उत्तराखंड में जल्द लागू हो सकता है यूनिफॉर्म सिविल कोड
उत्तराखंड में जल्द ही यूनिफॉर्म सिविल कोड या यूसीसी लागू हो सकता है। इसको लेकर राज्य सरकार तैयारी कर रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए बनी समिति 2 फरवरी तक राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। इसके बाद सरकार इसे विधानसभा से पारित करवाएगी।
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक सरकार ने उत्तराखंड विधानसभा का सत्र 5 फरवरी को बुलाया है। 25 जनवरी को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में जल्द से जल्द यूसीसी के कार्यान्वयन के बारे में पर्याप्त संकेत दिए थे।
उन्होंने कहा था कि यूसीसी को लेकर बनी समिति ने अपना काम लगभग पूरा कर लिया है। इसे संकलित करने और कुछ अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए थोड़ा और समय चाहिए, इसलिए समिति की समयावधि 15 दिन बढ़ा दी गई है।
धामी ने कहा है था कि हमें जल्द ही मसौदा मिलने वाला है। जैसे ही हमें यह मिलेगा, हम आगे कदम उठाएंगे और विधानसभा सत्र बुलाएंगे।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता या यूसीसी के कार्यान्वयन के लिए ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति का गठन 27 मई, 2022 को किया गया था। उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना भाजपा का चुनावी वादा था।
सूत्रों का दावा है कि फरवरी में ही धामी सरकार उत्तराखंड में यूसीसी लागू कर सकती है। इसको लेकर सीएम धामी काफी गंभीर हैं। उनकी गंभीरता को इस बात से भी समझा जा सकता है कि उन्होंने 2 फरवरी को कैबिनेट के साथ अपना अयोध्या के राम मंदिर का प्रस्तावित दौरा भी रद्द कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक समिति से यूसीसी का ड्राफ्ट मिलने के बाद इसे विधि, वित्त और न्याय विभाग के पास भेजा जाएगा। रिपोर्ट के विभिन्न कानूनी पहलुओं को इस दौरान सरकार समझेगी। इसके बाद इसे लागू किया जाएगा।
यूसीसी को लेकर गठित इस समिति का कार्यकाल 26 जनवरी को ही खत्म हो चुका था, सरकार ने इसके कार्यकाल को अब 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया है।
यूसीसी भाजपा का काफी पुराना एजेंडा है। कई दशकों से भाजपा जनता से वादा करती रही है कि वह यूसीसी को लागू करेगी। राष्ट्रीय स्तर पर यह अब तक संभव नहीं हो पाया है।
इस बीच उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी लागू करने को लेकर तेजी दिखाई है। उत्तराखंड विधानसभा के पिछले चुनाव में भी भाजपा ने यूसीसी लागू करने का वादा किया था। राज्य सरकार इसे अगर लागू कर देती है तब वह जनता से किया हुआ वादा पूरा करने में कामयाब हो जाएगी।
माना जा रहा है कि यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड में मुस्लिम समाज के तलाक के तरीके में भी बदलाव होगा। इसके लागू होने के बाद धार्मिक तरीकों से होने वाला तलाक अवैध हो जाएगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक नए कानून के दायरे में तलाक-ए-हसन और तलाक-ए-अहसन भी आएंगे।
इसके साथ ही मुस्लिम पुरुषों को चार शादियां तक करने का अधिकार खत्म हो जाएगा। भाजपा उनके चार शादियों के अधिकार और तलाक के तरीकों को लेकर लंबे समय से मुद्दा बनाती रही है।