह को कुलदीप सिंह सेंगर का बेहद क़रीबी बताया जाता है। 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार में अरुण सिंह को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जैसे पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज के साथ देखा गया था। 

अरुण सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रानवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ़ ‘धुन्नी भैया’ के दामाद हैं। रानवेंद्र प्रताप सिंह योगी आदित्यनाथ सरकार में कृषि मंत्री हैं और फतेहपुर से विधायक हैं। बता दें कि कार को टक्कर मारने वाले ट्रक के मालिक और ड्राइवर फतेहपुर से ही संबंध रखते हैं। हालाँकि अब तक इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि रानवेंद्र प्रताप सिंह का क्या इनके साथ कोई संबंध है।

बता दें कि इस मामले की जाँच सीबीआई को सौंप दी गई है। एफ़आईआर में कहा गया है कि अरुण सिंह और अन्य लोग रेप पीड़िता के परिवार को लगातार डरा-धमका रहे थे और केस वापस लेने के लिए दबाव बना रहे थे। मामले में रानवेंद्र सिंह ने कहा, ‘सीबीआई मामले की जाँच कर रही है और जाँच में सब कुछ साफ़ हो जाएगा। वह (अरुण सिंह) मेरा रिश्तेदार है, इसमें कोई शक नहीं है लेकिन रिश्तेदार होना कोई अपराध नहीं है।’

उन्नाव रेप पीड़िता के परिवार ने सड़क दुर्घटना के बाद दावा किया था कि बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के आदमी उन्हें आए दिन धमकाते रहते थे और अब पीड़िता के परिवार की ओर से एक वीडियो भी जारी किया गया है। इस वीडियो को पीड़िता की बहन ने बनाया है। पीड़िता के परिवार ने चीफ़ जस्टिस ऑफ़ इंडिया रंजन गोगोई और स्थानीय पुलिस को पत्र लिखकर इन धमकियों के बारे में भी बताया था। अब सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से पूछा है कि उन्हें यह चिट्ठी मिलने में इतना समय क्यों लग गया। बता दें कि रेप पीड़िता जब रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी तभी उनकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। इस दुर्घटना में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई है जबकि पीड़िता और उनके वकील लखनऊ के ट्रामा सेंटर में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। 

पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन्नाव के बांगरमऊ से बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसके साथ जून, 2017 में अपने आवास पर बलात्कार किया था। पीड़िता ने कहा था कि तब वह अपने एक रिश्तेदार के साथ नौकरी माँगने के लिए विधायक के पास गई थी। 

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