यूक्रेन में रूसी सैनिकों के साथ कड़े संघर्ष के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने बेरारूस में बातचीत की रूसी पेशकश को ठुकरा दिया है। बेलारूस की सीमा से भी यूक्रेन पर रूसी हमले किए जाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा है कि उस देश में बातचीत नहीं हो सकती है जहाँ से रूसी हमले किए जा रहे हैं। हालाँकि, बातचीत के रास्ते खुले हुए हैं और उन्होंने इसके लिए एक वैकल्पिक जगह सुझाई है।
जेलेंस्की ने कौन सी जगह सुझाई है, यह जानने से पहले यह जान लें कि उन्होंने बेलारूस को लेकर क्या कहा। जब रूस ने बेलारूस में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा और कहा कि वह गोमेल शहर में यूक्रेन के साथ शांति वार्ता शुरू करने के लिए तैयार है तो यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने मास्को के प्रस्ताव को सीधे तौर पर खारिज कर दिया।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि रूस बेलारूस से यूक्रेन पर अपने कुछ हमलों को अंजाम दे रहा है और वह केवल उन्हीं जगहों पर बातचीत के लिए तैयार है जो उनके देश के प्रति आक्रामकता नहीं दिखा रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा है कि उन्हें वारसॉ, इस्तांबुल और बाकू वार्ता की जगह के रूप में स्वीकार्य हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि मैं किसी भी देश में बातचीत के लिए तैयार हूँ जहाँ से मिसाइलें नहीं दागी जाती हैं। इसके अलावा यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने रविवार को यह भी कहा कि रूसी हमले 'क्रूर' हैं। उन्होंने कहा कि रूसी बलों द्वारा नागरिक बुनियादी ढाँचे पर बमबारी की गई।
इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा था, 'रूस पहले से ही गोमेल में बातचीत के लिए तैयार है। अब मास्को यूक्रेनियन की प्रतीक्षा कर रहा है।'
दो दिन पहले भी क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा था कि वह यूक्रेन से बेलारूस की राजधानी मिंस्क में बातचीत को तैयार है। बातचीत के लिए किसी शर्त को लेकर दूतावास ने साफ़ नहीं किया था।
हालाँकि, उससे पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शुक्रवार को ही कहा था कि मास्को एक शर्त पर यूक्रेन से बातचीत को तैयार है। लेकिन इसने ऐसी शर्त रखी है जो यूक्रेन को मंजूर नहीं था।
शुक्रवार को भारत में रूस के दूतावास ने ट्वीट कर कहा था, 'क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उच्च पदस्थ अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को कीव के साथ वार्ता करने के लिए मिन्स्क भेजने के लिए तैयार हैं।'
उसी दिन रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा था कि कीव के साथ यह बातचीत तभी हो सकती है जब यूक्रेन की सेना अपने हथियार डाल दे। उन्होंने यह भी कहा था कि मास्को नहीं चाहता कि यूक्रेन पर 'नव-नाज़ियों' का शासन हो।
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सैन्य हमले के आदेश के बाद यूक्रेन में जमीनी आक्रमण और हवाई हमले हुए। इसके बाद गुरुवार को यूक्रेनी शहरों पर रूसी मिसाइलें दागी गईं और भारी गोलाबारी हुई। यह लड़ाई आज लगातार दूसरे दिन जारी रही।
रूस ने 24 फ़रवरी को यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध की घोषणा की। तब से रूसी सेना पूरे यूक्रेन में सैन्य ठिकानों और अन्य स्थानों पर हमले कर रही है। रूसी सैनिक कीव की राजधानी में अपना रास्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं।