आरसीपी सिंह बीजेपी में शामिल हुए या नहीं? जानिए हकीकत
केंद्रीय मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह यानी आरसीपी सिंह सोमवार को बीजेपी में शामिल हुए या नहीं, इस पर सोमवार को असमंजस की स्थिति बनी रही। कहा जा रहा है कि बीजेपी तेलंगाना के एक ट्वीट के कारण सियासी गलियारों में उनके बीजेपी में शामिल होने की चर्चा होने लगी। तेलंगाना बीजेपी ने 2 जुलाई को एक तसवीर साझा करते हुए ट्वीट किया था, 'आरसीपी सिंह के बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होने के लिए एयरपोर्ट पर आगमन पर भव्य स्वागत किया गया।'
A warm welcome of Shri. @RCP_Singh MP (RS) the airport for attending BJP NEC meeting to be held in Hyderabad at HICC Today & Tomorrow.
— BJP Telangana (@BJP4Telangana) July 2, 2022
श्री अर सी पी सिंह राष्ट्रीय कार्यकारिणी में आगमन पर भव्य स्वागत। #BJPNECInTelangana pic.twitter.com/aLZUOwKzQd
इस ट्वीट के बाद जब उनके बीजेपी में शामिल होने के कयास लगाए जाने लगे तो मीडिया रिपोर्टों में सफाई आई कि आरसीपी सिंह बीजेपी में शामिल नहीं हुए हैं और वह हैदराबाद में एक कमेटी की बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। बता दें कि कई दिनों से उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लग रही थीं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बार आरसीपी सिंह को राज्यसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया था।
नीतीश के करीबी थे आरसीपी
आईएएस और आईआरएस रहे आरसीपी सिंह लंबे वक्त तक नीतीश के साथ रहे। जब नीतीश कुमार अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री बने थे, आरसीपी सिंह उनके निजी सहयोगी बने थे। उस समय से वे लगातार उनके साथ काम करते रहे। नीतीश कुमार जब 2005 में मुख्यमंत्री बने, आरसीपी सिंह प्रधान सचिव बनाए गए थे। नीतीश ने उन्हें जेडीयू का अध्यक्ष भी बनाया था।
आरसीपी सिंह नीतीश कुमार की ही कुर्मी बिरादरी से आते हैं और उन्होंने बीए की पढ़ाई पटना कॉलेज जबकि एमए जेएनयू से किया है। जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद आरसीपी सिंह को बीजेपी से समन्वय का काम दिया गया था। आरसीपी सिंह मोदी सरकार में जेडीयू की ओर से अकेले मंत्री थे।
लेकिन ऐसा आरोप था कि उनकी बीजेपी से नजदीकियां बढ़ रही हैं। आरसीपी सिंह के बीजेपी में आने से बीजेपी को बिहार में कुर्मी-कोईरी बिरादरी के वोटों का फायदा मिल सकता है।
दूसरी ओर, बिहार की सियासत में चर्चा इस बात की भी है कि जेडीयू और आरजेडी एक बार फिर से साथ आ सकते हैं लेकिन बीजेपी ने कहा है कि नीतीश कुमार ही 5 साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे।