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बिहार में एक और निर्माणाधीन पुल ढहा, '9 दिनों में 5वीं' घटना

बिहार में एक और निर्माणाधीन पुल ढहा, '9 दिनों में 5वीं' घटना

बिहार में एक के बाद एक निर्माणाधीन पुल के ढहने की ख़बरें क्यों आ रही हैं? जानिए, विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने क्या आरोप लगाया है।

बिहार में एक और निर्माणाधीन पुल ढह गया है। पिछले कुछ दिनों से लगातार पुल ढहने की ख़बरें सामने आ रही हैं। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि पुल ढहने की पिछले नौ दिन में पाँचवीं घटना है।

तेजस्वी ने इस घटना को ख़बरों में नहीं दिखाए जाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने पुल का एक वीडियो फुटेज साझा करते हुए पोस्ट किया, '𝟗 दिन के अंदर बिहार में यह 𝟓वाँ पुल गिरा है। मधुबनी-सुपौल के बीच भूतही नदी पर वर्षों से निर्माणाधीन पुल गिरा। क्या आपको पता लगा? नहीं तो, क्यों? बूझो तो जानें?

पुल ढहने की यह घटना बिहार के मधुबनी क्षेत्र की है। शुक्रवार को एक निर्माणाधीन पुल ढह गया। यह घटना मधुबनी जिले के भेजा थाने के मधेपुर प्रखंड में हुई जहां 75 मीटर लंबा पुल निर्माणाधीन था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार 3 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह पुल 2021 से निर्माणाधीन था। इसका निर्माण बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा कराया जा रहा था।

जैसे ही जलस्तर बढ़ा, 25 मीटर लंबा सहायक कॉलम नीचे नदी में गिर गया। रिपोर्ट के अनुसार घटनास्थल से प्राप्त तस्वीरों में गिरे हुए कॉलमों को बड़ी-बड़ी तिरपाल की चादरों से ढका हुआ दिखाया गया।

इससे पहले गुरुवार को किशनगंज जिले में एक पुल ढह गया था। 23 जून को पूर्वी चंपारण जिले में एक निर्माणाधीन छोटा पुल ढह गया था। 22 जून को सीवान में गंडक नहर पर बना एक पुल ढह गया। 19 जून को अररिया में एक निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा ढह गया। 

तब सोशल मीडिया पर आए वीडियो में दिखा था कि करोड़ों रुपये की लागत से बकरा नदी पर बना कंक्रीट का पुल कुछ ही सेकंड में टूट गया। उस पुल का निर्माण अररिया जिले में कुर्साकांटा और सिकटी के बीच आवागमन को आसान बनाने के लिए किया गया था।

12 करोड़ रुपये की लागत से बना यह पुल उद्घाटन से पहले ही ढह गया। सिकटी विधायक विजय कुमार ने एएनआई से कहा, 'निर्माण करने वाली कंपनी के मालिक की लापरवाही के कारण पुल ढह गया है। हम मांग करते हैं कि प्रशासन इसकी जांच करे।'

तब आरजेडी ने आरोप लगाया था, 'एनडीए की सरकार आते ही जगह जगह पुल गिरने चालू हो जाते हैं! कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का वह नंगा नाच होता है कि एनडीए नेताओं, भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों की चांदी हो जाती है!'

सड़क परिवहन और हाईवे मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय ने सफाई जारी की थी कि अररिया में दुर्घटनाग्रस्त पुलिया का निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अंतर्गत नहीं हुआ है।

बिहार में एनडीए की ही सरकार है और बीजेपी सत्ताधारी पार्टियों में शामिल है। गडकरी के कार्यालय ने कहा था, 'अररिया का उस पुल का काम बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत चल रहा था।'

बता दें कि इस साल मार्च में बिहार के सुपौल में एक निर्माणाधीन पुल के ढहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई अन्य फंस गए थे। पुल ढहने के बाद मरीचा के पास निर्माण स्थल पर अफरा-तफरी मच गई थी, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों और स्वयंसेवकों को बचाव कार्य में जुटना पड़ा था। कोसी नदी पर 984 करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण किया जा रहा था। यह दुर्घटना बिहार के भागलपुर में एक निर्माणाधीन पुल के ढहने की घटना से काफी मिलती-जुलती है, जिसके बाद राज्य सरकार और विपक्षी भाजपा के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी।

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