रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के 7 दिनों के भीतर 10 लाख से ज्यादा लोगों को यूक्रेन छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र की एक शरणार्थी एजेंसी ने यह जानकारी दी है। एजेंसी ने इस बात को भी कहा है कि 40 लाख लोगों को यूक्रेन छोड़ना पड़ सकता है।
रूस के द्वारा हमला किए जाने के बाद से ही यूक्रेन के लोग पोलैंड, मोल्दोवा, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया की ओर जा चुके हैं।
लेकिन ऐसे लोगों की मुश्किलें बहुत ज्यादा हैं जो यूक्रेन में फंस गए हैं क्योंकि रूस की ओर से कई प्रमुख शहरों पर लगातार बमबारी की जा रही है।
बीते दिनों में कई ऐसी तसवीरें सामने आई हैं जिनमें महिलाएं और बच्चे भी हाथों में सूटकेस लेकर अपना मुल्क छोड़ने को मजबूर हुए हैं।
यूक्रेन के इन नागरिकों के अलावा वहां रह रहे दूसरे देशों के नागरिक भी किसी तरह जान बचाकर भागना चाहते हैं। जबकि बड़ी संख्या में लोगों ने बंकरों और मेट्रो स्टेशनों या दूसरी जगहों पर शरण ली हुई है।
इतनी बड़ी संख्या में लोगों के यूक्रेन छोड़कर जाने के कारण एक बहुत बड़ा शरणार्थी संकट पैदा होने जा रहा है। क्योंकि अगर युद्ध कुछ और दिन जारी रहता है तो निश्चित रूप से संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के मुताबिक यूक्रेन छोड़ने वालों की संख्या 40 लाख के आसपास पहुंच सकती है।
दुनिया भर की ओर से कड़े प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी रूस पीछे नहीं हटा है और इस वजह से अब तक सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है और हजारों लोग यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने भी कहा है कि इस युद्ध के कारण बड़ी संख्या में लोग बेघर हो रहे हैं और इसे रोके जाने की जरूरत है। लेकिन रूस के लगातार हमलों के जवाब में यूक्रेन की सेना भी लड़ रही है और राजधानी कीव, खारकीव में भयंकर युद्ध चल रहा है।