केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर 'बीफ पर्ची' पर घिरे तो BSF पर लगाया सनसनीखेज आरोप
पश्चिम बंगाल में राजनीति का स्तर इतना गिर गया है कि विवाद में अब सुरक्षा बलों को भी घसीटा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता शांतनु ठाकुर, ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की आलोचना की है। उनका आरोप है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात 85 बटालियन के कुछ लोग तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को ''राजनीतिक आश्रय'' दे रही है। लेकिन उनका यह आरोप तब सामने आया जब वो खुद एक गंभीर आरोप से घिर गए। शांतनु ठाकुर पर आरोप है कि उन्होंने बंगाल उपचुनाव के दौरान भारत-बांग्लादेश सीमा पर उन वाहनों के लिए पास जारी किए, जिनसे बीफ (गोमांस) की सप्लाई हो रही थी।
बीएसएफ के अफसरों पर आरोप लगाने के लिए शांतनु ठाकुर ने सोमवार को बोनगांव में अपने घर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री (एमओएस) ने टीएमसी के आरोपों का जवाब देते हुए बीएसएफ पर उंगली उठाई कि उसके कुछ अधिकारी सीमा पर गोमांस सप्लाई करने के लिए नागरिकों को वाहनों के पास जारी कर रहे हैं।
बीफ ले जाने वाले कथित वाहनों को पास जारी करने पर अपनी सफाई देते हुए शांतनु ठाकुर ने कहा- “यह तस्करी नहीं है। ये वे नागरिक हैं जिन्हें बीएसएफ द्वारा सीमा पर नाका चेकिंग में पैदा की गई कठिनाई के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ता है। अगर मेरा लेटरहेड उन चीजों को सुचारू रूप से पहुंचाने में मदद करता है, तो मुझे लगता है कि यह असामाजिक काम नहीं है।'' मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जियारुल गाजी उनके साथ बैठे हुए थे। जियारुल गाजी पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर 2 जुलाई को उनसे ''बीफ पास'' खरीदा था।
ठाकुर ने कहा- “पूरा बीएसएफ एक जैसा नहीं है। 85 बटालियन में तैनात कुल लोगों में से एक हिस्सा टीएमसी को संरक्षण दे रहा है, और अगर वह टीएमसी के लिए ऐसा कर रहा है, तो हमें कदम उठाना होगा।” बीएसएफ गृह मंत्रालय के तहत आता है। बीएसएफ की ओर से अभी कोई बयान नहीं आया है।
Please watch video @IndianExpress @the_hindu - @BSF_India lying if they say this is standard procedure. Minister is taking ₹200 per slip from beef transporters. Any action @HMOIndia ? https://t.co/oPDG82TGrf
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) July 8, 2024
केंद्रीय मंत्री पर गंभीर आरोप
"बीफ पॉलिटिक्स" तब गंभीर हो गई जब टीएमसी ने भाजपा पर पहला हमला बोला। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने मंत्री के लेटरहेड पर जारी पास की तस्वीर शेयर की। आरोप के मुताबिक केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने 85 बटालियन के कंपनी कमांडर को संबोधित पास, में उत्तर 24 परगना के हकीमपुर निवासी जियारुल गाज़ी को तीन किलोग्राम गोमांस ले जाने की अनुमति देने के लिए था। ऊपर महुआ का ट्वीट देखिए। उसमें जियारुल गाजी का वीडियो बयान भी है।
महुआ मोइत्रा ने जियारुल गाज़ी का एक वीडियो साझा किया, जिसमें कहा गया कि सांसद के फ्लैट से नजमुल नामक शख्स को 200 रुपये के भुगतान पर सप्ताह में तीन बार ऐसे पास दिए जाते हैं। गाजी ने कहा कि “कई निवासी विभिन्न कार्यों के लिए प्रतिदिन इसका लाभ उठाते हैं। मैंने 2 जुलाई को एक पास लिया था।'' यह साफ नहीं है कि जियारुल से सवाल किसने पूछा। जियारुल ने कहा कि वह अपने परिवार को खिलाने के लिए बीफ अपने घर ले गए।
गोमांस और गोहत्या को लेकर भाजपा का स्टैंड बहुत स्पष्ट है। उसने गोरक्षा कानून बनाया और भाजपा शासित तमाम राज्यों में गोमांस को लेकर तमाम सख्तियां हैं। हालांकि 'बड़े के मांस' (भैंस का मांस) को लोकल लेवल पर गोमांस बता दिया जाता है, जबकि वो बीफ नहीं है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से भाजपा के खिलाफ वोट करने का आग्रह किया था, क्योंकि टीएमसी के विपरीत, वे "भोजन को नियंत्रित करना चाहते हैं।" भाजपा शासित यूपी, एमपी, राजस्थान, हरियाणा में अक्सर बड़े का मांस ले जाने वालों को गो तस्कर बताकर गोरक्षक दल मारपीट करते हैं। कई बार हत्या तक की गई है। इन राज्यों में पुलिस भी बीफ तस्करी का केस दर्ज करती है।
बीजेपी प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, 'टीएमसी ऐसे समय में सिर्फ ध्यान भटकाने वाली राजनीति कर रही है, जब पार्टी मॉब लिंचिंग विवादों में घिरी हुई है।' एक अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यह एक खुला रहस्य है कि बीएसएफ कैसे काम करती है, लेकिन सांसद के लेटरहेड वाले पास पर हस्ताक्षर नहीं होने चाहिए। हालाँकि, उन्होंने कहा कि उन्हें सत्तारूढ़ टीएमसी और उनकी पार्टी के बीच इस ताज़ा आरोप का कोई राजनीतिक प्रभाव नहीं दिखता है।
भाजपा नेता ने कहा कि “क्या कोई नहीं जानता कि बीएसएफ कैसे काम करती है? लेकिन, महुआ मोइत्रा ने तुरंत एक ट्वीट में 'बीएसएफ, बीफ और बीजेपी' का मुद्दा उठा दिया। राजनीतिक रूप से, इसका हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और न ही टीएमसी को इससे कोई राजनीतिक लाभ मिलेगा। महुआ टीएमसी की ओर से ट्वीट नहीं करती हैं। वह जो चाहती हैं वह ट्वीट करती हैं, लेकिन नेता पास पर हस्ताक्षर करने के लिए पैसे ले रहे हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए।“