रूस ने शांति वार्ता तोड़ी, हम अपनी ज़मीन नहीं छोड़ेंगे: यूक्रेन
रूस के द्वारा अलगाववादी इलाकों - लुहान्स्क और दोनेत्स्क को आजाद देश की मान्यता देने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी तरह का कोई खौफ नहीं है और इस बात की पूरी उम्मीद है कि उन्हें पश्चिमी देशों से मदद मिलेगी।
जेलेंस्की ने रूस पर शांति वार्ता को तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि यूक्रेन शांति का पक्षधर है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन अपनी जमीन नहीं छोड़ेगा।
उन्होंने इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से भी बातचीत की है।
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा है कि उनकी अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ बातचीत हुई है। उन्होंने रूस के द्वारा उठाए गए कदम को पूरी तरह अवैध बताया है और मांग की है कि उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएं।
Taking into account the dynamics of the situation, I had another call with @SecBlinken ahead of our tomorrow’s meeting in Washington, DC. Key topic: sanctions. I underscored the need to impose tough sanctions on Russia in response to its illegal actions.
— Dmytro Kuleba (@DmytroKuleba) February 22, 2022
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चेताया है कि यूक्रेन के विद्रोही इलाकों को मान्यता देने का उनका यह कदम शांति समझौतों का एकतरफा उल्लंघन है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस के इस एलान के बाद अपने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बैठक बुलाई। मैक्रों ने पुतिन और बाइडेन के बीच बैठक कराने की भी कोशिश की थी।
बता दें कि व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार तड़के राष्ट्र के नाम संबोधन में - लुहान्स्क और दोनेत्स्क को आजाद देश के तौर पर मान्यता देने का एलान किया।
उधर, अमेरिका जर्मनी और फ्रांस ने कहा है कि वे रूस के इस कदम का जवाब देंगे। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक भी बुलाई गई और इसमें आगे बनने वाले हालात को लेकर बेहद गंभीरता के साथ चर्चा हुई है।